मध्यप्रदेश के छतरपुर में एक युवक के शव को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिल पाई। इसके चलते मृतक का भाई शव को कबाड़ ढोने के रिक्शे पर लेकर दो किलोमीटर दूर अस्पताल गया। इसके बाद पोस्ट मार्टम कराने के बाद भी उसी रिक्शे पर शव को घर लेकर गया। बताया जा रहा है कि युवक की मौत सड़क हादसे में हुई। घटना छतरपुर शहर के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के बसारी दरवाजा संकटमोचन मार्ग की है। यहां पर रविवार देर रात को 25 वर्षीय गफ्फार की मौत हो गई थी। सुबह जब सफाई कर्मी आए तब शव के बारे में जानकारी मिली। कुछ लोगों का मानना है कि युवक शराबी था और देर रात किसी वाहन से टकरा गया था। चोट लगने पर वह इस चबूतरे पर बैठ गया और रात भर पड़ा रहा। ठण्ड में पड़े रहने के कारण उसकी मौत हो गई होगी।
मामले के बारे में पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया और शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने को कहा। इस पर अस्पताल में फोन किया गया लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची। वहीं मृृतक की बूढ़ी मां वहीं शव के पास ही बैठी बिलखती रही लेकिन कोई भी गाड़ी मदद के लिए नहीं आई। पांच घंटे तक इंतजार करने के बाद भी जब कोई एंबुलेंस नहीं आई तो मृतक के भाई ने कबाड़ ढोने वाले रिक्शे के जरिए शव को अस्पताल पहुंचाया।
इस मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) वीके गुप्ता ने बताया कि शहरी क्षेत्र में यह व्यवस्था नगरपालिका की है। जिला अस्पताल का इसमें कोई रोल नहीं है। हमारे पास शव वाहन नहीं है। गौरतलब है कि पिछले दिनों ओडिशा से भी खबर आई थी कि दाना मांझी नाम के शख्स को अस्पताल की ओर से वाहन नहीं मुहैया कराया गया। इसके चलते उसे पीठ पर लादकर अपनी पत्नी को ले जाना पड़ा। मामला सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन पर कार्रवाई भी हुई थी। इसी तरह से अन्य जगहों से भी इस तरह की खबरें सामने आई थी।


बेटे के शव के पास वाहन के इंतजार में बैठी मां। (Jansatta Photo: Kirti Rajesh Chaurasia)
- कीर्ति राजेश चौरसिया की रिपोर्ट

