केंद्रीय मंत्रीयों ने 12वीं बोर्ड और प्रवेश परीक्षाओं के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बैठक थी। इस मीटिंग में चार केंद्रीय मंत्रियों, राज्य के शिक्षा मंत्रियों और शिक्षा मंत्रालयों के सचिवों ने भाग लिया। यह बैठक कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा और प्रवेश परीक्षों को आयोजित करने को लेकर थी। इस बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, केंद्रीय महिला एवं बाल मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी और केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर भाग लिया।
BSE Class 12 Exams 2021 Live Updates in English
शिक्षा मंत्रालय ने 14 अप्रैल को, कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा को रद्द करने और कक्षा 12 के छात्रों के लिए परीक्षा स्थगित करने के निर्णय की घोषणा की थी। 1 मई को, बोर्ड ने अपने संबद्ध स्कूलों में कक्षा 10 के छात्रों के लिए एक विशेष मार्किंग स्कीम की घोषणा की। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा केवल प्रमुख विषयों के लिए आयोजित करने का विकल्प रखा। 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए 174 सब्जेक्ट का ऑप्शन होता है, जिनमें से लगभग 20 विषयों को CBSE द्वारा प्रमुख माना जाता है। इनमें भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित, जीव विज्ञान, इतिहास, राजनीति विज्ञान, व्यवसाय अध्ययन, लेखा, भूगोल, अर्थशास्त्र और अंग्रेजी शामिल हैं। सीबीएसई का कोई छात्र न्यूनतम पांच और अधिकतम छह विषय ले सकता है। इनमें से आमतौर पर चार प्रमुख विषय होते हैं।
केवल मेन सब्जेक्ट्स के लिए आयोजित हो सकते हैं 12वीं के बोर्ड एग्जाम
परीक्षा, हालांकि, नियमित प्रोटोकॉल के अनुसार आयोजित नहीं की जाएगी. सीबीएसई ने सुझाव दिया था कि या तो केवल कुछ विषयों की परीक्षा आयोजित करें या तीन घंटे के बजाय 1.5 घंटे के लिए परीक्षा आयोजित की जाए. हाईप्रोफाइल मंत्रियों और राज्य के शिक्षा सचिवों के बीच हुई बैठक में ज्यादातर राज्यों ने बाद वाले विकल्प की तरफ रुख दिखाया है. हालांकि, कुछ मंत्रियों ने दोनों संभावनाओं के मिश्रण की मांग की थी.
मंत्रियों से चर्चा के बाद बैठक की अध्यक्षता कर रहे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि, "सरकार की प्राथमिकता सभी परीक्षाओं को सुरक्षित माहौल में आयोजित करना है." सभी राज्यों को 25 मई यानी आज अपनी राय लिखित में देने के कहा गया है। जिसपर शिक्षा मंत्रालय समीक्षा करेगा और और 1 जून को परीक्षा को लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा. सूत्रों की मानें तो जुलाई के पहले हफ्ते में करीब 20 महत्वपूर्ण विषयों की परीक्षा आयोजित कराई जा सकती है. इस बैठक के बाद ये तो साफ हो गया है कि सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा स्थगित नहीं की जाएंगी.
जानकारी के मुताबिक सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा 174 में से केवल 19 प्रमुख विषयों के लिए आयोजित की जा सकती है और संभावना है कि ये दो चरणों में निर्धारित की जाएगी - 15 से 30 जुलाई और 1-14 अगस्त तक. प्रत्येक परीक्षा तीन घंटे के बजाय डेढ़ घंटे की होगी और प्रश्न पत्र में केवल ऑब्जेक्टिव और लघु उत्तरीय प्रश्न होंगे.
