दुनिया का एक ठग बर्नी मैडॉफ जब लोगों को ठगना शुरू किया तो ना उसने अमीर, ना गरीब, सभी को जमकर लूटा। एक रिपोर्ट के मुताबिक उसने 136 देशों में 37 हजार लोगों को अपना शिकार बनाया था। इसमें कई महान हस्तियां शामिल थीं।

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बर्नी मैडॉफ की लिस्ट में नोबेल प्राइज विनर से लेकर एक्टर, एंकर, बिजनस मैन यहां तक की सैनिक भी शामिल थे। मैडॉफ ने 65 बिलियन डॉलर रकम की ठगी की थी। कहते हैं ना बुरे काम का बुरा नतीजा। यही हाल बर्नी मैडॉफ के साथ भी हुआ। आलीशान जिंदगी जीने वाले इस ठग की जब सच्चाई सामने आई तो एक बेटे ने आत्महत्या कर ली, दूसरे बेटे का कैंसर से निधन हो गया और खुद जेल में रहम की भीख मांगते हुए मर गया।

कौन था बर्नी मैडॉफ– इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार 1938 में न्यूयॉर्क में जन्में मैडॉफ ने पहली बार अपने भाई के साथ एक स्टॉक ब्रोकिंग फर्म शुरू किया था। इस फर्म में मैडॉफ ने वो पैसे लगाए जो उसने लाइफगार्ड के रूप में काम करके बचाए थे। 1960 के दशक तक आते-आते मैडॉफ ने पेनी स्टॉक, या छोटी कंपनियों के शेयरों का व्यापार करना शुरू किया। ये कंपनियां प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध नहीं थी।

जल्द ही मैडॉफ इसमें सफल रहा और लोगों से पोंजी स्कीम के जरिए पैसे लेने लगा। इसकी फर्म वॉल स्ट्रीट के सबसे बड़े फर्मों से एक हो गई। मैडॉफ जिस मकसद से पैसा उठा रहा था, उसके बारे में ना तो उसके दोनों बेटों को जानकारी थी और ना ही उसके भाई को। ये सभी मिलकर इस व्यापार को चला रहे थे।

क्या था व्यापार- बर्नी मैडॉफ का सिंपल ट्रिक था। नए लोगों से पैसे लो, पुराने को कुछ वापस कर दो। लोगों को जब शुरूआत में जमकर मुनाफा मिला तो वो मैडॉफ पर भरोसा बढ़ाते गए। शेयर मार्केट में लगाने के नाम पर मैडॉफ पैसा लेता और फिर उलट-फेर करते रहता। इसके व्यापार करने का प्रभाव इस कदर बढ़ गया कि कई बड़ी हस्तियों ने इसमें पैसा लगाना शुरू कर दिया।

द सन की रिपोर्ट के अनुसार इसके निवेशकों की लिस्ट में प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक स्टीवन स्पीलबर्ग, अभिनेता केविन बेकन और हॉल ऑफ फेम पिचर सैंडी कौफैक्स जैसी हस्तियों शामिल थीं। दशकों तक, मैडॉफ, एक सेल्फ मेड वित्तीय गुरु के रूप प्रसिद्ध रहा। इसने 136 देशों में कम से कम 37 हजार लोगों को ठगा।

इस तरह हुआ खुलासा- इसकी ठगी का धंधा आराम से चलते रहता अगर 2008 में आर्थिक मंदी ना आई होती। 2008 में जब आर्थिक मंदी आई तो मैडॉफ के निवेशकों ने पैसा निकालना शुरू कर दिया। जब मैडॉफ के पास पैसा रहता तब ना निवेशकों का पैसा वापस आता। उन पैसों से तो वो ऐश-मौज कर चुका था। कुछ पुराने निवेशकों को दिया था, बाकी सब उसने अपनी आलीशान जिंदगी पर खर्च कर दिया। उस समय उसके पास अपना जेट था, आईलैंड था, कई आलीशान घर थे।

जब निवेशकों का दबाव मैडॉफ पर बढ़ने लगा तो उसने अपने घाटालों की कहानी अपने बेटों और परिवार वालों को बताई। पहले तो बेटों को विश्वास नहीं हुआ लेकिन जब स्च्चाई से वो अवगत हुए तो उन्होंने इस स्कैम के बारे में अधिकारियों को सूचित किया। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

किस-किस को ठगा– मैडॉफ की ठगी की लिस्ट में टीचर, किसान, और मैकेनिक सहित मजदूर वर्ग के परिवार भी शामिल थे। इसके अलावा फ्लोरिडा के पाम बीच के अमीर निवेशकों से भी उसने करोड़ों रुपये लिए थे। यही नहीं चैरिटी, पेंशन फंड को भी उसने अपना ठगी का शिकार बना लिया था। इसने नोबेल शांति पुरस्कार विजेता एली विसेल के पैसों को भी अपनी स्कीम के बहाने ले लिया था।

मामले की सुनवाई- कई महीनों तक मैडॉफ को उसके आलीशान घर में ही नजरबंद रखा गया। इसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया। सुनवाई के बाद मेडॉफ को 150 साल की सजा हुई। घर और निवेश सहित उसकी निजी संपत्ति को जब्त कर लिया गया। उसके भाई को भी 2012 में 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। 11 साल जेल की सजा काटने के बाद, मैडॉफ ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जल्द रिहाई की मांग की थी, जिसे नामंजूर कर दिया गया। रिहाई खारिज के होने एक साल बाद मैडॉफ की मृत्यु जेल में ही हो गई। मैडॉफ के दो बेटे थे, जिसमें से एक ने आत्महत्या कर ली, दूसरे का कैंसर से निधन हो गया।

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First published on: 16-09-2021 at 15:18 IST