IAS अधिकारी बनने के लिए UPSC एग्जाम क्लियर करना जरूरी है। इसके लिए हर साल लाखों बच्चे तैयारी करते हैं, लेकिन चुनिंदा को ही इसमें कामयाबी हासिल हो पाती है। राजस्थान के जैसलमेर के रहने वाले देशन दाल की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। उनका परिवार आर्थिक संकट से गुजर रहा था, लेकिन उन्होंने हौसला नहीं हारा और IAS बनकर ही दम लिया।
देशल दान सात भाई बहन थे और वह बचपन से ही IAS अधिकारी बनना चाहते थे। पिता के पास थोड़े बहुत खेत थे और वह परिवार का पालन-पोषण करने के लिए चाय बेचा करते थे। उनके सभी भाई-बहन पिता और माता का काम में हाथ बंटाते थे, लेकिन देशल शुरुआत से ही पढ़ाई करने में बहुत तेज थे। यही वजह थी कि उन्होंने सभी चुनौतियों को दरकिनार कर अपनी तैयारी जारी रखी। देशल ने अपनी मेहनत और लगन की बदौल सिर्फ 24 साल की उम्र में 2017 यूपीएससी के टॉपर्स की लिस्ट में अपनी जगह बनाई।
देशल के पिता को नहीं था मालूम: UPSC की तैयारी के लिए जबलपुर से दिल्ली का रुख किया लेकिन उन्हें यह बात मालूम थी कि उनके पास इसके लिए न तो बहुत सारे पैसे हैं और न ही लंबा समय. लेकिन उनके पास जज्बा था. उन्होंने दिन रात मेहनत की. देशल जब आईएएस अधिकारी बने तब भी उनके पिता को नहीं मालूम था कि आईएएस क्या होता है? उन्हें सिर्फ इतना ही समझ आया कि लोग इतनी इज्जत दे रहे हैं इसका मतलब है कि कुछ बड़ी सफलता मिली है।
देशल की कामयाबी में उनके बड़े भाई का भी बड़ा रोल रहा. वे देशल के सात भाई-बहनों में दूसरे स्थान पर थे, जिसने पढ़ाई की. देशल के बड़े भाई इंडियन नेवी में थे. वे जब घर आया करते थे तो वहां की बहुत सी बातें देशल को बताया करते थे ओर देशल से कहते थे कि तुम या तो बड़े होकर इंडियन फोर्स में जाना या एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेस में। यहीं से उनके मन में भी कुछ अलग करने का आया। हालांकि उनके भाई की ऑनड्यूटी डेथ हो गई। बाद में वह खुद आईएएस बने।