सीबीएसई बोर्ड के 10वीं 12वीं के रिजल्ट आने का रास्ता साफ हो गया है। अब एग्जाम नहीं होंगे। सीधा रिजल्ट जारी किया जाएगा। इसके लिए एक नियम भी बनाया गया है कि किस तरह से उन सब्जेक्टस में नंबर दिए जाएंगे जिनके एग्जाम नहीं हुए हैं। CBSE ने 10वीं और 12वीं की परीक्षा रद्द करने और वैकल्पिक अंक का फार्मूला जारी कर दिया है। जिनके 3 से अधिक पेपर हो चुके हैं उन्हें बेस्ट 3 के औसत पर बाकी सब्जेक्ट में नम्बर मिलेंगे। जिनके 3 पेपर हुए हैं वे बेस्ट 2 की औसत पर नम्बर पाएंगे।
CBSE Board Class 10th, 12th Exam Result 2020 Date Latest News Update
इसी तरह जिन छात्रों ने 1 या 2 पेपर दिए हैं, उनके रिजल्ट बोर्ड परफॉर्मेंस और इंटर्नल प्रोजेक्ट असेसमेंट पर होंगे। सीबीएसई की ओर से 15 जुलाई तक रिजल्ट घोषित किए जाएंगे। 12वीं क्लास के बच्चों के लिए वैकल्पिक बोर्ड परीक्षा में बैठने की व्यवस्था की जाएगी, ताकि वह अपना परफॉर्मेंस सुधार लें। कक्षा 12 के लगभग 12.66 लाख छात्रों में से एक-तिहाई छात्रों ने COVID-19 महामारी के सामने आने से पहले अपनी सभी परीक्षाएं दी थीं।
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यदि CBSE द्वारा यह निर्णय अमल में लाया जाता है, तो इसका मतलब यह होगा कि अगले साल होने वाली बोर्ड परीक्षा उन विषयों और टॉपिक्स पर छात्रों का मूल्यांकन नहीं किया जाएगा, जिन्हें उन्होंने सेल्फ स्टडी, असाइनमेंट और प्रोजेक्ट्स के माध्यम से कवर किया है। NCERT के सूत्रों के अनुसार, दस्तावेज के मसौदे पर अभी भी चर्चा चल रही है और इसमें और बदलाव हो सकते हैं।
जारी डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि बोर्ड परीक्षा में शिक्षक द्वारा पढ़ाए गए विषयों का मूल्यांकन किया जा सकता है, वहीं स्कूल के इंटर्नल एग्जॉम्स में सेल्फ स्टडी के टॉपिक्स को कवर किया जा सकता है। सीबीएसई छात्र के आंतरिक मूल्यांकन के लिए प्रत्येक विषय में 20 अंक निर्धारित करता है।
इतिहास में औद्योगिकीकरण; गणित में ट्राएंगल और फ्रस्ट्रम का क्षेत्रफल; और विज्ञान में, धातुओं और अधातुओं के भौतिक गुण, और 'टिंडल प्रभाव' उन टॉपिक्स और विषयों में से हैं जिनका अगले साल कक्षा 10 के बोर्ड परीक्षा में मूल्यांकन में शामिल नहीं किया जाएगा क्योंकि इन्हें राष्ट्रीय शैक्षिक परिषद द्वारा "सेल्फ स्टडी, असाइनमेंट या प्रोजेक्ट" के माध्यम से कवर किया जाएगा।
NCERT ने 4 जून को हुई एक बैठक में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से इस साल पाठ्यक्रम में सुधार के उद्देश्य से 10वीं और 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों का विश्लेषण करने को कहा था। इसके बाद NCERT ने कई टॉपिक्स को सेल्फ स्टडी टॉपिक्स की लिस्ट में डाल दिया है। कई महत्वपूर्ण टॉपिक्स को सिलेबस से बाहर किया जाएगा।
स्कूल खुलने के बाद, शिक्षकों और छात्रों की सेहत का पूरा ख्याल रखना पहली जिम्मेदारी होगी। यूजीसी एक टास्क फोर्स तैयार करेगी और एनसीआरटी की गाइडलाइंस को ध्यान में रखा जाएगा।
सीबीएसई बोर्ड अब बिना परीक्षा के मूल्यांकन योजना के तहत 10वीं और 12वीं के परिणाम घोषित करने की तैयारी कर रहा है। छात्रों को अब उनके बेस्ट परफॉर्मिंग विषयों में मिले मार्क्स के एवरेज के आधार पर बचे विषयों में नंबर दिए जाएंगे।
परीक्षा रद्द करने के फैसले में बोर्ड ने छात्रों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी। देशभर में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए बोर्ड ने यह पाया कि परीक्षा देने में बच्चों को संक्रमित होने का खतरा उठाना पड़ सकता है। इस कारण सभी तैयारियों के बावजूद परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया गया।