केंद्र सरकार ने प्रस्ताव दिया है कि कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए विशेष तैयारी के साथ सीबीएसई बोर्ड की ओर से 19 विषयों के एग्जाम आयोजित कराए जा सकते हैं. इसमें भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित, जीव विज्ञान, इतिहास, राजनीति विज्ञान, बिजनेस स्टडीज, अकाउंट्स, भूगोल, अर्थशास्त्र और अंग्रेजी शामिल हैं. ये वो विषय हैं जो भविष्य में विश्वविद्यालयों में मेरिट से प्रवेश प्रक्रिया में मददगार होंगे।
CBSE बोर्ड कक्षा 12 के छात्रों के लिए 176 विषयों की पढ़ाई का ऑप्शन होता है। इनमें लैंग्वेज या Group L, इलेक्टिव या Group A और अन्य शामिल होते हैं। इनमें से Group A के सब्जेक्ट्स महत्वपूर्ण माने जाते हैं जिनके आधार पर आगे विश्वविद्यालयों में एडमिशन मिलता है। सरकार के संक्षिप्त परीक्षाओं के प्रस्ताव में इनमें से उन 19 सब्जेक्टस को शामिल करने को कहा गया है जो कि आगे विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए बहुत जरूरी माने जाते हैं।
इससे पहले बोर्ड ने सरकार के आगे परीक्षाएं आयोजित कराने के दो प्रस्ताव रखे थे. पहला प्रस्ताव था कि परीक्षाओं का पैटर्न बदल दिया जाए और केवल 1.5 घंटे का पेपर लिया जाए. दूसरा प्रस्ताव था कि केवल महत्वपूर्ण विषयों के एग्जाम लिए जाएं और बाकी सब्जेक्ट्स में बच्चों को इंटर्नल असेसमेंट के आधार पर पास कर दिया जाए. अधिकांश राज्यों ने परीक्षाएं आयोजित करने पर ही सहमति दिखाई.
पंजाब राज्य एक ऐसा राज्य था जिसने व्यक्तिगत रूप से परीक्षा आयोजित करने पर जोर दिया, भले ही वह कुछ विषयों के लिए ही क्यों न हो. वहीं कर्नाटक और पुडुचेरी केंद्र सरकार के निर्णय के साथ साथ चलने पर सहमत हुए. लेकिन दिल्ली के शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि पहले छात्र व परीक्षा केंद्र पर ड्यूटी देने वाले छात्रों का टीकाकरण हो तभी यह परीक्षा कराई जानी चाहिए. इस तरह राज्यों की अलग अलग प्रतिक्रिया ने सरकार के प्रस्ताव को फिलहाल अधर में लटका दिया है।
इस बैठक के बाद कम से कम ये स्पष्ट हो चुका है कि सीबीएसई कक्षा 12 की परीक्षा कैंसिल नहीं की जाएगी. महामारी की दूसरी लहर के कारण कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा पहले ही रद्द कर दी गई है. सूत्रों के मुताबिक उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, गुजरात, उत्तर प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, असम और तमिलनाडु आदि राज्यों ने संक्षिप्त प्रारूप में बोर्ड परीक्षा आयोजित करने का समर्थन किया था.
सीबीएसई के जुलाई-अगस्त में संक्षिप्त प्रारूप में केवल 19 प्रमुख विषयों के लिए कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा कराने के प्रस्ताव का अधिकांश राज्यों ने समर्थन किया है. वहीं केरल, असम, दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा और मेघालय जैसे कई राज्यों ने केंद्र सरकार से शिक्षकों और छात्रों को परीक्षा केंद्र पर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण करने का आग्रह किया है.
3 घंटे तक चली लंबी बैठक में दिल्ली को छोड़कर देश के ज्यादातर राज्य 12वीं की परीक्षा कराए जाने के पक्ष में दिखाई पड़े. केंद्रीय मंत्रिमंडल समूह और सीबीएसई भी छात्रों के भविष्य को देखते हुए सीमित और महत्वपूर्ण विषयों की परीक्षा आयोजित कराये जाने को तैयार दिखा. वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में राज्य के शिक्षा मंत्रियों और शिक्षा सचिवों की बैठक में भाग लेने वाले एक अधिकारी के मुताबिक दिल्ली और महाराष्ट्र सहित कुछ राज्यों को छोड़कर, अन्य ने परीक्षाओं को आयोजित किए जाने का समर्थन किया है।
14 अप्रैल को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया था. वहीं, 10वीं बोर्ड की परीक्षा को रद्द भी करना पड़ा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हाई लेवल बैठक बुलाकर यह फैसला लिया गया था.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में राज्यों के शिक्षा मंत्रियों और शिक्षा सचिवों के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में कई अहम बिंदुओं पर सहमति बनी है. सूत्रों के अनुसार दिल्ली को छोड़कर सभी राज्य 12वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने को तैयार हैं. इसके अलावा राज्यों ने परीक्षाओं के लिए होम सेंटर की मांग की. इसे भी मान लिए जाने की खबर है.
