सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (CBSE) के दसवीं कक्षा के गणित और बारहवीं कक्षा के अर्थशास्त्र के पेपर लीक मामले में पुलिस की जांच जारी है। पुलिस ने शुक्रवार को मामले में नया खुलासा किया है। समाचार एजंसी एएनआई के मुताबिक, पुलिस परीक्षा के लीक हुए प्रश्न पत्र 10 व्हाट्स ऐप ग्रुप्स में सर्कुलेट हुए थे और हर ग्रुप के सदस्यों की तादाद 50 से 60 लोगों के बीच की थी। इनमें कुछ प्राइवेट ट्यूटर, छात्र और अभिभावक भी थे। दिल्ली पुलिस ने इन व्हाट्स ऐप ग्रुप्स के एडमिन्स से पूछताछ की है। आपको बता दें पुलिस की इस मामले को लेकर जांच-पड़ताल जारी है। जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने मामले के संबंध में एक कोचिंग सेंटर के मालिक, 18 छात्रों और ट्यूशन पढ़ाने वाले कुछ शिक्षकों समेत 35 लोगों से पूछताछ की है।
इसी बीच CBSE ने दोबारा आयोजित होने वाली परीक्षा की नई तारीख का ऐलान कर दिया है। शिक्षा सचिव अनिल स्वरूप ने शुक्रवार को मीडिया को सम्बोधित करते हुए तारीखों का ऐलान किया। 12वीं कक्षा के अर्थशास्त्र विषय की परीक्षा 25 अप्रैल 2018 को आयोजित होगी। वहीं 10वीं की गणित परीक्षा फिलहाल नहीं होगी। तारीख का ऐलान जरूरत पड़ने पर किया जाएगा। शिक्षा सचिव ने कहा कि गणित की परीक्षा दोबारा होगी या नहीं, इसका फैसला पेपल लीक मामले की जांच पूरी होने के बाद ही लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही दिल्ली और हरियाणा के लिए ही 10वीं की गणित परीक्षा आयोजित होगी।
#CBSEPaperLeak: The exam papers were circulated in 10 WhatsApp groups with more than 50 members each including private tutors, students and parents. Delhi Police Crime Branch is questioning admins of these WhatsApp groups.
— ANI (@ANI) March 30, 2018
बता दें दिल्ली पुलिस ने दो मुकदमे दर्ज किए हैं। इकनॉमिक्स का पेपर लीक मामला 27 मार्च को और गणित पेपर लीक का मामला 28 मार्च को दर्ज किया गया था। पुलिस ने आईपीसी की धारा 406, 420 और 120B के तहत मुकदमें दर्ज किए हैं। इसी बीच छात्र जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस उस विसलब्लोअर की तलाश में भी जुटी है जिसने CBSE चेयरपर्सन को परीक्षा से कई घंटे पहले ही एक वॉर्निंग ईमेल भेजा था। क्राइम ब्रांच ने इस ईमेल के बारे में गूगल से जवाब मांगा है। यह मेल जीमेल आईडी से भेजा गया था और इसमें हाथ से लिखे प्रश्नपत्रों की तस्वीरें भी अटैच थीं।
