केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) छात्रों के बीच रचनात्मक और विश्लेषणात्मक सोच को बढ़ावा देने के लिए 2023 से कक्षा 10 और 12 के लिए प्रश्न पत्रों के पैटर्न में बड़े बदलाव लाएगा। CBSE सचिव अनुराग त्रिपाठी ने एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) द्वारा आयोजित स्कूल शिक्षा शिखर सम्मेलन में कहा कि यह देश के भविष्य को ध्यान में रखते हुए समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ”इस साल कक्षा 10 के छात्रों को 20 प्रतिशत बहुविकल्पीय प्रश्न मिलेंगे और 10 प्रतिशत प्रश्न क्रिटिकल थिंकिंग पर आधारित होंगे, जबकि 2023 तक 10वीं और 12वीं की परीक्षा में प्रश्न पत्र क्रिएटिव, इनोवेटिव और क्रिटिकल थिंकिंग पर आधारित होंगे।”
उन्होंने कहा कि व्यावसायिक (वोकेशनल) विषयों में भारत में रोजगार के अभाव, खराब मूल्य और बाजार में स्थिरता के अभाव जैसे कारकों के कारण ज्यादा छात्र नहीं हैं। नई शिक्षा नीति के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य व्यावसायिक और मुख्य विषयों के बीच की खाई को पाटना है। उन्होनें कहा, “युवा छात्र अपने करियर ओरिएंटेशन को तभी आकार दे सकते हैं जब वे कंटेंट बेस्ड करिकुलम के बोझ तले न दबे हों। प्रणाली में लचीलेपन का स्कूल के पाठ्यक्रम द्वारा स्वागत किया जाना चाहिए और छात्रों की गतिविधि आधारित कौशल निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।”
अंत में उन्होनें कहा कि यदि हम वास्तव में सिस्टम को अपग्रेड करना चाहते हैं, तो स्कूल आधारित प्रणालियों में योग्यता-आधारित शिक्षा को लागू करने की आवश्यकता है, जिसमें बच्चे के साथ मजबूत जुड़ाव की आवश्यकता होती है। CBSE के डॉयरेक्टर ‘बिस्वजीत साहा’ ने भी उनके विचारों का समर्थन किया।