UPSC के लिए कैंडिडेट्स जी-तोड़ मेहनत करते हैं, लेकिन कई बार सफलता हासिल नहीं हो पाती। साल 2019 में UPSC क्लियर करने वाली अनन्या सिंह ने बताया कि इस परीक्षा के लिए मेहनत के साथ सही स्ट्रेटेजी भी बहुत जरूरी है। अनन्या ने 22 साल की उम्र में UPSC क्लियर कर ली थी और आज वह IAS अधिकारी बन गई हैं। अनन्या ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी एग्जाम क्लियर कर लिया था।
अनन्या बचपन से ही IAS अधिकारी बनना चाहती थीं। वह ग्रेजुएशन के अंतिम साल से ही यूपीएससी की तैयारी में जुट गई थीं और उन्होंने इसके लिए कठिन परिश्रम भी किया था। यही वजह है कि उन्होंने पहले ही प्रयास में देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक में सफलता प्राप्त की। अनन्या का परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज का रहने वाला है। वह शुरुआत से ही पढ़ाई में बहुत होशियार थीं।
अनन्या CISCE बोर्ड से डिस्ट्रिक्ट टॉपर रही हैं। कक्षा 10 में उन्हें 96 फीसदी अंक प्राप्त हुए थे और बारहवीं में उन्हें 98.25 प्रतिशत नंबर मिले थे। अनन्या की पढ़ाई में रूचि को देखते हुए परिवार ने भी उन्हें UPSC परीक्षा में बैठने की इजाजत दे दी थी। अनन्या ने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रेजुएशन की थी और इसके बाद उन्होंने यूपीएससी के लिए तैयारी शुरू कर दी थी।
अनन्या ने एक इंटरव्यू में बताया था कि यूपीएससी मेन्स देने के बाद भी आंसर राइटिंग का अभ्यास जारी रखा था क्योंकि उन्हें लगता था कि समय कम होने के कारण इस बार वह आंसर राइटिंग ज्यादा नहीं कर पाई थीं। हालांकि जब रिजल्ट आया तो उन्हें आंसर राइटिंग की ज्यादा जरूरत महसूस नहीं हुई। अपने पहले ही प्रयास में उन्होंने देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक में सफलता हासिल कर ली थी।
अनन्या से जब UPSC की तैयारी कर रहे कैंडिडेट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस परीक्षा के लिए स्ट्रेटेजी बहुत मायने रखती है। पिछले साल के ज्यादा से ज्यादा पेपर देखें। साथी ही रिवीजन भी जारी रखें। अपने उत्तर में इंट्रो, बॉडी, कॉन्क्लूजन फॉर्मूला लागू करते समय कॉन्क्लूजन हमेशा सॉल्यूशन के साथ देना चाहिए। टॉपर्स के ज्यादा इंटरव्यू देखें ये भी आपकी बहुत मदद कर सकते हैं क्योंकि वह अपना अनुभव साझा करते हैं जो तैयारी में काफी मदद भी करता है।
अनन्या का मानना है कि प्री और मेन्स दोने के लिए अच्छी तैयारी बहुत जरूरी है। कई बार देखा जाता है कि प्री के बाद मेन्स में कैंडिडेट को बहुत कम समय मिल पाता है। ऐसे में अगर कोई सिर्फ प्री की तैयारी में लगा रहेगा तो मेन्स के समय उसे परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।