COVID -19 के कारण मौजुदा हालात को ध्यान में रखते हुए, बोर्ड के सक्षम प्राधिकारी ने उचित विचार के बाद, सभी श्रेणियों के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा करने की अवधि 31 जुलाई 2020 तक बढ़ाने के लिए मंजूरी दे दी है।
देश अब लॉकडाउन से अनलॉक की तरह बढ़ रहा है, जिससे काफी समय से रुकी हुईं प्रक्रियाओं को धीरे-धीरे फिर से शुरू किया जा रहा है। देश में लागू लॉकडाउन के कारण अंतिम तिथि को 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया था और दूसरी बार समय सीमा को आगे बढ़ाकर 30 जून तक किया गया था।
स्कूलों के पास इससे पहले सीबीएसई से संबद्धता के लिए आवेदन करने का समय 30 जून था। लेकिन कोरोनावायरस के कारण आवेदन की तिथि तीसरी बार बढ़ाकर 31 जुलाई तक कर दी गई है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education, CBSE) ने स्कूलों से 2020-21 सत्र के लिए बोर्ड से संबद्धता के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि तीसरी बार बढ़ा दी है। स्कूलों के पास इससे पहले सीबीएसई से संबद्धता के लिए आवेदन करने का समय 30 जून था।
सीबीएसई बोर्ड एफिलिएशन के लिए अभी तक अप्लाई न कर पाने वालों को राहत दी है। बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी नोटिफिकेशन, जिसमें बोर्ड ने विभिन्न श्रेणियों के तहत आवेदन जमा करने की तिथि बढ़ा दी है।
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने ट्वीट किया, ‘वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर, CBSE द्वारा 5 जुलाई 2020 को आयोजित होने वाली CET परीक्षा को स्थगित करने का फैसला लिया गया है। परीक्षा की अगली तारीख की घोषणा की जाएगी।’
CBSE के साथ-साथ CISCE भी इस साल ICSE, ISC परीक्षा आयोजित नहीं करेगी। इस घोषणा का असर सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के साथ-साथ JEE मेन और NEET 2020 सहित राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षाओं पर भी पड़ने वाला है।
जारी डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि बोर्ड परीक्षा में शिक्षक द्वारा पढ़ाए गए विषयों का मूल्यांकन किया जा सकता है, वहीं स्कूल के इंटर्नल एग्जॉम्स में सेल्फ स्टडी के टॉपिक्स को कवर किया जा सकता है। सीबीएसई छात्र के आंतरिक मूल्यांकन के लिए प्रत्येक विषय में 20 अंक निर्धारित करता है।
जारी डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि बोर्ड परीक्षा में शिक्षक द्वारा पढ़ाए गए विषयों का मूल्यांकन किया जा सकता है, वहीं स्कूल के इंटर्नल एग्जॉम्स में सेल्फ स्टडी के टॉपिक्स को कवर किया जा सकता है। सीबीएसई छात्र के आंतरिक मूल्यांकन के लिए प्रत्येक विषय में 20 अंक निर्धारित करता है।
CBSE बोर्ड 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं का रिजल्ट 15 जुलाई तक जारी कर देगा। CBSE मामले में याचिकाकर्ता के वकील सवाल किया कि 12वीं के बच्चों को दोबारा परीक्षा का मौका कब मिलेगा, इसे भी स्पष्ट किया जाए। हालाांकि इस बिंदु पर अभी स्पष्टता नहीं दी गई है।
जिन्होंने 3 से ज़्यादा परीक्षा दी हैं- बेस्ट ऑफ 3 के एवरेज से बचे हुए विषय के अंक- जिन्होंने 3 परीक्षा दी हैं- बेस्ट ऑफ 2 का औसत- जिन्होंने 1 या 2 ही परीक्षा दी हैं- उनके अंक और आंतरिक मूल्यांकन/प्रैक्टिकल का औसत
