Anti Paper Leak Bill: केंद्र सरकार ने सोमवार 5 फरवरी 2024 को संसद में नकल और पेपर लीक पर शिकंजा कसने के लिए एंटी पेपर लीक बिल पेश किया। इस बिल का पूरा नाम सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) / Public Examinations (Prevention of Unfair Means) विधेयक 2024है। इस बिल के मुताबिक अगर कोई परीक्षा के पेपर लीक करने के आरोप में दोषी पाया जाता है तो उसे 10 साल की सजा के साथ ही 1 करोड़ रुपए जुर्माना का दंड भी झेलना पड़ेगा।

पेपर लीक से इतर अगर कोई परीक्षार्थी किसी और के नाम पर परीक्षा में शामिल होता है तो उसे 3 से 5 साल की जेल और 10 लाख जुर्माने की सजा भुगतनी पड़ेगी। वहीं पेपर लीक और नकल के मामले में कोई भी संस्थान शामिल पाया जाता है तो ना सिर्फ उसकी संपत्ति जब्त की जाएगी बल्कि उससे परीक्षा का पूरा खर्च भी वसूला जाएगा।

कौन सी परीक्षाएं होंगी Public Examination (Prevention of Unfair Means) Bill 2024 में शामिल:

अगर यह बिल कानून का रूप ले लेता है को इसके तहत यूपीएससी, एसएससी, रेलवे भर्ती बोर्ड, बैंकिंग, NEET-मेडिकल और इंजीनियरिंग समेत कई परीक्षाओं इसके दायरे में रहेंगी। फिलहाल ये एक्ट 10वीं या 12वीं की परीक्षाओं पर लागू नहीं है। इसके साथ ही ये राज्यों की परीक्षाओं पर भी फिलहाल ये लागू नहीं होगा, क्योंकि कई राज्यों में नकल को लेकर अपने अलग कानून बनाए हैं।

कौन करेगा Paper Leak Bill Case में जांच:

अब सवाल उठता है कि पेपर लीक और नकल के मामलों की जांच कौन करेगा। इस सवाल का जवाब भी बिल में दिया गया है। संसद में पेश बिल के मुताबिक पुलिस उपाधीक्षक, सहायक पुलिस आयुक्त स्तर के अधिकारी इस एक्ट के तहत जांच करेंगे। इसके साथ ही सरकार के पास यह अधिकार भी रहेगा कि वह पेपर लीक और नकल के मामलों की जांच सीबीआई से करा सके।

कितना बड़ा है पेपर लीक का कारोबार:

तमाम आंकड़ों और मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पिछले 7 सालों में देश के अलग-अलग राज्यों में 70 से अधिक परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं। इस पेपर लीक से करीब डेढ़ करोड़ से ज्यादा युवाओं के करियर प्रभावित हुए। साल 2015 से 2023 के बीच के रिकॉर्ड देखे जाएं तो पेपर लीक मामले में राजस्थान टॉप पर है। यहां पेपर लीक के 14 मामले सामने आए जिसके बाद परीक्षाएं रद्द करनी पड़ीं। राजस्थान के साथ ही गुजरात में भी इन सात सालों में 14 परीक्षाओं के पेपर लीक हुए।

सिर्फ प्रतियोगी परीक्षाओं के ही पेपर नहीं होते लीक:

नकल और पेपर लीक के कारोबार से सिर्फ प्रतियोगी परीक्षाएं ही प्रभावित नहीं हुई हैं। इनका दायरा स्कूलों तक है। स्कूल में बोर्ड परीक्षाओं के पेपर लीक का खेल बड़े पैमाने पर चलता है। बिहार और बंगाल बोर्ड एग्जाम पेपर लीक के मामले में काफी कुख्यात हैं। बिहार और बंगाल में पिछले सात वर्षों में करीब 10 बार पेपर लीक हुए। बोर्ड के पेपर लीक का आलम तो ये है कि साल 2023 में असम बोर्ड का 12वीं कॉमर्स का पेपर 200 से 3000 रुपये तक में व्हाट्सएप के जरिये खरीदा बेचा जा रहा था।

इस बिल के जरिए सरकार की मंशा है कि पेपर लीक के करोड़ों के काले कारोबार पर रोक लगाई जा सके और देश के युवाओं का भविष्य सुरक्षित हो सके। दरअसल पेपर लीक ऐसा अपराध बन चुका है जो दीमक की तरह पूरी व्यवस्था को साफ करने मे लगा है।