केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सोमवार 22 जून को सीबीएसई बोर्ड परीक्षा को स्थगित करने या रद्द करने पर फैसला लेने की उम्मीद है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) कक्षा 12 के छात्रों को एक स्पेशल मार्किंग स्कीम के तहत पास होने की अनुमति दे सकता है, लेकिन उन्हें अपने प्रदर्शन में सुधार करने के लिए बोर्ड परीक्षाओं में हिस्सा लेने का ऑप्शन खुला रहेगा। दूसरे शब्दों में कहें तो, ऐसा हो सकता है कि सीबीएसई जुलाई में बोर्ड परीक्षा आयोजित नहीं कर पाए और इसके बजाय, मूल्यांकन की एक वैकल्पिक पद्धति के साथ आए। जो छात्र अपने रिजल्ट से असंतुष्ट हैं, वे बोर्ड द्वारा इस साल में बाद में आयोजित की जाने वाली पेन-एंड-पेपर परीक्षा का विकल्प चुन सकते हैं।
दरअसल कोरोना वायरस के चलते देशभर में हुए लॉकडाउन की वजह से एग्जाम बीच में ही रोकने पड़े थे। हालांकि अब उतने एग्जाम नहीं होंगे जितने कि बचे थे। अब बोर्ड केवल मुख्य विषयों के एग्जाम लेगा। बोर्ड ने कुल मिलाकर 29 विषयों की लिस्ट बनाई है। इस लिस्ट में 10वीं के भी विषय शामिल हैं।
सीबीएसई द्वारा 10वीं में 100 से अधिक स्किल विषय चलाए जा रहे हैं। अब तक मुख्य विषय में फेल होने वाले विद्यार्थियों को कंपार्टमेंटल परीक्षा देनी होती थी। 10वीं में छठे विषय के तौर पर स्किल विषय की सुविधा 2019 में शुरू हुई थी। 2019 में नौवीं के छात्रों को भी यह सुविधा दी गई। सीबीएसई के अधिकारी इस बात पर भी गौर कर रहे हैं कि अगर परीक्षा को वैकल्पिक बनाया जाता है, तो अपने पसंद के विश्वविद्यालय या कॉलेज में प्रवेश लेने के समय किस तरह की परेशानी हो सकती है।
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केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने राज्य सरकारों से कहा कि वे अपनी बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन शुरू करें और ऐसा करने में CBSE की सहायता करें। सभी बोर्ड अब एक एक कर जल्द परीक्षा के रिजल्ट जारी करना शुरू करेंगे।
CBSE बोर्ड की 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षाएं पहले तय किए गए एग्जाम सेंटर्स के बजाय छात्रों को अपने स्कूल में ही होगी। ऐसे स्कूल जो कंटेनमेंट ज़ोन में आते हैं, वहां परीक्षा नहीं आयोजित की जाएगी। कंटेनमेंट ज़ोन में एग्जाम सेंटर न बनाने का फैसला गृह मंत्रालय ने लिया है।
बोर्ड ने परीक्षाएं आयोजित कराने के लिए तैयारी पूरी कर ली है। बोर्ड का कहना है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद केवल महत्वपूर्ण विषयों की परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी और वे भी बगैर ज्यादा समय खर्च किए। 01 जुलाई से परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी।
कोरोनावायरस महामारी के चलते पैदा हुई स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) विदेशों में 10वीं और 12वीं कक्षाओं की लंबित परीक्षाएं नहीं लेगा। सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा, "25 देशों में कई सीबीएसई स्कूल स्थित हैं।"
बोर्ड की परीक्षाएं 01 जुलाई से होमसाइंस के एग्जाम के साथ शुरू होंगी। परीक्षा का पूरा शिड्यूल जारी कर दिया गया है। सब्जेक्ट कोड 064 यानी होम साइंस सब्जेक्ट की परीक्षा 01 जुलाई को सुबह 10:30 बजे से 01:30 बजे तक आयोजित की जाएगी।