छात्र लंबे समय से बोर्ड से एग्जाम रद्द करने की मांग उठा रहे हैं. छात्रों का कहना है कि महामारी के समय में परीक्षा आयोजित करने से छात्रों को संक्रमण का खतरा है और वर्तमान परिस्थितियों में छात्र मानसिक रूप से भी परीक्षा के लिए तैयार नहीं हैं.
रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में 12वीं कक्षा की परीक्षा और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के प्रस्तावों पर चर्चा करने का काम किया गया। बैठक में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, अनिता अग्रवाल शामिल हैं।
शिक्षा मंत्रालय को मिले सुझावों के अनुसार केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा 12वीं बोर्ड के मुख्य विषयों के लिए ही परीक्षा आयोजित की जा सकती है. 12वीं कक्षा में छात्रों के लिए कुल 174 सब्जेक्ट का ऑप्शन है. इनमें केवल 20 विषयों को सीबीएसई द्वारा मुख्य सब्जेक्ट माना जाता है. जिसमें जीव विज्ञान, इतिहास, राजनीति विज्ञान से लेकर भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित, व्यवसाय अध्ययन, भूगोल, अर्थशास्त्र, अंग्रेजी, हिंदी आदि शामिल है. हालांकि, सीबीएसई बोर्ड के मुताबिक छात्र न्यूनतम पांच और अधिक से अधिक छह विषय की ही परीक्षा दे सकते है. इनमें से भी चार सबसे प्रमुख विषय होते हैं।
परीक्षाएं किस फॉर्मेट में होगी, कब होगी, कैसे होगी, इसकी जानकारी शिक्षा मंत्री निशंक 1 जून को देंगे। 1 जून को 12वीं की सीबीएससी परीक्षा की तारीखों का एलान होगा. सूत्रों की माने तो पिछले साल कोविड प्रोटोकॉल में जैसे जुलाई में परीक्षा हुई थी इस बार भी जुलाई में होने की संभावना है।
केंद्र सरकार ने रविवार 23 मई को अपनी बैठक में राज्यों को संबंधित राज्यों में मौजूदा परिस्थितियों के अनुसार परीक्षा आयोजित करने की अनुमति दी है। राज्यों को कल, 25 मई तक केंद्र को 'विस्तृत सुझाव' भेजना होगा।
मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने यह घोषणा की कि जून के पहले सप्ताह में 12वीं बोर्ड परीक्षा के बारे में निर्णय लिया जाएगा। परमार ने कहा "12वीं के छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, परीक्षा के बारे में जरुरी फैसले लिए जाएंगे"। उन्होंने कहा-" फिलहाल, परीक्षा प्रणाली में कोई बदलाव नही किया गया है। अगर परिस्थितियां अनुकूल रहीं तो परीक्षा पुराने पैटर्न पर होगी"।
सीबीएसई की 10वीं की परीक्षा में बैठने के लिए 21,50,761 छात्रों ने पंजीकरण कराया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2021 में कक्षा 12वीं की परीक्षा में 14,30,247 छात्र शामिल होंगे।
महाराष्ट्र की शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि छात्रों के लिए सुरक्षित माहौल बनाना हमारी पहली प्राथमिकता है। सीबीएसई के साथ बैठक में हमने यह चर्चा की है। उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट को बतायेंगे कि पिछला साल छात्रों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहा है। कोरोना की दूसरी लहर चल रही है और तीसरी लहर आनी अभी बाकी है।
सीबीएसई सूत्रों का कहना है कि मौजूदा परिस्थितियों में परीक्षाएं आयोजित कर पाना मुश्किल है। हालांकि इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय बैठक के बाद लिया जाएगा। इस बैठक में आने वाले एंट्रेंस एग्जाम्स, यूनिवर्सिटी एग्जाम्स व अन्य परीक्षाओं पर भी चर्चा की गई। परीक्षाएं होंगी या नहीं? किस तरह होंगी? इस बारे में जल्द सूचना दी जाएगी। दो दिन में राज्य अपना मत केंद्र सरकार को भेजेंगे।
