दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज केंद्रीय शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर कहा कि कोरोनावायरस प्रकोप के चलते शेष सीबीएसई परीक्षाओं को आयोजित करना बहुत मुश्किल होगा। राज्य के शिक्षा मंत्री ने मानव संसाधन विकास मंत्री (HRD) रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ पत्र में, स्कूल आधारित आंतरिक मूल्यांकन का उपयोग करके सीबीएसई के परिणाम घोषित करने का सुझाव दिया है, जिसमें प्रोजेक्ट वर्क, पीरियोडिक टेस्ट और टर्म एग्जाम को शामिल किया जा सकता है।
वहीं सीबीएसई बोर्ड के एग्जाम की डेटशीट भी आ चुकी है। इस बार सरकार और बोर्ड ने एग्जाम में कुछ बदलाव किए हैं। हालांकि यह बदलाव पढ़ाई को लेकर नहीं बल्कि एग्जाम सेंटर को लेकर किए हैं। अब जो स्टूडेंट्स जहां हैं वह वहीं सीबीएसई बोर्ड के एग्जाम दे सकेंगे अगर आपका घर आपके पुराने एग्जाम सेंटर से दूर है तो आप अपने घर के पास वाले एग्जाम सेंटर पर एग्जाम दे पाएंगे। यह फैसला सरकार ने इसलिए लिया है ताकि स्टूडेंट्स को एग्जाम देने के लिए ज्यादा यात्रा न करनी पड़े।
बोर्ड ने परीक्षाएं आयोजित कराने के लिए तैयारी पूरी कर ली है। बोर्ड का कहना है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद केवल महत्वपूर्ण विषयों की परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी और वे भी बगैर ज्यादा समय खर्च किए। 01 जुलाई से परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। सीबीएसई 10वीं बोर्ड के छात्रों की केवल इन 6 सब्जेक्ट्स की परीक्षाएं होनी हैं। हिंदी कोर्स-ए, हिंदी कोर्स-बी, इंग्लिश, इंग्लिश लैंग्वेज एंड लिट्रेचर, साइंस तथा सोशल साइंस। अन्य किसी सब्जेक्ट के पेपर अब नहीं कराए जाएंगे। रिजल्ट भी इन्हीं के आधार पर तैयार किया जाएगा।


पैरेंट्स का मानना है कि इस मुश्किल समय में छात्रों को परीक्षा के लिए भेजना उनकी जान को खतरे में डालने के बराबर है। दाखिल की गई याचिका के मुताबिक, पैरेंट्स चाहते हैं कि 12वीं की शेष बची हुईं परीक्षाएं रद्द हों और छात्रों के परिणाम, आंतरिक मूल्यांकन अंकों के साथ औसत आधार पर तैयार होने चाहिए।
पैरेंट्स ने कहा है कि बोर्ड जुलाई, 2020 के महीने परीक्षा आयोजित कराना चाहता है जिसमें AIIMS डेटा के अनुसार, कोरोनावायरस महामारी का संक्रमण अपने चरम पर होगा। याचिका में कहा गया है कि इस साल अप्रैल में बोर्ड ने 9वीं और 11वीं क्लास के छात्रों को भी स्कूल के आकलन के आधार पर अगली क्लास में प्रमोट करने का निर्देश दिया था।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा 12वीं कक्षा की बची हुई परीक्षाओं को रद्द कराने के लिए छात्रों के अभिभावक अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए हैं। 12वीं के कुछ छात्रों के अभिभावकों ने COVID-19 महामारी के कारण देश में मौजूदा हालात को देखते हुए परीक्षाओं के आयोजन को छात्रों के लिए खतरा बताया और उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की है।
कोरोनावायरस महामारी के दौरान छात्रों की पढ़ाई के बारे में बताते हुए HRD मंत्री ऑनलाइन शिक्षा पर जोर देते रहे हैं। वहीं जो छात्र इंटरनेट के जरिए पढ़ाई नहीं कर सकते हैं उन्हें दूरदर्शन और रेडियो के उपयोग द्वारा उन छात्रों को भी शिक्षा ग्रहण करने का अवसर मिलेगा।
CBSE बोर्ड ने चेतावनी दी है कि अगर छात्रों या अभिभावकों से नंबर बढ़ाने के पैसे मांगे जाते हैं और उन्हें पैसे दिए जाते हैं तो ऐसे में छात्र या अभिभावक की भी गलती मानी जाएगी। बोर्ड किसी भी तरह से इसका जिम्मेदार नहीं होगा।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा 12वीं कक्षा की बची हुई परीक्षाओं को रद्द कराने के लिए 12वीं के कुछ छात्रों के अभिभावकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। पैरेंट्स का मानना है कि इस मुश्किल समय में छात्रों को परीक्षा के लिए भेजना उनकी जान को खतरे में डालने के बराबर है। दाखिल की गई याचिका के मुताबिक, पैरेंट्स चाहते हैं कि 12वीं की शेष बची हुईं परीक्षाएं रद्द हों और छात्रों के परिणाम, आंतरिक मूल्यांकन अंकों के साथ औसत आधार पर तैयार होने चाहिए। यहां क्लिक कर जानें याचिका में कौन सी बातें थी शामिल-