CBSE ने 10वीं और 12वीं की परीक्षा रद्द करने और वैकल्पिक अंक का फार्मूला जारी कर दिया है। जिनके 3 से अधिक पेपर हो चुके हैं उन्हें बेस्ट 3 के औसत पर बाकी सब्जेक्ट में नम्बर मिलेंगे। जिनके 3 पेपर हुए हैं वे बेस्ट 2 की औसत पर नम्बर पाएंगे। 12वीं के छात्रों को वैकल्पिक एक्जाम का मौका मिलेगा।
कोरोना संकट के कारण सीबीएसई ने 1 से 15 जुलाई तक होने वाली परीक्षाएं निरस्त कर दीं. यह जानकारी बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान दी. इसके बाद कोर्ट ने केंद्र और सीबीएसई को 12वीं क्लास की परीक्षा को लेकर नया नोटिफिकेशन जारी करने को कहा है।
सीबीएसई का कहना है कि स्थिति अनुकूल होने पर ही वैकल्पिक बोर्ड परीक्षा आयोजित की जाएगी। इसके साथ ही सरकार दिल्ली यूनिवर्सिटी को आवेदन की समय सीमा (4 जुलाई) तक बढ़ाने के लिए कह सकती है, क्योंकि सीबीएसई छात्रों का रिजल्ट देर से घोषित किया जाएगा।
इसी तरह जिन छात्रों ने 1 या 2 पेपर दिए हैं, उनके रिजल्ट बोर्ड परफॉर्मेंस और इंटर्नल प्रोजेक्ट असेसमेंट पर होंगे. सीबीएसई की ओर से 15 जुलाई तक रिजल्ट घोषित किए जाएंगे. 12वीं क्लास के बच्चों के लिए वैकल्पिक बोर्ड परीक्षा में बैठने की व्यवस्था की जाएगी, ताकि वह अपना परफॉर्मेंस सुधार लें.
सीबीएसई के सूत्रों ने बताया कि 10वीं और 12वीं के छात्र जिन्होंने परीक्षा पूरी कर ली है, उनका सामान्य रूप से मूल्यांकन किया जाएगा. जिन छात्रों ने 3 से अधिक पेपर दिए हैं, शेष पेपर के लिए सर्वश्रेष्ठ 3 विषयों के औसत से नंबर को जोड़ा जाएगा. जिन लोगों ने 3 पेपर दिए हैं, शेष परीक्षाओं के लिए सर्वश्रेष्ठ 2 विषयों के औसत से नंबरों को जोड़ा जाएगा.
ओडिशा कैडर के 1990 बैच के IAS मनोज आहूजा को CBSE के नए चेयरमैन के पद पर नियुक्त किया गया है। उन्होंने IAS अनीता करवाल की जगह ली। इससे पहले, वह लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में विशेष निदेशक थे।
अफवाहों से गुमराह होने से बचने के लिए, सभी छात्रों और अभिभावकों को सूचित किया जाता है कि वे केवल बोर्ड द्वारा आधिकारिक घोषणाओं पर भरोसा करें जो बोर्ड की वेबसाइट पर किए गए हैं। सभी राज्य बोर्ड ने गलत खबर फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतवानी दी है। छात्र केवल आधिकारिक वेबसाइट पर जानकारी पर ही भरोसा करें।
CBSE ने स्कूलों को सलाह दी है कि वे पाठ्यक्रम में बदलाव न करें ताकि छात्रों के सीखने के स्तर के आकलन पर प्रभाव न पड़े। बोर्ड ने जारी नोटिफिकेशन में कहा, “यह देखा गया है कि पाठ्यक्रम के कोई भी बदलाव छात्र के सीखने के स्तर के मूल्यांकन और बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी को गंभीरता से प्रभावित कर सकता है। कृपया ध्यान दें कि मूल्यांकन वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के लिए दिए गए पाठ्यक्रम के अनुसार ही किया जाएगा।”
लॉकडाउन के दौरान शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है, लेकिन सीबीएसई बोर्ड समेत अन्य कई बोर्ड ने इससे निपटने के लिए ई-लर्निंग का तरीका निकाला है। ई-लर्निंग के जरिए छात्र अपने घरों में रहकर भी आगे की पढ़ाई जारी रख सकते हैं।
पैरेंट्स ने कोर्ट के सामने कहा था कि बोर्ड जुलाई, 2020 के महीने परीक्षा आयोजित कराना चाहता है जिसमें AIIMS डेटा के अनुसार, कोरोनावायरस महामारी का संक्रमण अपने चरम पर होगा। ऐसे में छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए परीक्षाएं रद्द कर दी गई।
बोर्ड ने एक जारी सूचना में कहा कि आरोग्य सेतु एप सभी छात्रों, स्कूलों के फैकल्टी मेंबर्स और टीचर्स के साथ-साथ इन सभी के फैमिली मेंबर्स के लिए कोविड -19 से लड़ने में सहायक साबित होगा। आरोग्य सेतु एप को आईओएस और एंड्रॉयड प्लेटफॉर्मों पर लांच किया गया है और जिसे आईओएस एप-स्टोर या प्लेस्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। ऐप्प डाउनलोड के लिए लिंक सीबीएसई के नोटिस में भी दिया गया है।