दरअसल, 12वीं के बोर्ड परीक्षाओं संबंधित शिक्षा मंत्रालय को कई सुझाव मिले हैं. इनमें प्रमुख विषयों की परीक्षा का आयोजित करने से लेकर इंटरनल मूल्यांकन के आधार पर अंक देने तक है।
बैठक के दौरान दो विकल्प दिए, केंद्र ने पहले विकल्प में कहां कि कुछ कक्षा 12 की प्रमुख विषयों की परीक्षा आोयजित की जाए और बाकी विषयों के नंबर प्रमुख विषयों के नंबर के आधार पर दिए जाएं। दूसरा है स्कूलों में परीक्षा आयोजित करना और परीक्षा पैटर्न को ऐसे में बदलना जिसमें केवल ऑब्जेक्टिव प्रश्न हों और तीन के बजाय सिर्फ डेढ़ घंटे का हो।
रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में 12वीं कक्षा की परीक्षा और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के प्रस्तावों पर चर्चा करने का काम किया गया। बैठक में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, अनिता अग्रवाल शामिल हैं।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने रविवार को कहा कि गोवा सरकार ने कोरोना के प्रकोप को देखते हुए राज्य में दसवीं कक्षा की परीक्षा रद्द कर दी है और अगले दो दिनों में बारहवीं कक्षा की परीक्षा पर निर्णय लिया जाएगा।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार से कहा है कि छात्रों को बिना वैक्सीन लगाये, परीक्षा लेना खतरनाक साबित हो सकता है. यह एक बड़ी गलती साबित हो सकती है।
शिक्षा मंत्रालय को मिले सुझावों के अनुसार केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा 12वीं बोर्ड के मुख्य विषयों के लिए ही परीक्षा आयोजित की जा सकती है. 12वीं कक्षा में छात्रों के लिए कुल 174 सब्जेक्ट का ऑप्शन है. इनमें केवल 20 विषयों को सीबीएसई द्वारा मुख्य सब्जेक्ट माना जाता है. जिसमें जीव विज्ञान, इतिहास, राजनीति विज्ञान से लेकर भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित, व्यवसाय अध्ययन, भूगोल, अर्थशास्त्र, अंग्रेजी, हिंदी आदि शामिल है. हालांकि, सीबीएसई बोर्ड के मुताबिक छात्र न्यूनतम पांच और अधिक से अधिक छह विषय की ही परीक्षा दे सकते है. इनमें से भी चार सबसे प्रमुख विषय होते हैं।
परीक्षाएं किस फॉर्मेट में होगी, कब होगी, कैसे होगी, इसकी जानकारी शिक्षा मंत्री निशंक 1 जून को देंगे। 1 जून को 12वीं की सीबीएससी परीक्षा की तारीखों का एलान होगा. सूत्रों की माने तो पिछले साल कोविड प्रोटोकॉल में जैसे जुलाई में परीक्षा हुई थी इस बार भी जुलाई में होने की संभावना है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में राज्यों के शिक्षा मंत्रियों और शिक्षा सचिवों के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में कई अहम बिंदुओं पर सहमति बनी है. सूत्रों के अनुसार दिल्ली को छोड़कर सभी राज्य 12वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने को तैयार हैं. इसके अलावा राज्यों ने परीक्षाओं के लिए होम सेंटर की मांग की. इसे भी मान लिए जाने की खबर है.
बोर्ड परीक्षाएं ऑफलाइन मोड में आयोजित की जाएंगी. छात्रों का एक वर्ग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कक्षा 12वीं की ऑफलाइन परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहा है. 23 मई 2021 को बोर्ड परीक्षाओं को लेकर राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद ट्विटर पर सीसबीएसई बोर्ड परीक्षा रद्द करने का हैशटैग ट्रेंड करने लगा. इसके साथ ही छात्र व अभिभावक ट्वीट करने लगें. कई छात्र व अभिभावन परीक्षा के आयोजन को लेकर पक्ष में नहीं है.