हाल ही में 12वीं के कुछ छात्रों के अभिभावकों ने भी सीबीएसई बोर्ड परीक्षा रद्द कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी। SC ने अब बोर्ड से 10वीं और 12वीं क्लास की बची हुई परीक्षाएं कराने को लेकर 23 जून तक जवाब मांगा गया है। निर्देश में कहा गया है कि सीबीएसई मामले पर विचार करे और परीक्षा स्थगित करने को लेकर मंगलवार तक फैसला करे।
यह दूसरी बार है जब दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और राज्य के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने जुलाई में होने वाली सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाओं को स्थगित करने का सुझाव दिया है। इससे पहले, 28 अप्रैल को HRD मिनिस्टर ‘निशंक’ के साथ वीडियो कॉनफ्रेंस के दौरान भी उन्होंने इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखा था।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि, पिछले एक हफ्ते के दौरान, हर दिन कोरोनावायरस के केस बढ़ रहे हैं और जून 16 तक ये संख्या 44688 हो गई है। 31 जुलाई तक ये केस 5.5 लाख होने की आशंका है. ऐसी स्थिति में अगर कोई छात्र या उसके परिवार का कोई सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे एग्जाम छोड़ना पड़ेगा।
राज्य के शिक्षा मंत्री ने मानव संसाधन विकास मंत्री (HRD) रमेश पोखरियाल `निशंक' पत्र में, स्कूल आधारित आंतरिक मूल्यांकन का उपयोग करके सीबीएसई के परिणाम घोषित करने का सुझाव दिया है, जिसमें प्रोजेक्ट वर्क, पीरियोडिक टेस्ट और टर्म एग्जाम को शामिल किया जा सकता है।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज केंद्रीय शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर कहा कि कोरोनावायरस प्रकोप के चलते शेष सीबीएसई परीक्षाओं को आयोजित करना बहुत मुश्किल होगा।
बोर्ड ने अफवाहों से गुमराह होने से बचने के लिए, सभी छात्रों और अभिभावकों को सुझाव दिया है कि वे केवल बोर्ड द्वारा आधिकारिक घोषणाओं पर भरोसा करें जो बोर्ड की वेबसाइट पर किए गए हैं। किसी भी अन्य स्रोत से प्राप्त जानकारी पर छात्र भरोसा न करें।
बोर्ड ने परीक्षाएं आयोजित कराने के लिए तैयारी पूरी कर ली है। बोर्ड का कहना है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद केवल महत्वपूर्ण विषयों की परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी और वे भी बगैर ज्यादा समय खर्च किए। 01 जुलाई से परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी।
CBSE बोर्ड की 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षाएं पहले तय किए गए एग्जाम सेंटर्स के बजाय छात्रों को अपने स्कूल में ही होगी। ऐसे स्कूल जो कंटेनमेंट ज़ोन में आते हैं, वहां परीक्षा नहीं आयोजित की जाएगी। कंटेनमेंट ज़ोन में एग्जाम सेंटर न बनाने का फैसला गृह मंत्रालय ने लिया है।
एचआरडी मंत्री रमेश निशंक पोखरियाल ने बीबीसी न्यूज हिंदी यूट्यूब चैनल को दिए एक साक्षात्कार में बताया कि 16 मार्च के बाद से बंद हुए स्कूल और कॉलेज अगस्त 2020 के बाद फिर से खुल जाएंगे। लगभग 33 करोड़ छात्र अपनी कनफ्यूजन को दूर करने के लिए स्कूल के फिर से खोलने की खबर का इंतजार कर रहे हैं।
परीक्षाओं का सुचारू प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए, CBSE ने प्रत्येक जिले में कम से कम एक ऐसे एग्जाम सेंटर देने का फैसला किया है जो एक परीक्षा केंद्र से दूसरे में स्थानांतरित होने वाले उम्मीदवारों के लिए नोडल परीक्षा केंद्र होगा।