बोर्ड ने अफवाहों से गुमराह होने से बचने के लिए, सभी छात्रों और अभिभावकों को सुझाव दिया है कि वे केवल बोर्ड द्वारा आधिकारिक घोषणाओं पर भरोसा करें जो बोर्ड की वेबसाइट पर किए गए हैं। किसी भी अन्य स्रोत से प्राप्त जानकारी पर छात्र भरोसा न करें।
सीबीएसई बोर्ड अब बिना परीक्षा के मूल्यांकन योजना के तहत 10वीं और 12वीं के परिणाम घोषित करने की तैयारी कर रहा है। छात्रों को अब उनके बेस्ट परफॉर्मिंग विषयों में मिले मार्क्स के एवरेज के आधार पर बचे विषयों में नंबर दिए जाएंगे।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों के लिए शैक्षणिक वर्ष 2021 से एक वैकल्पिक पाठ्यक्रम के रूप में एक नया विषय ‘Applied Mathematics’ लाने जा रहा है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों के लिए करिकुलम जारी कर दिया है। बोर्ड ने अपनी अधिसूचना में कहा है कि कोरोनोवायरस महामारी के चलते स्कूलों को बंद करने के कारण शैक्षणिक सत्र 2020-21 में हुई अनुदेशात्मक समय की संभावित हानि पर विचार किया गया है।
बोर्ड ने अफवाहों से गुमराह होने से बचने के लिए, सभी छात्रों और अभिभावकों को सुझाव दिया है कि वे केवल बोर्ड द्वारा आधिकारिक घोषणाओं पर भरोसा करें जो बोर्ड की वेबसाइट पर किए गए हैं। किसी भी अन्य स्रोत से प्राप्त जानकारी पर छात्र भरोसा न करें।
CBSE बोर्ड ने चेतावनी दी है कि अगर छात्रों या अभिभावकों से नंबर बढ़ाने के पैसे मांगे जाते हैं और उन्हें पैसे दिए जाते हैं तो ऐसे में छात्र या अभिभावक की भी गलती मानी जाएगी। बोर्ड किसी भी तरह से इसका जिम्मेदार नहीं होगा।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा 12वीं कक्षा की बची हुई परीक्षाओं को रद्द कराने के लिए छात्रों के अभिभावक अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए थे। 12वीं के कुछ छात्रों के अभिभावकों ने COVID-19 महामारी के कारण देश में मौजूदा हालात को देखते हुए परीक्षाओं के आयोजन को छात्रों के लिए खतरा बताया और उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। कोर्ट में मामला आने के बाद बोर्ड ने अब परीक्षाएं रद्द कर दी हैं और रिजल्ट जारी करने की तैयारियां शुरू कर दी हैं।
सीबीएसई बोर्ड 10वीं और 12वीं क्लास के छात्रों से कुछ लोग छात्रों के नंबर बढ़ाने के लिए पैसे मांग रहे हैं और अपना अकाउंट नंबर भी दे रहे हैं। बोर्ड ने अभिभावकों को ऐसे जालसाजों से बचने के लिए आगाह किया है।
- सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों और एक साथ कम से कम उपस्थिति के लिए, स्कूल दो शिफ्ट में होगा।
- शिक्षकों को मास्क के साथ दस्ताने पहनना भी जरूरी होगा।
- स्कूलों में थर्मल स्कैनर लगाए जाएंगे।
- क्लास में केवल तीन सीट वाले डेस्क पर दो छात्र ही बैठेंगे।
परीक्षा रद्द करने के फैसले में बोर्ड ने छात्रों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी। देशभर में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए बोर्ड ने यह पाया कि परीक्षा देने में बच्चों को संक्रमित होने का खतरा उठाना पड़ सकता है। इस कारण सभी तैयारियों के बावजूद परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया गया।
स्कूलों के पास इससे पहले सीबीएसई से संबद्धता के लिए आवेदन करने का समय 30 जून था। लेकिन कोरोनावायरस के कारण आवेदन की तिथि तीसरी बार बढ़ाकर 31 जुलाई तक कर दी गई है।