अगला पेपर नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के लिए केमेस्ट्री का होगा। इसका सब्जेक्ट कोड 043 है तथा परीक्षा की टाइमिंग वही रहेगी। यह एग्जाम सोमवार 06 जुलाई को आयोजित किया जाएगा।
ओडिशा कैडर के 1990 बैच के IAS अधिकारी मनोज आहूजा पहले लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के विशेष निदेशक के रूप में तैनात थे। उन्होंने CBSE का पदभार संभाला है और उन्हें इस समय वार्षिक बोर्ड परीक्षाओं को पूरा करने की एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जिन्हें लॉकडाउन के कारण रोक दिया गया था।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों के लिए करिकुलम जारी कर दिया है। बोर्ड ने अपनी अधिसूचना में कहा है कि कोरोनोवायरस महामारी के चलते स्कूलों को बंद करने के कारण शैक्षणिक सत्र 2020-21 में हुई अनुदेशात्मक समय की संभावित हानि पर विचार किया जाएगा।
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बोर्ड ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उत्तरी दिल्ली में फैली सांप्रदायिक हिंसा के चलते जिन इलाकों में परीक्षाएं नहीं हो सकी हैं वहां अब सभी विषयों की परीक्षाएं कराने के बजाय केवल जरूरी विषयों की परीक्षाएं कराई जाएंगी। बोर्ड ने इसके संबंध में 29 विषयों की लिस्ट भी जारी की है।
परीक्षाओं का सुचारू प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए, CBSE ने प्रत्येक जिले में कम से कम एक ऐसे एग्जाम सेंटर देने का फैसला किया है जो एक परीक्षा केंद्र से दूसरे में स्थानांतरित होने वाले उम्मीदवारों के लिए नोडल परीक्षा केंद्र होगा।
ऑनलाइन LSAT- भारत का संचालन अब 19 जुलाई से किया जाएगा। LSAT-India को पहले 14 जुलाई, 2020 से आयोजित किया जाना था। ऐसा बोर्ड परीक्षाओं में हुई देरी के कारण किया जा रहा है।
बोर्ड ने निर्णय लिया कि वह अपनी कुछ वार्षिक बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन नहीं करेगा, जो कोरोनावायरस महामारी और राष्ट्रीय लॉकडाउन द्वारा बाधित हो गई हैं। परीक्षा केवल 29 प्रमुख पत्रों पर आयोजित की जाएगी जो आगे प्रोमेशन के लिए आवश्यक है और शायद उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए महत्वपूर्ण हैं।
बोर्ड की परीक्षाएं 01 जुलाई से होमसाइंस के एग्जाम के साथ शुरू होंगी। परीक्षा का पूरा शिड्यूल जारी कर दिया गया है। सब्जेक्ट कोड 064 यानी होम साइंस सब्जेक्ट की परीक्षा 01 जुलाई को सुबह 10:30 बजे से 01:30 बजे तक आयोजित की जाएगी।
अगला पेपर नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के लिए केमेस्ट्री का होगा। इसका सब्जेक्ट कोड 043 है तथा परीक्षा की टाइमिंग वही रहेगी। यह एग्जाम सोमवार 06 जुलाई को आयोजित किया जाएगा।
CBSE बोर्ड ने अपनी बची हुई 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए डेट शीट अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दी है। शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर इसकी जानकारी भी दी थी। छात्र पूरा एग्जाम शिड्यूल बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर डाउनलोड कर सकते हैं।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों के लिए करिकुलम जारी कर दिया है। बोर्ड ने अपनी अधिसूचना में कहा है कि कोरोनोवायरस महामारी के चलते स्कूलों को बंद करने के कारण शैक्षणिक सत्र 2020-21 में हुई अनुदेशात्मक समय की संभावित हानि पर विचार किया जाएगा।
