केरल की LDF सरकार दो दलित बहनों के हिरासत में लिए जाने की वजह से आलोचना की शिकार हो रही है। इन दोनों को सीएम पिनराई विजयन के गृहनगर कन्‍नूर में CPM नेता द्वारा कथित जातीय ताना दिए जाने के खिलाफ आवाज उठाने के लिए गिरफ्तार किया गया है। दोनों बहनें एक कांग्रेस परिवार से संबंध रखती हैं। उनके पिता एन राजन के स्‍थानीय निकाय चुनाव में सीपीएम के खिलाफ चुनाव लड़ा था।

25 साल की अंजना और 30 साल की अखिला 11 जून को सीपीएम के ब्रांच ऑफिस जाकर कथित टिप्‍पणियों के लिए पार्टी नेताओं से बात करना चाहती थी। पुलिस ने सीपीएम की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है। तनाव बढ़ने पर दलित महिलाओं को तीन दिन पहले पुलिस थाने बुलाया गया था, जहां उनकी गिरफ्तारी दर्ज की गई। पुलिस ने उन पर गैर-जमानती धाराएं लगाई हैं, इसलिए दोनों को अदालत के सामने पेश किया गया। अदालत ने उन्‍हें जुडिशियल कस्‍टडी में भेज दिया है। अखिला अपनी एक साल की बच्‍ची के साथ सलाखों के पीछे है।

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शनिवार को जब कांग्रेस की राज्‍य इकाई ने हस्‍तक्षेप किया, जब दोनों को रिहा किया गया। जेल से बाहर अाकर, दोनों ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया। लेकिन शनिवार की रात को अंजना ने नींद की गोलियां खाकर खुदकुशी करने की कोशिश की। रिश्‍तेदारों का कहना है कि अंजना ने एक सीपीएम नेता द्वारा टीवी पर दोनों पहनों को उपद्रवी तत्‍व बताए जाने की वजह से खुदकुशी करनी चाही।

सीपीएम के राज्‍य सचिव कोदियेरी बालाकृष्‍णन ने इस बात पर जोर दिया कि पुलिस मामले में निष्‍पक्ष होकर काम कर रही है। उन्‍होंने कहा, ”दोनों बहनों को अदालत ने जेल भेजा। उनमें से एक अपने बच्‍चे के साथ पुलिस स्‍टेशन गई थी, इसलिए बच्‍चे को भी मां के साथ जेल में डाल दिया गया।”