कोचिंग संस्थानों में विद्यार्थियों के लिए समय समय पर लिए जाने वाले टेस्ट परीक्षा पर दो माह तक त्वरित प्रभाव से रोग लगा दी गई थी। अब जिला प्रशासन ने एक बार फिर जिले में संचालित कोचिंग संस्थानों द्वारा विद्यार्थियों के समय -समय पर लिए जाने वाले टेस्ट परीक्षा पर तुरंत प्रभाव से रोक हटा दिया है।
कोटा के जिलाधिकारी ओम प्रकाश बुनकर ने बीते मंगलवार को एक और आदेश जारी किया है। आदेश में रोक लगाई गई परीक्षाओं को फिर से कराने के आदेश जारी किए किए गए हैं। जिलाधिकारी ने कोचिंग सेंटरों को गाइडलाइन के कड़ाई से पालन करने के भी निर्देश दिए हैं।
आदेश के मुताबिक, जिलाधिकारी ने कोचिंग संस्थानों को कहा है कि जो भी परीक्षा या टेस्ट होता है तो उसका रिजल्ट 3 दिन के अंदर जारी करना होगा, ताकि विद्यार्थियों को अपने परिणामों की अधिक चिंता ना हो। साथ ही इन टेस्ट रिजल्ट को सार्वजनिक नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं।
हिंदुस्तान लाइव की खबर के अनुसार, नई गाइड लाइन में यह भी कहा गया है कि किसी भी तरह की कोई मेरिट लिस्ट जारी न की जाए। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि जिस दिन विद्यार्थियों के टेस्ट हों उसके अगले दिन उनके लिए छुट्टी रहनी चाहिए। साथ ही किसी भी विद्यार्थियों पर टेस्ट में उपस्थित होने के लिए दबाव भी नहीं बनाया जाए।
हाल ही में कोचिंग संस्थानों के लिए एक हाई लेवल कमेटी ने छात्रों में बढ़ते तनाव, मानसिक दवाब और आत्महात्याओं के पीछे की वजहों को लेकर कोचिंग संस्थानों को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी। रिपोर्ट में ये सुझाव दिया गया था कि कोचिंग संस्थानों के लिए गाइडलाइन बने।इसके बाद कमेटी ने एक गाइडलाइन जारी की थी।
इसके बाद कमेटी ने एक गाइडलाइन जारी की थी, जिसमें कमेटी ने छात्रों के साथ- साथ हर 3 माह में माता- पिता की भी काउंसलिंग क्लासेज लगाने को कहा था। साथ ही छात्रों के लिए कोचिंग संस्थानों में साइकेट्रिस्ट एवं काउंसलर्स की नियुक्ति, छुट्टी एवं सह शैक्षणिक गतिविधियां, इजी एग्जिट ऑप्शन एंव फीस रिफंड पालिसी आदि जैसे बड़े दिशा निर्देश दिए गए थे।
आपको बता दें कि इससे पहले भी कोचिंग सेंटर के लिए छात्रों पर मेंटल प्रेशर को कम करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से अनेक गाइडलाइन बनाई गई है, पर अधिकतर कोचिंग संस्थान इन गाइडलाइन का पालन नहीं करते हैं। इससे नतीजा साफ तौर पर देखने को मिलता है कि विद्यार्थी दबाव में आ जाते हैं और सुसाइड जैसे बड़े घातक कदम उठा लेते हैं। ऐसे में ये सवाल उठना लाजमी है कि क्या इस गाइडलाइन का पालन कोचिंग सेंटर्स करेंगे? ऐसे में अब भविष्य में प्रशासन इनके लिए क्या कड़े कदम उठाता है ये देखने की बात है।