लीबिया में अमेरिकी हवाई हमले में इस्लामिक स्टेट का प्रमुख मारा गया है। यह जानकारी पेंटागन ने दी है। अमेरिकी ड्रोन हमले में आतंकी समूह के खूंखार हत्यारे जिहादी जॉन के मारे जाने के दावों के कुछ दिनों के बाद यह घटना हुई। पेंटागन के प्रेस सचिव पीटर कुक ने बताया कि शुक्रवार को अमेरिकी सेना ने लीबिया में अबु नाबिल उर्फ विसाम नज्म अब्द जाएद अल जुबायदी के खिलाफ हवाई हमला किया था। यह इराकी नागरिक लंबे समय तक अल-कायदा से जुड़ा रहा था और बाद में लीबिया में इस्लामिक स्टेट का एक वरिष्ठ नेता बन गया था। अधिकारियों ने बताया कि अबु नाबिल पर यूएस एफ-15 लड़ाकू विमानों से हमला किया गया।

पेंटागन की घोषणा ऐसे समय में सामने आई है जब इस्लामिक स्टेट आतंकी समूह ने पेरिस हमलों की जिम्मेदारी ली है। पेरिस में बम विस्फोट और गोलीबारी की घटना में कम से कम 129 लोग मारे गये थे। हालांकि पेंटागन ने कहा है कि दोनों घटनाओं में कोई जुड़ाव नहीं है।

कुक ने बताया कि नाबिल फरवरी 2015 में एक ईसाई की हत्या वाले वीडियो में प्रवक्ता भी रहा था। उन्होंने कहा कि नाबिल की मौत से लीबिया में आइएसआइएस के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए इस समूह की क्षमता में कमी आएगी। इन लक्ष्यों में आइएसआइएस के नए सदस्यों की भर्ती, लीबिया में बेस की स्थापना और अमेरिका पर बाहरी हमलों की योजना बनाना शामिल है।

उन्होंने कहा कि लीबिया में आतंकियों के खिलाफ यह पहला अमेरिकी हमला नहीं है। लेकिन लीबिया में किसी आइएसआइएस के नेता के खिलाफ यह पहला अमेरिकी हमला है। यह हमला दिखाता है कि आइएसआइएस के नेता जहां से भी संचालन करेंगे, हम वहां तक पहुंच जाएंगे।

कुक ने कहा कि यह अभियान अधिकृत था और इसे पेरिस में आतंकी हमलों से पहले शुरू किया गया था। अमेरिकी ड्रोन हमले में इस्लामिक स्टेट के खूंखार जिहादी जॉन के मारे जाने के कुछ दिनों के बाद नाबिल मारा गया है। हालांकि वाशिंगटन में एक या दो अधिकारी सावधानी को लेकर विचार कर रहे थे, लेकिन इस बात को लेकर आम राय है कि ड्रोन हमले जेहादी जॉन अपने एक हमदर्द के साथ मारा गया। उसका हमदर्द शायद उसका चालक था और उनकी कार सीरियाई शहर राका होते हुए तेजी से जा रही थी। अब धीरे-धीरे पता चल रहा है कि ब्रिटिश जिहादी का पता कैसे लगाया गया और उस पर ड्रोन से हमला कैसे किया गया।

लिंकनशायर से संचालित एक ब्रिटिश ड्रोन से जिहादी जॉन का पता लगाने में मदद मिली। हालांकि माना जाता है कि अमेरिकियों के हमले में उसकी जान गई। एक रिपोर्ट के मुताबिक उस पर हमला करने से छह सप्ताह पहले से उस पर नजर रखी जा रही थी।