उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने फर्जी सिपाही बनकर धोखे से आला अफसरों के यहां ड्यूटी के नाम पर अनुचित लाभ लेने के आरोपी एक युवक को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ के सूत्रों ने बताया कि ऐसी सूचना मिली थी कि खुद को सिपाही बता रहा एक संदिग्ध व्यक्ति वर्दी पहनकर गोरखपुर में काम पर लगा है। इसके बाद जांच—पड़ताल में पता चला कि वह व्यक्ति गोरखपुर की खजनी तहसील के एसडीएम के यहां सिपाही बनकर ड्यूटी कर रहा है। मौके पर पहुंची एसटीएफ की टीम ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है।
2014 से सिपाही बन कर रहा ड्यूटी’: पकड़े गए अभियुक्त ने अपना नाम अजय कुमार चतुर्वेदी बताया है। उसने यह भी खुलासा किया कि वह सिपाही नहीं है। मामले में एसटीएफ ने गिरफ्तारी सोमवार (18 नवंबर) को की है। उसने वर्ष 2014 में संत कबीर नगर जिले की घनघटा तहसील के तत्कालीन एसडीएम से सम्पर्क करके बताया कि वह सिपाही है और पुलिस लाइन में उसकी उनके दफ्तर में सुरक्षा ड्यूटी लगी है। उसके बाद वह वहां ‘ड्यूटी’ करने लगा। इस दौरान किसी ने भी उसकी पड़ताल नहीं की है।
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2018 में पोल खुली और हुआ गिरफ्तारः चतुर्वेदी के मुताबिक, साल 2015 में उन एसडीएम का तबादला सिद्धार्थनगर जिले में हो गया तो वह वहां भी उनके कार्यालय में उसी तरह काम करने लगा। जब लोगों को उसकी सच्चाई का पता लगा तो वह वहां से भाग गया। वर्ष 2017 में इसी तरह फैजाबाद की रुदौली तहसील के एसडीएम दफ्तर में भी पैठ बनाई। मगर वहां उसकी पोल खुल गई और फरवरी 2018 में उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।
फरियाद लाने वालों से ऐंठता था पैसें नटवरलाल सिपाहीः 2018 में गिरफ्तार होने के बाद उसे जमानत मिली। उसके बाद मार्च 2019 में वह फिर खजनी के एसडीएम कार्यालय में आ गया और सिपाही की तरह काम करने लगा, जहां वह फिर गिरफ्तार हो गया। सूत्रों ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। अभियुक्त के मुताबिक, वह एसडीएम कार्यालय में फरियाद लेकर आने वाले लोगों से काम कराने के लिए धन ऐंठता था।