JEE Main 2020 परीक्षा 18 से 23 जुलाई तक आयोजित की जानी है। आयोग बीते सप्ताह ही परीक्षा की तिथि जारी कर चुका है। परीक्षा की पूर्वनिर्धारित तिथियों में COVID19 के कारण लागू देशव्यापी लॉकडाउन के चलते बदलाव करना पड़ा था।
छात्रों की परेशानी को देखते हुए संबंधित जिले के परीक्षा केंद्र पर ही उपस्थित होने का निर्णय लिया गया है। कॉपियों के मूल्यांकन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। जुलाई के अंत तक रिजल्ट की घोषणा संभावित है।
यह निश्चित रूप से उन छात्रों के लिए अच्छी खबर है, जिन्हें कोविड -19 लॉकडाउन से पहले या उसके दौरान सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2020 के लिए एक शहर से दूसरे शहर जाना पड़ता। बोर्ड के इस निर्देश के बाद छात्रों को ट्रेन से भी सफर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
सीबीएसई द्वारा 10वीं में 100 से अधिक स्किल विषय चलाए जा रहे हैं। अब तक मुख्य विषय में फेल होने वाले विद्यार्थियों को कंपार्टमेंटल परीक्षा देनी होती थी। 10वीं में छठे विषय के तौर पर स्किल विषय की सुविधा 2019 में शुरू हुई थी। 2019 में नौवीं के छात्रों को भी यह सुविधा दी गई।
एमएचए द्वारा परीक्षा केंद्र दिशानिर्देश मुद्दों के अलावा, सभी राज्य के बोर्ड को बोर्ड परीक्षा के दौरान छात्रों के परिवहन के लिए विशेष व्यवस्था करने के लिए भी निर्देशित किया गया है। राज्य बोर्डों को विशेष बसों की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है जो छात्रों को उनके घरों से परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाएंगे।
बोर्ड ने निर्णय लिया कि वह अपनी कुछ वार्षिक बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन नहीं करेगा, जो कोरोनावायरस महामारी और राष्ट्रीय लॉकडाउन द्वारा बाधित हो गई हैं। परीक्षा केवल 29 प्रमुख पत्रों पर आयोजित की जाएगी जो आगे प्रोमेशन के लिए आवश्यक है और शायद उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए महत्वपूर्ण हैं।
उत्तर पूर्वी दिल्ली में स्थित स्कूलों को छोड़कर 10वीं की परीक्षा दोबारा आयोजित नहीं की जाएंगी। पूर्वी दिल्ली के स्कूलों में कक्षा 10वीं की परीक्षाएं केवल हिंदी कोर्स ए, हिंदी कोर्स बी, इंग्लिश कम्युनिकेशन, इंग्लिश लैंगवेज एंड लिट्रेचर, साइंस और सोशल साइंस विषयों के लिए आयोजित की जाएंगी।
स्कूल खुलने के बाद, शिक्षकों और छात्रों की सेहत का पूरा ख्याल रखना पहली जिम्मेदारी होगी। यूजीसी एक टास्क फोर्स तैयार करेगी और एनसीआरटी की गाइडलाइंस को ध्यान में रखा जाएगा।
- सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों और एक साथ कम से कम उपस्थिति के लिए, स्कूल दो शिफ्ट में होगा।
- शिक्षकों को मास्क के साथ दस्ताने पहनना भी जरूरी होगा।
- स्कूलों में थर्मल स्कैनर लगाए जाएंगे।
- क्लास में केवल तीन सीट वाले डेस्क पर दो छात्र ही बैठेंगे।
HRD मंत्री ने कहा था कि 32 SWAYAM प्रभा चैनलों को DTH पर 24X7 प्रसारित किया जा रहा है और यह DD, DISH TV, TATA Sky और Reliance Jio चैनल पर भी उपलब्ध हैं।
सीबीएसई बोर्ड 10वीं और 12वीं क्लास के छात्रों से कुछ लोग छात्रों के नंबर बढ़ाने के लिए पैसे मांग रहे हैं और अपना अकाउंट नंबर भी दे रहे हैं। बोर्ड ने अभिभावकों को ऐसे जालसाजों से बचने के लिए आगाह किया है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा 12वीं कक्षा की बची हुई परीक्षाओं को रद्द कराने के लिए छात्रों के अभिभावक अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए हैं। 12वीं के कुछ छात्रों के अभिभावकों ने COVID-19 महामारी के कारण देश में मौजूदा हालात को देखते हुए परीक्षाओं के आयोजन को छात्रों के लिए खतरा बताया और उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की है।
