उस्‍मानिया यूनिवर्सिटी में होने वाला सालाना बीफ फेस्टिवल इस बार तनाव का सबब बन गया है। भाजपा के एक विधायक इसका विरोध कर रहे हैं। गोशामहल के विधायक टी. राजा सिंह का कहना है कि उन्‍हें भाजपा के रुख की कोई परवाह नहीं है, वह इस फ‍ेस्टिवल को किसी कीमत पर नहीं होने देंगे। उन्‍होंने कहा, ‘हम नहीं चाहते कि यहां दादरी जैसी कोई घटना हो। पर मैं गायों की रक्षा के लिए मारने और मरने से पीछे नहीं हटूंगा। इस फेस्टिवल को रोकने से मुझे नरेंद्र मोदी भी नहीं रोक सकते। लोगों को अपने पसंद का खाना खाने की पूरी आजादी है। लेकिन इससे किसी की धार्मिक भावना आहत नहीं होनी चाहिए।” राजा सिंह के अलावा, कुछ दूसरे लोग भी बीफ फेस्‍ट‍िवल का विरोध कर रहे हैं। एक‍ पक्ष ने तो यूनिवर्सिटी में गौ पूजा करने की इजाजत मांगी थी। हालांकि, उस्‍मानिया यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बयान जारी करके कहा है कि वे बीफ फेस्‍ट‍िवल या इसके जवाब में प्रस्‍तावित ‘गौ पूजा’ के लिए इजाजत नहीं देंगे।

राजा सिंह ने राज्‍य के उच्‍च शिक्षा विभाग में प्रमुख सचिव को ज्ञापन भी सौंपा है। इसमें कहा गया है कि 10 दिसंबर को होने वाला बीफ फेस्टिवल राजनीतिक उद्देश्‍यों से प्रेरित है। लिहाजा इसे रोका जाए। ज्ञापन देने गए दल में राजा सिंह के साथ भाजपा के कुछ सदस्‍यों के अलावा, विश्‍व हिंदू परिषद और जनजागृति समिति के लोग भी थे।

भाजपा की तेलंगाना इकाई ने राजा सिंह से खुद को यह कहते हुए अलग कर रखा है कि वह पार्टी विरोधी गतिविधियां कर रहे हैं। तेलंगाना बीजेपी अध्‍यक्ष जी किशन रेड्डी का कहना है कि राजा सिंह निर्दलीय विधायक की तरह बर्ताव कर रहे हैं और पार्टी की गतिविधियों में शामिल नहीं हो रहे हैं।

उनका कहना है, ‘मेरी जानकारी के मुताबिक उस्‍मानिया यूनिवर्सिटी के बीफ फेस्टिवल में भैंस का मांस परोसा जाने वाला है। और अगर गाय का मांस नहीं परोसा जाएगा तो हमें कोई दिक्‍कत नहीं है। हम इस बीफ फेस्टिवल का न समर्थन करेंगे, न विरोध। राजा सिंह ने विरोध के लिए न पार्टी की इजाजत ली है और न ही इस बारे में जानकारी दी है।’ राजा सिंह का कहना है कि आयोजकों ने इस बात की कोई गारंटी नहीं दी है कि गाय का मांस नहीं परोसा जाएगा।

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