UPSC को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। इस परीक्षा के लिए कठिन परिश्रम के साथ धैर्य की भी बहुत जरूरत होती है। क्योंकि पूरी तैयारी के बावजूद भी कई बार कामयाबी नहीं मिल पाती है जिससे कैंडिडेट्स का हैसला कमजोर पड़ जाता है। ऐसे लोगों को नमिता शर्मा की कहानी प्रेरणा दे सकती है। नमिता ने यूपीएससी के लिए इंजीनियर की नौकरी छोड़ दी थी और पांच प्रयासों में असफलत होने के बाद भी हौसला टूटने नहीं दिया।

नमिता शर्मा ने साल 2018 के यूपीएससी एग्जाम में ऑल इंडिया 145 रैंक हासिल की थी। आज भले ही नमिता IAS अधिकारी हैं, लेकिन उनकी कहानी किसी को भी प्रेरित कर सकती है। नमिता चार बार तो प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं कर पाई थीं और पांचवे प्रयास में वह इंटरव्यू राउंड तक पहुंच गई थीं, लेकिन फाइनल लिस्ट में उनका चयन नहीं हो पाया था। इसके बाद उन्होंने अपनी रणनीति में बदलाव किया और दोबारा एग्जाम देने का फैसला किया।

नमिता का मानना है कि UPSC के लिए हर व्यक्ति को अपनी अलग रणनीति बनानी चाहिए। किसी अन्य व्यक्ति की रणनीति कॉपी करके कोई फायदा नहीं होने वाला है। क्योंकि इसके लिए हर व्यक्ति अपने अलग तरीके से तैयारी करता है और अक्सर उनकी अपनी रणनीति उसे फायदा देती है। बेहतर शेड्यूल और धैर्य के साथ लगातार मेहनत करते रहेंगे तो आपको जरूर सफलता मिलेगी।

नमिता बताती हैं, ‘2017 में मेन्स के एग्जाम में मैंने जो गलतियां की थीं उसे सुधारने पर मैंने बहुत ध्यान दिया। 2018 के एग्जाम में मेरा मेन्स फिर बहुत अच्छा हुआ। इससे मेरा सलेक्शन भी हुआ। 2018 में मेरा आखिरी अटेंप्ट था तो बहुत सारे लोगों ने मुझे डराया भी थी कि मुझे जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। लेकिन मुझे 2017 में लग रहा था कि मेरा इस बार तो क्लियर हो ही जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। बाद में मैंने किसी की नहीं सुनी और 2018 में अपना छठा प्रयास दिया। अखिरकार मेरा चयन हो गया।’