पैरेंट्स का मानना है कि इस मुश्किल समय में छात्रों को परीक्षा के लिए भेजना उनकी जान को खतरे में डालने के बराबर है। दाखिल की गई याचिका के मुताबिक, पैरेंट्स चाहते हैं कि 12वीं की शेष बची हुईं परीक्षाएं रद्द हों और छात्रों के परिणाम, आंतरिक मूल्यांकन अंकों के साथ औसत आधार पर तैयार होने चाहिए।
पैरेंट्स ने कहा है कि बोर्ड जुलाई, 2020 के महीने परीक्षा आयोजित कराना चाहता है जिसमें AIIMS डेटा के अनुसार, कोरोनावायरस महामारी का संक्रमण अपने चरम पर होगा। याचिका में कहा गया है कि इस साल अप्रैल में बोर्ड ने 9वीं और 11वीं क्लास के छात्रों को भी स्कूल के आकलन के आधार पर अगली क्लास में प्रमोट करने का निर्देश दिया था।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा 12वीं कक्षा की बची हुई परीक्षाओं को रद्द कराने के लिए छात्रों के अभिभावक अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए हैं। 12वीं के कुछ छात्रों के अभिभावकों ने COVID-19 महामारी के कारण देश में मौजूदा हालात को देखते हुए परीक्षाओं के आयोजन को छात्रों के लिए खतरा बताया और उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों के लिए करिकुलम जारी कर दिया है। बोर्ड ने अपनी अधिसूचना में कहा है कि कोरोनोवायरस महामारी के चलते स्कूलों को बंद करने के कारण शैक्षणिक सत्र 2020-21 में हुई अनुदेशात्मक समय की संभावित हानि पर विचार किया जाएगा।
डेटशीट को डाउनलोड करने के लिए दिख रही लिस्ट पर राइट क्लिक करें तथा Save as Image पर क्लिक करें। मोबाइल ऐप्प पर डेटशीट को टच करके होल्ड करें और Save Image का ऑप्शन चुनें।
CBSE बोर्ड ने अपनी बची हुई 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए डेट शीट अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दी है। शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर इसकी जानकारी भी दी थी। छात्र पूरा एग्जाम शिड्यूल बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर डाउनलोड कर सकते हैं।
चौथी परीक्षा 04 जुलाई को अकाउंटेंसी सब्जेक्ट की होगी। सब्जेक्ट कोड 055 यानी अकाउंटेंसी सब्जेक्ट की परीक्षा भी सुबह की शिफ्ट यानी 10:30 बजे से 1:30 बजे तक ही आयोजित की जाएगी।
अगला पेपर नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के लिए केमेस्ट्री का होगा। इसका सब्जेक्ट कोड 043 है तथा परीक्षा की टाइमिंग वही रहेगी। यह एग्जाम सोमवार 06 जुलाई को आयोजित किया जाएगा।
2 जुलाई को हिंदी इलेक्टिव का एग्जाम होगा। जिसका कोड 002 है। इसके अलावा हिंदी कोर भी उसी दिन होगा। इसका कोड 302 है। यह एग्जाम भी सुबह 10:30 से दोपहर 01:30 बजे तक होगा।
बोर्ड की परीक्षाएं 01 जुलाई से होमसाइंस के एग्जाम के साथ शुरू होंगी। परीक्षा का पूरा शिड्यूल जारी कर दिया गया है। सब्जेक्ट कोड 064 यानी होम साइंस सब्जेक्ट की परीक्षा 01 जुलाई को सुबह 10:30 बजे से 01:30 बजे तक आयोजित की जाएगी।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने शिक्षक और प्रधानाचार्य पुरस्कार 2019 के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। यह पुरस्कार हर साल 5 सितंबर को प्रदान किए जाते हैं। विजेताओं को एक योग्यता प्रमाणपत्र और 50,000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। इच्छुक और पात्र आधिकारिक वेबसाइट cbse.nic.in पर 10 जुलाई या उससे पहले आवेदन कर सकते हैं।
बोर्ड ने निर्णय लिया कि वह अपनी कुछ वार्षिक बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन नहीं करेगा, जो कोरोनावायरस महामारी और राष्ट्रीय लॉकडाउन द्वारा बाधित हो गई हैं। परीक्षा केवल 29 प्रमुख पत्रों पर आयोजित की जाएगी जो आगे प्रोमेशन के लिए आवश्यक है और शायद उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए महत्वपूर्ण हैं।