अगरतला से एक विचित्र घटना सामने आई है। यहां एक पत्नी ने ही अपने पति के खिलाफ अपहरण की साजिश रची और फिर उसे किडनैप कर लिया। असम के बोंगाईगांव जिले के रहने वाले व्यक्ति को पुलिस ने अपहरणकर्ताओं के चुंगल से छुड़ाया है। पुलिस ने अपरहरणकर्ता के एक साथी को गिरफ्तार किया है। पीड़ित हाकिम अली ने बताया है कि उसका अपहरण उसकी पत्नी और उसके चचेरे भाई आरिफ अली ने पैसों की खातिर किया था। दोनों त्रिपुरा के रहने वाले हैं।

हाकिम का कहना है कि ”उसकी पत्नी ने चेचेरे भाई के घऱ ईद मनाने की इच्छा जाहिर की थी। जिसके बाद वह पत्नी के साथ ईद मनाने उसके चेचेरे भाई आऱिफ अली के घर पहुंचा था। पीड़ित का कहना है कि वह ईद के एक दिन पहले ही पहुंच गया था। उन लोगों ने पत्नी के चचेरे भाई के घर धूमधाम से ईद मनाई।”

पीड़ित के अनुसार, ईद मनाने के अगले दिन वे घर छोड़ने वाले थे मगर उसकी पत्नी ने कुछ दिन और रुकने की बात कही। पीड़ित पत्नी की बात मानकर रुक गया। उसे क्या पता था कि उसके खिलाफ साजिश रची जा रही है। पीड़ित का कहना है कि “उसी दिन पत्नी के भाई आऱिफ ने मुझे मोटरसाइकिल पर घुमाने की बात कही। मैं उसकी बात मानकर उसके साथ चला गया। वह मुझे जंगल की तरफ ले गया। वह जगह काफी सुनसान थी। वह मुझे एक पुराने सुनसान मकान में जबरदस्ती ले गया फिर बाहर नहीं आने दिया। जब मैंने जाने के लिए रिक्वेस्ट की तो मुझे प्रताड़ित किया। मेरी पत्नी ने यह पूरी साजिश रची थी। उन लोगों ने दो दिन बाद मेरे से 20 लाख रुपये की मांग की। जब मैंने पैसे देने से मना किया तो उन्होंने मुझे फिर से प्रताड़ित किया। इसके बाद उन्होंने कहा कि 20 नहीं तो 15 लाख रुपये तो देने पड़ेंगे। तभी जाकर आजादी मिलेगी वरना यही सड़ते रहोगे। उन लोगों ने पैसे का इंतजाम करने के लिए मेरे भाई से बात करने की इजाजत दी।”

इसके बाद हाकिम के भाई ने पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद सिपाहीजाला जिला पुलिस ने उसे आरोपियों के चुंगल से बाहर निकाला। हाकिम ने बताया कि उसने 5 साल पहले पत्नी से शादी की थी। वह विशालगढ़ के रघुनाथपुर की रहने वाली है। फिलहाल पुलिस ने तीनों आरोपियों को थाने से बाहर जाने से मना किया है, पुलिस उनपर निगरानी रख रही है। त्रिपुरा पुलिस को अभी कोई शिकायत नहीं मिली है, इसलिए पुलिस ने इस मामले में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है।