पैरेंट्स ने कहा है कि बोर्ड जुलाई, 2020 के महीने परीक्षा आयोजित कराना चाहता है जिसमें AIIMS डेटा के अनुसार, कोरोनावायरस महामारी का संक्रमण अपने चरम पर होगा। याचिका में कहा गया है कि इस साल अप्रैल में बोर्ड ने 9वीं और 11वीं क्लास के छात्रों को भी स्कूल के आकलन के आधार पर अगली क्लास में प्रमोट करने का निर्देश दिया था।
पैरेंट्स का मानना है कि इस मुश्किल समय में छात्रों को परीक्षा के लिए भेजना उनकी जान को खतरे में डालने के बराबर है। दाखिल की गई याचिका के मुताबिक, पैरेंट्स चाहते हैं कि 12वीं की शेष बची हुईं परीक्षाएं रद्द हों और छात्रों के परिणाम, आंतरिक मूल्यांकन अंकों के साथ औसत आधार पर तैयार होने चाहिए।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा 12वीं कक्षा की बची हुई परीक्षाओं को रद्द कराने के लिए छात्रों के अभिभावक अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए हैं। 12वीं के कुछ छात्रों के अभिभावकों ने COVID-19 महामारी के कारण देश में मौजूदा हालात को देखते हुए परीक्षाओं के आयोजन को छात्रों के लिए खतरा बताया और उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की है।
सीबीएसई बोर्ड 10वीं और 12वीं क्लास के छात्रों से कुछ लोग छात्रों के नंबर बढ़ाने के लिए पैसे मांग रहे हैं और अपना अकाउंट नंबर भी दे रहे हैं। बोर्ड ने अभिभावकों को ऐसे जालसाजों से बचने के लिए आगाह किया है।
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने "नेशनल टेस्ट अभ्यास" ऐप लॉन्च किया है, जो अंग्रेजी के अलावा मुख्य रूप से हिंदी प्रैक्टिस पेपर्स के लिए किया गया है। एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल ने ट्विटर के जरिए इसकी सूचना साझा की। उन्होंने बताया कि, 'छात्र काफी समय से हिंदी में पेपर्स की मांग कर रहे थे। यह कदम छात्रों की मांग को देखते हुए उठाया गया है।'
दिल्ली सरकार के अलावा, महाराष्ट्र और ओडिशा समेत कुछ राज्यों ने मंत्रालय से COVID-19 की महामारी के बीच बोर्ड परीक्षा रद्द करने का अनुरोध किया है।
माना यह भी जा रहा है कि, अगर सीबीएसई बोर्ड परीक्षा को स्थगित करने का फैसला करता है, तो एनईईटी, जेईई (मेन) और जेईई (एडवांस्ड) जैसे राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षाएं भी देर से आयोजित की जा सकती हैं।
सीबीएसई बोर्ड परीक्षा को स्थगित करने या रद्द करने पर फैसले के बाद, इसके साथ ही, मंत्रालय द्वारा जेईई मेन (अप्रैल) 2020 और NEET UG 2020 परीक्षा पर भी निर्णय लिया जाएगा।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सोमवार 22 जून को सीबीएसई बोर्ड परीक्षा को स्थगित करने या रद्द करने पर फैसला लेने की उम्मीद है।
बोर्ड ने निर्णय लिया कि वह अपनी कुछ वार्षिक बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन नहीं करेगा, जो कोरोनावायरस महामारी और राष्ट्रीय लॉकडाउन द्वारा बाधित हो गई हैं। परीक्षा केवल 29 प्रमुख पत्रों पर आयोजित की जाएगी जो आगे प्रोमेशन के लिए आवश्यक है और शायद उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए महत्वपूर्ण हैं।
एमएचए द्वारा परीक्षा केंद्र दिशानिर्देश मुद्दों के अलावा, सभी राज्य के बोर्ड को बोर्ड परीक्षा के दौरान छात्रों के परिवहन के लिए विशेष व्यवस्था करने के लिए भी निर्देशित किया गया था। राज्य बोर्डों को विशेष बसों की व्यवस्था करने के लिए कहा गया था कि जो छात्रों को उनके घरों से परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाएंगे।
