बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी के साथ ट्विटर नोकझोंक और अन्य विवादों की पृष्ठभूमि में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने अपने आलोचकों पर निशाना साधते हुए कहा है कि वे ऐसी शख्स नहीं हैं जो अपमान और उकसावे पर जवाब नहीं देने के पारंपरिक सोच को मानती हों। ‘आंटी नेशनल’ शीर्षक से फेसबुक पोस्ट में स्मृति ईरानी ने अपने करिअर और चुनौतियों के बारे में चर्चा की और एक सोच के आधार पर बात करने की जरूरत बताई। साथ ही उन बुद्धिजीवियों पर भी निशाना साधा जो उन्हें अनपढ़ कहते हैं।
एक समाचारपत्र ने अपनी हेडलाइन में उनके लिए ‘आंटी नेशनल’ संबोधन दिया था। स्मृति ईरानी ने इस बारे में भी चर्चा की कि किस प्रकार से एक महिला को दैनिक जीवन में बताया जाता है कि किसी से सवाल नहीं करना है या चुनौती का जवाब नहीं देना है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा- मध्यमवर्गीय माहौल में (लुटियन जोन को छोड़कर) बढ़ने वाली कई लड़कियोंं को , जो प्रतिदिन स्कूल या कॉलेज जाती हैं और घर वापस आती हैं, दिए गए बजट में सब्जी या अन्य सामान खरीदने बाजार जाती हैं, अक्सर बताया जाता है कि कोई लड़का या लड़के उन्हें छेड़े तो उनकी ओर नहीं देखें और सीधे चलती जाएं।
स्मृति ने कहा- लेकिन ऐसे भी लोग होते हैं जो बागी प्रकृति के होते हैं। जो सवाल करते हैं कि क्यों? जवाब क्यों नहीं दें? क्यों छिपाएं? ऐसे सवालों का नपा-तुला जवाब होता है कि इसकी जरूरत नहीं है। नुकसान तुम्हारा होगा, लड़के का कुछ नहीं बिगड़ेगा। ऐसा सुझाव उन्हें न केवल मध्यमवर्गीय लड़की के रूप में उम्र के साथ बढ़ते हुए मिले बल्कि राजनीति में भी मिले।
मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि जो लोग संघर्ष करते हुए अपना स्थान बनाना चाहते हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि अगर आप किसी पार्टी में जाते हैं और खूब घुलते-मिलते हैं, तब आपको काम मिलेगा। आप दृढ़ता से इनकार करते हैं क्योंकि आप मानते हैं कि आपकी प्रतिभा और कठिन परिश्रम आपको सफलता दिलाएगा, तब यह बात मायने नहीं रखती है कि आप सामाजिक स्तर पर कितने समृद्ध हैं। आपका उपहास किया जाता है और भोलाभाला बताकर खारिज किया जाता है। लेकिन अंतत: आप सफल होते हैं।
उन्होंने कहा कि उनके साथ राजनीति हुई, न केवल जब वे उत्साही स्टार या बेरोजगार थीं ,बल्कि तब भी जब वे सफलता के शिखर पर थीं। स्मृति ने कहा- आपको कठिन लड़ाई लड़नी होती है, आप उसे स्वीकार करें (चांदनी चौक से अमेठी तक… मेरे मित्रों यह आसान नहीं था)। आप जमीनी स्तर पर काम करते हैं। फिर भी जिस क्षण आपको मानव संसाधन विकास मंत्री का दायित्व मिलता है, कुछ बुद्धिजीवी अनपढ़ कहते हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्री ने मीडिया की आलोचना करते हुए कहा कि जब वे राजनीति में शामिल हुर्इं, उन्हें एक समझदारी भरी सलाह दी गई कि जब तक आपके साथ अपने दरबारी पत्रकार नहीं होंगे, तब तक आप संपादकीय के माध्यम से समर्थन मिलने की उम्मीद नहीं करें क्योंकि नुकसान तुम्हारा होगा, उनका कुछ नहीं बिगडेÞगा। एक सामान्य सुझाव यह था कि उन छलावों को नजरअंदाज करो, चाहे वे राजनीतिक प्रणाली में कितनी भी मदद क्यों न करते हों। यौन संकेतों के जरिए आपको अपमानित करने के सार्वजनिक प्रयासों को नजरंदाज करें क्योंकि नुकसान तुम्हारा होगा, उनका कुछ नहीं बिगड़ेगा। ईरानी ने कहा कि किसी भी कामकाजी महिला से पूछें कि जवाबदेही सुनिश्चित करने के प्रयासों को खारिज करते हुए जब उनके सहयोगी समय पर काम पूरा नहीं करते हैं तब वे क्या करती हैं?
सफल महिलाएं आपको हमेशा कहेंगी कि वे कड़ाई करती हैं क्योंकि इसके बाद एक ऐसा समय आएगा जब सहयोगी कहेंगे कि अच्छा, मैं काम करूंगा। इसलिए जहां कई कामकाजी महिलाओं को इन चुनौतियों से सीमित कार्य क्षेत्र में निपटना पड़ता है, मैं ट्विटर पर ऐसा करती हूं क्योंकि मेरा दफ्तर मेरे साथ चलता है।