महिला पहलवानों के उत्पीड़न के मामले में बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ पुलिस को सबूत नहीं मिलने के कारण चार्जशीट में पॉक्सो एक्ट को हटाने की सिफारिश की गई है। एक हजार से अधिक पन्नों की चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि महिला पहलवान पर्याप्त सबूत उपलब्ध कराने में असफल रहे हैं। इसके अलावा पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज पॉक्सो मामले को वापस लेने के लिए 550 पेज की कैंसिलेशन रिपोर्ट भी दाखिल की। हालांकि बृजभूषण पर IPC की धारा 376 के तहत भी मामला दर्ज है। चलिए आपको बताते हैं कि आखिर पॉक्सो एक्ट और IPC की धारा 376 क्या है और इसके तहत किसी आरोपी को कितनी सजा मिल सकती है?

क्या है पॉक्सो एक्ट?

पॉक्सो एक्ट का मतलब प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस एक्ट है। इसे 2012 में लागू किया गया था। ये बच्चों के खिलाफ होने वाले यौन शोषण को अपराध साबित करता है। यह कानून 18 साल के कम उम्र के लड़के औऱ लड़कियों पर समान रूप से लागू किया जाता है। पॉक्सो एक्ट का उद्देश्य बच्चों को यौन उत्पीड़न और अश्लीलता जैसे जघन्य अपराधों से बचाना है।

इस कानून के अनुसार, 18 साल के कम उम्र के व्यक्ति बच्चे होते हैं। उनसे होने वाले अपराधों के लिए कड़ी से कड़ी सजा का प्रवाधान किया गया है। इस एक्ट में पहले मौत की सजा का प्रवाधान नहीं था लेकिन 2029 में इस कानून में संसोधन किया गया औऱ मौत की सजा को भी शामिल किया गया। पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी को उम्रकैद की सजा मिलती है और उसे अपना पूरी जिंदगी जेल भी ही बितानी पड़ती है। यानी अपराध का दोषी व्यक्ति जिंदा रहते हुए जेल से बाहर नहीं आ सकता है। इसके अलावा दोषी को भारी जुर्माना भी चुकाना पड़ता है।

क्या है IPC की धारा 376?

IPC को हम भारतीय दंड संहिता के नाम से भी जानते हैं। इसी की धारा 376 है। इस धारा के तहत अगर किसी महिला के साथ बिना उसकी मर्जी के शारीरिक संबंध बनाया जाता है तो उसे बलात्कार माना जाता है और इसी श्रेणी के तहत मामला दर्ज किया जाता है। इसके बाद जब मामले को कार्यवाही के लिए आदालत के समाने पेश किया जाता है तो धारा 376 के तहत ही मामला दर्ज किया जाता है।

अगर कोई व्यक्ति IPC की धारा 376 के तहत दोषी पाया जाता है तो उसे कम से कम 7 साल की सजा मिलती है। हो सकता है कि इस सजा को 10 साल के लिए भी बढ़ा दिया जाए। इसके अवाला जुर्माने का भी प्रावधान है।

बृजभूषण शरण सिंह पर इन धाराओं में दर्ज हैं मामले

बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दो एफआई दर्ज की गई हैं। दोनों एफआईआर में आईपीसी की धारा 354 (महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 34 (सामान्य इरादे) के अंतर्गत दर्ज हैं। 353ए में एक से तीन साल की जेल की सजा है। इसके इलावा उन पर आईपीसी का धारा 376 और पॉक्सो एक्ट के तहत भी मामला दर्ज है। इन सभी धाराओं में 376 और पॉक्सो एक्ट के तहत अधिकतम सजा का प्रवाधान है।

अब आप समझ गए होंगे कि अगर बृज भूषण शरण सिंह पर लगा पॉक्सो एक्ट नहीं हटता है औऱ वे IPC की धारा 376 के तहत दोषी पाये जाते हैं तो उन्हें क्या सजा मिल सकती है।