माना यह भी जा रहा है कि, अगर सीबीएसई बोर्ड परीक्षा को स्थगित करने का फैसला करता है, तो एनईईटी, जेईई (मेन) और जेईई (एडवांस्ड) जैसे राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षाएं भी देर से आयोजित की जा सकती हैं।
दिल्ली के अलावा महाराष्ट्र में भी बोर्ड की शेष परीक्षाएं रुकी हुई हैं, जिनके आयोजित होने उम्मीद कम नजर आ रही है। दोनों राज्यों मे कोरोनावायरस के मामले तेजी से अधिक संख्या में सामने आ रहे हैं।
सीबीएसई के अधिकारी इस बात पर भी गौर कर रहे हैं कि अगर परीक्षा को वैकल्पिक बनाया जाता है, तो अपने पसंद के विश्वविद्यालय या कॉलेज में प्रवेश लेने के समय किस तरह की परेशानी हो सकती है।
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने मंगलवार को स्कूल शिक्षा सचिव अनीता करवाल, सीबीएसई प्रमुख मनोज आहूजा और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी के महानिदेशक विनीत जोशी के साथ बैठक की।
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल पहले ही गृह मंत्री से मिल चुके हैं और जुलाई में होने वाले सीबीएसई बोर्ड के परीक्षाओं के मुद्दे पर इस सप्ताह स्वास्थ्य मंत्री से बात भी की है।
सीबीएसई बोर्ड को जुलाई में 10वीं और 12वीं की परीक्षा आयोजित कराने के विषय में जवाब देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार तक का समय दिया है। बोर्ड 23 जून को परीक्षा रद्द करने के लिए अभिभावकों द्वारा दायर याचिका पर अपना जवाब पेश करेगा।
सीबीएसई बोर्ड 23 जून तक परीक्षाओं के लंबित होने का जवाब देने और साझा करने के लिए कोई जरूरी फैसला ले सकता है। SC की सुनवाई के बाद, दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने मानव संसाधन विकास मंत्री को एक पत्र भी लिखा था, जिसमें बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने का आग्रह किया गया था।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में सचिव उच्च शिक्षा, सचिव स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के साथ UGC (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) के अध्यक्ष, AICTE (अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद), CBSE (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) और एनटीए (राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी) शामिल हुए।
HRD मंत्री ने कहा था कि 32 SWAYAM प्रभा चैनलों को DTH पर 24X7 प्रसारित किया जा रहा है और यह DD, DISH TV, TATA Sky और Reliance Jio चैनल पर भी उपलब्ध हैं।
- सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों और एक साथ कम से कम उपस्थिति के लिए, स्कूल दो शिफ्ट में होगा।- शिक्षकों को मास्क के साथ दस्ताने पहनना भी जरूरी होगा।- स्कूलों में थर्मल स्कैनर लगाए जाएंगे।- क्लास में केवल तीन सीट वाले डेस्क पर दो छात्र ही बैठेंगे।
स्कूल खुलने के बाद, शिक्षकों और छात्रों की सेहत का पूरा ख्याल रखना पहली जिम्मेदारी होगी। यूजीसी एक टास्क फोर्स तैयार करेगी और एनसीआरटी की गाइडलाइंस को ध्यान में रखा जाएगा।
उत्तर पूर्वी दिल्ली में स्थित स्कूलों को छोड़कर 10वीं की परीक्षा दोबारा आयोजित नहीं की जाएंगी। पूर्वी दिल्ली के स्कूलों में कक्षा 10वीं की परीक्षाएं केवल हिंदी कोर्स ए, हिंदी कोर्स बी, इंग्लिश कम्युनिकेशन, इंग्लिश लैंगवेज एंड लिट्रेचर, साइंस और सोशल साइंस विषयों के लिए आयोजित की जाएंगी।