23 मई 2021 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सीबीएसई सहित राज्यों की बोर्ड परीक्षा लेकर बैठक हुआ थी, जिसमें निर्णय लिया गया कि कोरोना के मामले कम होने के बाद सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षा का आयोजन होगा. बता दें कि कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण सीबीएसई ने 10वीं बोर्ड परीक्षा को रद्द कर दिया है. 10वीं के सभी विद्यार्थियों को इंटरनल असेसमेंट और प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर पास किया जाएगा.
दरअसल, 12वीं के बोर्ड परीक्षाओं संबंधित शिक्षा मंत्रालय को कई सुझाव मिले हैं. इनमें प्रमुख विषयों की परीक्षा का आयोजित करने से लेकर इंटरनल मूल्यांकन के आधार पर अंक देने तक है।
शिक्षा मंत्रालय को मिले सुझावों के अनुसार केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा 12वीं बोर्ड के मुख्य विषयों के लिए ही परीक्षा आयोजित की जा सकती है. 12वीं कक्षा में छात्रों के लिए कुल 174 सब्जेक्ट का ऑप्शन है. इनमें केवल 20 विषयों को सीबीएसई द्वारा मुख्य सब्जेक्ट माना जाता है. जिसमें जीव विज्ञान, इतिहास, राजनीति विज्ञान से लेकर भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित, व्यवसाय अध्ययन, भूगोल, अर्थशास्त्र, अंग्रेजी, हिंदी आदि शामिल है. हालांकि, सीबीएसई बोर्ड के मुताबिक छात्र न्यूनतम पांच और अधिक से अधिक छह विषय की ही परीक्षा दे सकते है. इनमें से भी चार सबसे प्रमुख विषय होते हैं।
पोखरियाल ने हाल में ही कहा था कि कोरोना ने शिक्षण को काफी प्रभावित किया है. ऐसे में हमें विशेषकर उन जिलों पर ध्यान देना होगा जहां डिजिटल गैप ज्यादा ज्यादा हो रहा है. ऐसे में इसे बरकरार रखने के लिए भी लिया जा सकता है फैसला.
कोरोना के दौरान केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड 12वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने का फैसला लेगा। पेरेंट्स एसोसिएशन सहित समाज के अन्य लोग भी 12वीं की परीक्षा रद्द करने की मांग लगातार कर रहे हैं।
14 अप्रैल को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया था. वहीं, 10वीं बोर्ड की परीक्षा को रद्द भी करना पड़ा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हाई लेवल बैठक बुलाकर यह फैसला लिया गया था. आपको बता दें कि सभी परीक्षाएं 4 मई से 14 जून के बीच होनी थीं।
रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में 12वीं कक्षा की परीक्षा और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के प्रस्तावों पर चर्चा करने का काम किया गया। बैठक में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, अनिता अग्रवाल शामिल हैं।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार से कहा है कि छात्रों को बिना वैक्सीन लगाये, परीक्षा लेना खतरनाक साबित हो सकता है. यह एक बड़ी गलती साबित हो सकती है।
महाराष्ट्र की शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि छात्रों के लिए सुरक्षित माहौल बनाना हमारी पहली प्राथमिकता है। सीबीएसई के साथ बैठक में हमने यह चर्चा की है। उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट को बतायेंगे कि पिछला साल छात्रों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहा है। कोरोना की दूसरी लहर चल रही है और तीसरी लहर आनी अभी बाकी है।
सीबीएसई सूत्रों का कहना है कि मौजूदा परिस्थितियों में परीक्षाएं आयोजित कर पाना मुश्किल है। हालांकि इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय बैठक के बाद लिया जाएगा। इस बैठक में आने वाले एंट्रेंस एग्जाम्स, यूनिवर्सिटी एग्जाम्स व अन्य परीक्षाओं पर भी चर्चा की गई। परीक्षाएं होंगी या नहीं? किस तरह होंगी? इस बारे में जल्द सूचना दी जाएगी। दो दिन में राज्य अपना मत केंद्र सरकार को भेजेंगे।