देश आजाद हुए 70 साल हो गए। लेकिन इस्लाम में ‘हलाला’ पर अब तक हो-हल्ला हो रहा है। सालों से यह रस्म मुस्लिम औरतों का शोषण कर रही है। अजनबियों के साथ उन्हें एक रात के लिए हम बिस्तर होने को मजबूर करती है। सिर्फ इसलिए कि उनकी जिंदगियों में खोई खुशियां लौट आएं। लेकिन धर्म के ठेकेदारों ने मजहबी आड़ में नियम-कानून को धंधा बना लिया। वे एक रात का शौहर बन औरतों को तलाक देते हैं, ताकि वे पहले शौहर से दोबारा निकाह कर सकें। हाल ही में यह बात एक टीवी स्टिंग ऑपरेशन में सामने आई।
हलाला से जुड़े स्टिंग ने मुल्ला-मौलवियों की पोल-पट्टी खोल दी। उसमें वह छिपे कैमरे के सामने साफ-साफ कबूलते दिखे कि वे कैसे और कितने में ‘एक रात का दूल्हा’ बनते हैं। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के कई इमामों ने उसमें कबूला कि वे हलाला से एक रात का शौहर बनते हैं। 20 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक फीस वसूलते हैं। महिलाओं संग रात गुजारते हैं और अगली सुबह तलाक दे देते हैं। तलाक के बाद वह औरत अपने पहले शौहर संग निकाह कर सकती है।
क्या बला है यह हलाला
हलाला एक रस्म है। इसे ‘निकाह हलाला’ के नाम से भी जानते हैं। यह रस्म उन तलाकशुदा औरतों के लिए होती है, जो हालात के चलते दोबारा अपने पहले शौहर से निकाह करना चाहती हैं। इसके लिए उन्हें हलाला का पालन करना पड़ता है। शरिया के मुताबिक अगर किसी शख्स ने बीवी को तलाक दे दिया, तो उससे तब तक दोबारा निकाह नहीं कर सकता है जब तक वह किसी दूसरे से निकाह कर तलाक न ले ले।
ऐसे में तलाकशुदा मुस्लिम औरत शौहर से तब तक दोबारा शादी नहीं कर सकती जब तक उसने किसी अजनबी से शादी कर उसके संग एक रात न गुजारी हो। इसी कारण मौलवी मुस्लिम महिलाओं संग रात गुजारते हैं और अगली सुबह उन्हें तलाक दे देते हैं। ऐसे में मुल्ला-मौलवियों के पास कई मर्द भी पहुंचते हैं। यह पक्का करने कि वे औरत को तलाक देंगे या नहीं। ऐसे में मौलवी अगले दिन की गारंटी के बदले मोटी रकम वसूलते हैं।

…तो क्या कहती है कुरान
हलाला में तलाकशुदा औरत मर्जी से किसी दूसरे मर्द से शादी करे और इत्तेफाक से उससे भी रिश्ता न निभ पाए या दूसरा शौहर तलाक दे दे या फिर उसकी मौत हो जाए। तब वह अपने पहले शौहर से निकाह कर सकती है। यही असल इस्लामिक हलाला है। मगर सहूलियत के हिसाब से लोग काजी और मौलवी के साथ मिलकर इसे अमल में लाते हैं, जिसकी उपज ‘हुल्ला’ है।
रस्म या फिर कमाई का धंधा?
अब असल खेल इसमें मुल्ला-मौलाना और मौलवी कर रहे हैं। वे किसी भी हालत में नहीं चाहते कि हलाला के दरवाजे पर ताला लगे। वे औरतों की आबरू के साथ मजहब से भी खेल रहे हैं। वे खुद ही एक रात शौहर बन अनजान औरतों संग सोते हैं। वादे के मुताबिक अगली सुबह उन्हें तलाक दे देते हैं। इसके लिए बाकायदा रेट तय हैं। बताया जाता है कि इस काम के लिए वे महिलाओं से 50 हजार रुपए से लेकर दो लाख रुपए तक वसूलते हैं। सबसे हैरानी की बात यह है कि यह सारा काम जानबूझ कर होता है, जो कि सरारस ‘हराम’ है।