Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज संसद में केंद्रीय बजट (Union Budget) पेश करते हुए कई अहम घोषणाएं की हैं। इस दौरान उन्होंने शिक्षा और रोजगार को लेकर कई बड़े वादे किए। यहां हम आपको प्वाइंटर्स में उन घोषणाओं के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
डिजिटल यूनिवर्सिटी की घोषणा : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजिटल एजुकेशन (Digital Education) को बढ़ावा देने के लिए कई नए प्रोजेक्ट शुरू करने का ऐलान किया है। इसके लिए डिजिटल यूनिवर्सिटी बनाने की घोषणा की गई है। इस यूनिवर्सिटी में आईएसटीई स्टेंडर्ड के अनुसार विश्व स्तर की गुणवत्ता वाली शिक्षा मिलेगी।
60 लाख नई नौकरियां: बजट में रोजगार (Budget On Employment) को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार देश के युवाओं, महिलाओं और गरीबों को सशक्त बनाने पर ध्यान दे रही है। सरकार का अगला लक्ष्य 60 लाख नौकरियां सृजित करना है। बजट के मुताबिक, आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत 16 लाख नौकरियां दी जाएंगी और मेक इन इंडिया के तहत 60 लाख नौकरियां आएंगी।
वन क्लास वन टीवी चैनल की संख्या बढ़ी: वन क्लास वन टीवी चैनल (One Class One TV Channel) को बढ़ाकर 200 टीवी चैनल करने की घोषणा हुई है। अभी तक केवल 12 टीवी चैनलों के माध्यम से बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। इसका क्षेत्रीय भाषाओं में भी विस्तार किया जाएगा।
कौशल विकास कार्यक्रम फिर से शुरू होंगे: बजट में कहा गया है कि कौशल विकास कार्यक्रमों को दोबारा शुरू किया जाएगा। इसके लिए ई-पोर्टल लॉन्च होगा और राज्यों के आईटीआई कौशल विकास के द्वारा इन कोर्सेज को चलाया जाएगा। कौशल विकास कार्यक्रमों को नए सिरे से शुरू किया जाएगा, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
सभी भारतीय भाषाओं में मिलेगी गुणवत्तापूर्ण शिक्षण सामग्री: बजट में कहा गया है कि टीवी, इंटरनेट, रेडियो और अन्य डिजिटल माध्यमों के जरिये सभी भारतीय भाषाओं में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। इससे शिक्षकों को ई-कंटेंट मिल सकेगा।
5 टॉप शिक्षण संस्थानों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का दर्जा: बजट में पांच शीर्ष शिक्षण संस्थानों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का दर्जा मिलेगा और प्रत्येक को 2500 करोड़ का विशेष फंड दिया जाएगा। इन संस्थानों के लिए फैकल्टी और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की देखरेख एआईसीटीई करेगा।
कृषि विश्वविद्यालयों को दिया जाएगा प्रोत्साहन: वित्त मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक, जैविक खेती और आधुनिक कृषि की जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्यों को कृषि विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम को संशोधित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
