ना जाने क्यों उसे ऐसा लगता था कि उसके मरने के बाद ही उसकी कद्र की जाएगी। उसे ऐसा लगता था कि जीते-जी उसके अपने उसकी कद्र नहीं करते और फिर यहीं सोचते-सोचते वो इतनी डिप्रेश हो गई कि उसने एक खतरनाक कदम उठा लिया। यह कहानी है चेन्नई के वालासारावाक्कम में रहने वाली एक महिला की। 32 साल की यह महिला यहां अपनी एक बेटी और बेटे के साथ रहती थी। महिला के पति सेंथामराई रयाला नगर में रहते थे। 38 साल के सेंथामराई अन्ना नगर में एक मोबाइल फोन के आउटलेट में काम करते थे। शनिवार (23-02-2019) को सेंथामराई ने काम खत्म करने के बाद आम दिनों की तरह अपनी पत्नी को फोन किया लेकिन काफी देर तक फोन की घंटी बजती रही और उनकी पत्नी ने फोन नहीं उठाया।
किसी अनहोनी की आशंका से परेशान सेंथामराई तुरंत वहां से अपनी पत्नी के घर पहुंचे। यहां उन्होंने देखा कि दरवाजा अंदर से बंद था और काफी देर तक दरवाजे पर दस्तक देने के बाद भी किसी ने उसे खोला नहीं। इसके बाद सेंथामराई दरवाजा तोड़कर घर में दाखिल हुए। लेकिन घर के अंदर का मंजर देख सेंथामराई सकते में आ गए। उन्होंने देखा कि उनकी पत्नी और दोनों बच्चे फांसी के फंदे से झूल रहे हैं। इतनी देर में पड़ोस के कुछ लोग भी वहां आ गए। थोड़ी ही देर बाद स्थानीय पुलिस को भी इस बारे में जानकारी दी गई। खबर मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और सभी शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
शुरुआती जांच में जो साक्ष्य पुलिस को घटना की जगह से मिले वो काफी चौंकाने वाले हैं। पुलिस ने बताया कि 32 साल की महिला अभिता की 12 साल की बेटी का नाम लक्ष्मी नारायण था जबकि 7 साल के उनके बेटे का नाम महालक्ष्मी था। पुलिस ने जांच के दौरान एक सुसाइड नोट भी बरामद किया। सुसाइट नोट में लिखा था कि ‘मेरी मौत के लिए किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए। मेरे पति, मेरा और बच्चों का पूरा ख्याल नहीं रखते हैं। उन्हें मेरी और बच्चों की कीमत का एहसास हमारे मरने के बाद होगा।’
पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में यह पता चला है कि पति से मनमुटाव की वजह से यह महिला मानसिक तौर से काफी परेशान थी। इसलिए उसने अपनी और बच्चों की जिंदगी खत्म करने की योजना बनाई। इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और जांच जारी है। (और…CRIME NEWS)
