आर्किटेक्चर डिप्लोमा की फीस में चार गुना, कंप्यूटर एप्लीकेशन ग्रेजुएशन के लिए दो गुना इसके अलावा लगभग 80 कोर्स की फीस मनमानी तरीके से बढ़ा दी गई है। मामला दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी (DSEU) का है। छात्रों को एडमिशन लेने में दिक्कत हो रही है। वे बढ़ी हुई फीस के कारण दर-दर भटक रहे हैं। कोई छात्र किसी भी तरह से लोन लेने के लिए मजबूर है तो किसी ने यहां एडमिशन लेने का अब मन बदल दिया है। चलिए बताते हैं कि पूरा मामला क्या है।
डीएसईयू के नए शैक्षणिक सत्र में कुछ मास्टर कोर्स को छोड़कर 80 पाठ्यक्रमों की फीस बढ़ा दी गई है। हालांकि फीस बढ़ाये जाने को लेकर छात्रों और शिक्षकों ने आलोचना की है। इस पर प्रशासन ने पैसे की कमी का हवाला दिया है और कहा है कि फीस बढ़ाने का मामला कबसे पेडिंग था।
पिछले महीने फीस वृद्धि के कारण छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया था। 11 जून को DSEU के 19 विभिन्न परिसरों के 20 छात्रों के एक समूह ने तकनीकी शिक्षा निदेशालय के कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने एक पत्र में अपना अनुरोध भी रखा लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
इससे पहले, 12 जून को उपराज्यपाल वीके सक्सेना को लिखे एक पत्र में छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने “ट्यूशन फीस में नाटकीय वृद्धि” पर चिंता जताई थी। वीसी डॉ. अशोक के नागावत के अनुसार, एलजी ने बाद में विश्वविद्यालय को “फीस में छूट पर विचार करने” के लिए एक पत्र भेजा।
दरअसल, हर साल कोर्स की फीस में 10% की बढ़ोतरी की जाती है और इस बदलाव को सेमेस्टर फीस में समायोजित किया जाता है। हालांकि, इस शैक्षणिक सत्र में बहुत अधिक फीस बढ़ा दी गई है। उदाहरण के लिए, पिछले साल तक आर्किटेक्चर में डिप्लोमा और फार्मेसी में डिप्लोमा के प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम शुल्क के रूप में 15,750 रुपये थे। बैचलर इन ऑप्टोमेट्री और बैचलर इन लाइब्रेरी साइंसेज की फीस 42,700 रुपये थी।
बैचलर इन कंप्यूटर एप्लीकेशन के लिए यह 52,700 रुपये और बैचलर इन डेटा एनालिटिक्स के लिए 60,250 रुपये थी। जबकि आर्किटेक्चर में डिप्लोमा और फार्मेसी में डिप्लोमा के लिए प्रथम वर्ष की फीस अब 63,000 रुपये तक बढ़ा दी गई है। बीएस ऑप्टोमेट्री और बी लाइब्रेरी साइंसेज के लिए इसे दोगुना (1,13,000 रुपये) कर दिया गया है। बीसीए और बीएस डेटा एनालिटिक्स और डिजिटल मार्केटिंग के लिए, छात्रों को 1,13,000 रुपये का भुगतान करना होगा। यह पिछले वर्ष की फीस से लगभग दोगुना है।
वीसी नागावत ने कहा कि फीस कबसे बढ़ाई जानी थी। “डिप्लोमा इन आर्किटेक्चर कोर्स पहले स्लैब-1 कोर्स था। इसकी ट्यूशन फीस 10,000 रुपये थी। अब इसे 25,000 रुपये की ट्यूशन फीस के साथ स्लैब -2 में ट्रांसफर कर दिया गया है। कई सालों से न्यूनतम फीस ली जा रही थी लेकिन इस साल कोर्स की मांग और आवश्यक संसाधनों को देखते हुए हमने फीस बढ़ा दी है।’ नागावत ने आगे कहा कि डीएसईयू को फंड की कमी का भी सामना करना पड़ रहा है, वह और अधिक फंड की उम्मीद कर रहे हैं ताकि संकाय की संख्या वर्तमान में 500 से बढ़ाकर 1,200 की जा सके। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार द्वारा डीएसईयू को आवंटित वार्षिक बजट को 2023-24 में 290 करोड़ रुपये से घटाकर 2024-25 में 165 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
छात्रों ने बढ़ी हुई फीस पर क्या कहा?
बैचलर इन टेक्नोलॉजी के एक छात्र ने कहा, “मैं अपने कॉलेज की फीस जमा नहीं कर सकता… मेरे पिता एक रिक्शा चालक हैं। मैंने लोन के लिए आवेदन किया है लेकिन मेरे पिता का क्रेडिट स्कोर लोन पाने के लिए पर्याप्त नहीं है। मैंने छात्रवृत्ति पाने के लिए हर संभव कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
नागावत ने कहा, “हम वित्तीय अनुशासन का पालन कर रहे हैं क्योंकि पिछले साल तक हम बहुत उदार थे और कई छात्र अभी भी फीस का भुगतान करने में विफल रहे हैं।” एक शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “फीस में इतनी बढ़ोतरी अनुचित है… यह आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने से वंचित कर देगी।”
फीस बढ़ोतरी के बारे में पूछे जाने पर शिक्षक ने कहा कि छात्र अन्य संस्थानों को प्राथमिकता देंगे। “जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) बहुत कम कीमत पर पाठ्यक्रम प्रदान करता है।” एक 18 वर्षीय छात्र की बहन, जो डीएसईयू में आवेदन करने पर विचार कर रही थी, ने कहा कि फीस में अचानक बढ़ोतरी ने “उन्हें इग्नू जैसे अन्य विकल्पों की तलाश करने के लिए मजबूर कर दिया है”। इस डर से कि उसकी बहन को एक साल छोड़कर सीयूईटी (कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट)-यूजी की तैयारी करनी पड़ सकती है, उसने कहा, “लेकिन मैं चाहती हूं कि वह पढ़ाई करे। यदि वह एक वर्ष ड्रॉप कर देती है, तो उसे शादी के लिए मजबूर किया जा सकता है। हम बहुत सारे वित्तीय परेशानियों से जूझ रहे हैं।”