मद्रास हाईकोर्ट ने मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए आवश्यक नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) के नतीजे घोषित करने पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को अगले आदेश जारी करने तक रिजल्ट जारी से मना किया है। कोर्ट की ओर से जारी किया अंतरिम स्टे 7 जून तक रहेगा। बता दें कि बोर्ड ने हाल ही में नीट परीक्षा का आयोजन किया था, जिसमें लाखों उम्मीदवारों ने भाग लिया था। बोर्ड की ओर से तय कार्यक्रम के अनुसार परीक्षा के नतीजे 8 जून को घोषित किए जाने थे, हालांकि अब कोर्ट के फैसले के बाद ही नतीजे जारी किए जाएंगे। नीट परीक्षा केंद्र में अभ्यर्थी के कपड़े खुलवाने को लेकर भी चर्चा में रही थी।
बता दें कि देशभर के 1921 परीक्षा केंद्रों पर मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट का आयोजन किया था। इस परीक्षा में 11 लाख 35 हजार 104 उम्मीदवारों ने भाग लिया था, जो कि पिछले साल के परीक्षार्थियों से 41.42 फीसदी ज्यादा है। इस बार सीबीएसई ने कदाचार मुक्त परीक्षा के लिए इस बार कड़े नियम बनाए थे, जिसमें ड्रेस कोड, पेन, पेंसिल को लेकर कई नियम शामिल थे। बोर्ड ने करीब 95 हजार सीटों पर दाखिले के लिए इस परीक्षा का आयोजन किया था, जिसमें 6500 एमबीबीएस और 25000 बीडीएस सीट शामिल है। इसके माध्यम से सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों में उम्मीदवारों को दाखिला दिया जाएगा।
इस बार नीट का आयोजन अंग्रेजी, हिंदी में ही नहीं बल्कि 10 अन्य भाषाओं में भी किया गया था, जिसमें हिंदी, अंग्रेजी, असमी, बांग्ला, गुजराती, मराठी, कन्न्ड़, ओड़िया, तमिल और तेलुगू शामिल है। वहीं परीक्षा को लेकर केरल से एक मामला सामने आया था, जहां एक परीक्षार्थी ने आरोप लगाया गया है कि उसे एग्जाम हॉल में घुसने से पहले इनरवेयर उतारने को कहा गया। गौरतलब है कि कुछ सालों से एआईपीएमटी की जगह एनईईटी एग्जाम लिया जा रहा है। इसके माध्यम से तैयार मेरिट के आधार पर ही पूरे देश में मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में एडमिशन दिया जाता है। कोई संस्थान अपने स्तर पर मेडिकल एंट्रेंस नहीं ले सकता है।