मुंबई। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान बचपन में रेल ट्रैक पार करने के एक डरावने अनुभव को साझा किया। मुंबई रेलवे पुलिस के दो अभियानों सेफ्टी अलर्ट मैसेजेस एक्सक्लूजिवली फॉर पैसेंजर्स(समीप) और बी सेफ की लॉन्चिंग के मौके पर सचिन ने बताया, ’11 साल की उम्र से ही मैंने मुंबई में ट्रेन से यात्रा करना शुरु कर दिया था। इस दौरान मेरे साथ किट बैग भी होता था। मुझे ट्रेन के अंदर आने जाने में धक्के झेलने पड़ते, यह अनुभव जिंदगी भर मेरे साथ रहेंगे।’
उन्होंने कहा कि, ‘स्कूल के दिनों में मैं एक बार दोस्त के घर विले पार्ले गया था। सुबह हम पांच छह लोगों ने अभ्यास किया और फिर लंच के बाद मूवी देखने गए। मूवी देखने के बाद हम प्रेक्टिस के लिए लेट हो गए, इसके चलते हम रेलवे ट्रैक क्रॉस कर जाने प्लेटफॉर्म पर जाने लगे। आधे ट्रैक क्रॉस करने के बाद हमने देखा के सभी ट्रैक्स पर गाडि़यां तेजी से आ रही है। इसके चलते हमें ट्रैक्स के बीच अपने किटबैग के सहारे खुद को छुपाना पड़ा। यह डरावना अनुभव था और इसके बाद हमने कभी रेलवे ट्रेक क्रॉस नहीं किया।’
तेंदुलकर ने यात्रियों से ट्रेनों की छत पर भी न बैठने की अपील की। साथ ही कहा कि जब ट्रेन में भीड़ हो तो उसमें सफर न करें। सचिन ने कहा, आज की दुनिया में हरेक मिनट की कीमत है लेकिन धैर्य रखें और नियम न तोड़ें। अगर आज पांच मिनट घर देर से जाएंगे तो इससे कोई नुकसान नहीं होगा।