उत्तर प्रदेश के लखनऊ में दूसरे राज्यों से लड़कियां लाकर जिस्मफरोशी का धंधा कराने वाले गिरोह का आरपीएफ की टीम ने पर्दाफाश किया है। बताया जा रहा है कि इस गैंग में शामिल दिव्यांग विजय बद्री बच्चियों को लाकर मुंशी पुलिया के एक चौराहे पर भीख मंगवाने का काम करवाने के साथ ही उनसे गलत काम भी करवाता था। गलत काम करवाने के लिए आरोपी विजय बच्चियों के खाने में अफीम मिलाकर देता था। फिलहाल आरपीएफ ने विजय समेत दो और लोगों गिरफ्तार कर लिया है।

क्या है मामला: लखनऊ में दूसरे राज्यों से गरीब नाबालिग लड़कियों को लाकर जिस्मफरोशी करवाने की घटना का खुलासा हुआ है। मामले के आरोपी विजय बद्री उर्फ बंगाली को आरपीएफ की टीम ने गुरुवार को मुंशी पुलिया से गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि आरोपी विजय के गिरफ्त से दो किशोरियां भाग निकली, जो बादशाह नगर रेलवे स्टेशन पहुंची तो उन्हें दो किशोरों के साथ संदिग्ध हालात में देख आरपीएफ के दरोगा ने रोक लिया। पूछताछ के बाद मामले का खुलासा हुआ तो पुलिस वालों के होश उड़ गए। आरोप है कि विजय और उसके साथी पिछले पांच सालों में 30 से अधिक लड़कियों को बेच चुके हैं। वह पहले लड़कियों से सड़को पर भीख मंगवाता फिर बड़ी होने पर 10-10 हजार रुपए में बेच देता था।

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पीड़ित लड़कियों ने सुनाई आपबीती: आरपीएफ के इंस्पेक्टर एमके खान ने बताया कि बादशाह नगर आरपीएफ चौकी इंचार्ज वंश बहादुर यादव प्लेटफॉर्म पर गश्त कर रहे थे। तभी चार नाबालिग संदिग्ध हालत में स्टेशन पर टहलते दिखे। रोकने पर दो किशोर भाग निकले। लेकिन जब किशोरियों से पूछताछ की गई तो पता चला एक असम की है और दूसरी बिहार की। किशोरियों ने बताया कि वह दोनों लखनऊ के मुंशी पुलिया से 1090 चौराहे के बीच बच्चों से भीख मंगवाने वाले दिव्यांग विजय के लिए काम करती हैं। आरोपित विजय ने पुलिस को बताया कि वह किशोरियों को हार्मोन के इंजेक्शन देता था ताकि वे जल्द बड़ी दिखने लगें। यही नहीं जिस्मफरोशी से मना करने पर लड़कियों को प्रताड़ित किया जाता था। लड़कियों को सिगरेट से जलाना, कई दिन तक भूखे-प्यासे रखना और अंधेरे कमरे में बंद कर यातना दी जाती थी।