CBSE Result 2025 scanned copies revaluation application begins at cbse.gov.in: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (CBSE) ने सीबीएसई कक्षा 10वीं, 12वीं परिणाम जारी करने के बाद आज यानी 21 मई से दोनों कक्षाओं के उन छात्रों के लिए पुनर्मूल्यांकन प्रक्रिया को शुरू कर दिया है, जो अपने परिणाम या अंकों से असंतुष्ट थे। कक्षा 12वीं के विद्यार्थी 21 मई से 27 मई तक 700 रुपये प्रति विषय का भुगतान करके मूल्यांकित उत्तर पुस्तिकाओं की स्कैन की गई प्रतियों के लिए आवेदन कर सकते हैं। कक्षा 12 के विद्यार्थी 28 मई से 6 जून के बीच अंकों का सत्यापन, पुनर्मूल्यांकन और पुनः सत्यापन करा सकते हैं। सत्यापन के लिए प्रति उत्तर पुस्तिका शुल्क 500 रुपये है, जबकि पुनर्मूल्यांकन के लिए प्रति प्रश्न 100 रुपये है।
सीबीएसई कक्षा 10वीं, 12वीं रिवेल्यूएशन के लिए क्या है आवेदन शुल्क ?
अपने अंकों से नाखुश सीबीएसई कक्षा 10वीं, 12वीं के छात्र अपने प्राप्त अंकों की वेरिफिकेशन और रिवेल्यूएशन दोनों के लिए 28 मई से 3 जून तक आवेदन कर सकते हैं। दोनों कक्षा के छात्रों को मार्क्स वेरिफिकेशन के लिए 500 रुपये प्रति आंसर शीट और रिवेल्यूएशन के लिए 100 रुपये प्रति प्रश्न के हिसाब से आवेदन शुल्क का भुगतान करना होगा।
इस साल सीबीएसई बोर्ड रिजल्ट जारी करने के साथ ही केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 10वीं, 12वीं दोनों कक्षाओं के लिए रिवेल्यूएशन के नियमों में बदलाव किया है, जिसमें मार्क्स वेरिफिकेशन की आवश्यकता को खत्म कर दिया गया है।
बोर्ड द्वारा जारी नए दिशानिर्देशों के अनुसार, छात्रों को अब अगले चरण, अंकों के सत्यापन या पुनर्मूल्यांकन पर आगे बढ़ने से पहले अपनी मूल्यांकित उत्तर पुस्तिका की फोटोकॉपी के लिए आवेदन करना होगा। यह पुरानी प्रणाली का स्थान लेगी, जहां पहले अंकों का सत्यापन किया जाता था, उसके बाद फोटोकॉपी प्राप्त की जाती थी और फिर पुनर्मूल्यांकन किया जाता था।
सीबीएसई कक्षा 10, 12 परिणाम: आवेदन की प्रक्रिया
- पहला चरण- मूल्यांकित उत्तर पुस्तिका की फोटोकॉपी प्राप्त करना
- दूसरा चरण- अंकों का सत्यापन या पुनर्मूल्यांकन या दोनों
अब छात्रों को सबसे पहले संबंधित विषय इवेलुएटेड आंसर-शीट की कॉपी के लिए अप्लाई करना होगा और उस आंसर-शीट की जांच कर विद्यार्थी यह अनुमान लगा सकते हैं कि सिर्फ मार्क्स वेरिफिकेशन की जरूरत है या फिर मार्क्स वेरिफिकेशन के साथ रिवेल्यूएशन की भी जरूरत है।
बोर्ड ने कहा कि इस कदम से मूल्यांकन प्रक्रिया में विद्यार्थियों का विश्वास बढ़ेगा तथा पुनर्मूल्यांकन के लिए अनावश्यक आवेदनों में कमी आएगी, जिससे अधिक कुशल और न्यायोचित निवारण तंत्र सुनिश्चित होगा।