केंद्र की मोदी सरकार ने शिक्षा और रोजगार सेक्टर के लिए एक बड़ा ऐलान किया है। दरअसल, बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में 57 नए केंद्रीय विद्यालय खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की। सरकार के इस फैसले से न सिर्फ शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि रोजगार सेक्टर में भी नए अवसर पैदा होंगे।

50 स्कूल होंगे राज्य सरकारों के अंडर

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए इस फैसले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि देश में जो 57 नए केंद्रीय विद्यालय खोले जाएंगे उनमें 7 स्कूल केंद्र सरकार के अंडर होंगे बाकी स्कूलों का संचालन राज्य सरकारों के द्वारा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इन स्कूलों के खोले जाने से 86,640 से अधिक छात्रों को फायदा होगा।

कितना खर्चा होगा सरकार का ?

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वर्तमान में 1288 केंद्रीय विद्यालय देश में चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि देश में 57 जो नए केवी स्कूल खोले जाएंगे इनकी स्थापना पर कुल 5,862.55 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह राशि वर्ष 2026-27 से अगले नौ वर्षों में खर्च की जाएगी। इसमें 2,585.52 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय और 3,277.03 करोड़ रुपये संचालन व्यय शामिल हैं।

कहां-कहां खुलेंगे नए स्कूल?

बता दें कि सरकार के इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान करने के बाद 7 स्कूल गृह मंत्रालय के अधीन होंगे जबकि 50 राज्य सरकारों व केंद्र शासित प्रदेश के अधीन होंगे। 20 विद्यालय ऐसे जिलों में खुलेंगे, जहां अभी तक कोई केवी नहीं है जबकि वहां बड़ी संख्या में केंद्र सरकार के कर्मचारी रहते हैं।

14 विद्यालय आकांक्षी जिलों में, 4 विद्यालय वामपंथी उग्रवाद (LWE) प्रभावित जिलों में और 5 विद्यालय पूर्वोत्तर व पहाड़ी क्षेत्रों में खोले जाएंगे।

4 हजार से अधिक नौकरियां भी होंगे पैदा

इस नई स्वीकृत के बाद 4 हजार से अधिक सरकारी नौकरियां भी सृजित होंगी। बता दें कि एक केंद्रीय विद्यालय को चलाने के लिए औसतन 81 पदों की आवश्यकता होती है। इस हिसाब से 57 नए विद्यालयों से 4,617 स्थायी नौकरियां सृजित होंगी। निर्माण और अन्य गतिविधियों से हजारों अस्थायी रोजगार भी मिलेंगे।

वर्तमान में देशभर में 1,288 केंद्रीय विद्यालय कार्यरत हैं, जिनमें तीन विदेशों (मॉस्को, काठमांडू और तेहरान) में हैं। इन विद्यालयों में कुल 13.62 लाख छात्र पढ़ रहे हैं।