UPSC परीक्षा के लिए हर साल लाखों बच्चे तैयारी करते हैं, लेकिन सफलता बहुत कम लोगों को ही हासिल होती है। इस परीक्षा में सफल होना अपने आप में एक बड़ी बात होती है। IAS अधिकारी परितोष पंकज की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। परितोष ने इस परीक्षा के लिए न सिर्फ कड़ी मेहनत की बल्कि धैर्य भी बनाए रखा। पंकज ने UPSC एग्जाम में तीन बार इंटरव्यू राउंड तक पहुंचे थे, लेकिन उनका सिलेक्शन नहीं हो पाया था।
परितोष का परिवार मूल रूप से बिहार का रहने वाला है। वह एक शिपिंग कंपनी में नौकरी करते थे, लेकिन UPSC का ख्याल उनके दिमाग में बचपन से था। कई कारणों से वह इसकी तैयारी शुरू नहीं कर पाए थे, लेकिन जब उन्होंने इसकी तैयारी शुरू की तो शायद उन्हें भी नहीं पता होगा कि ये सफर इतना लंबा होगा। दिल्ली आकर उन्होंने कोचिंग जॉइन की और यहीं से उनका कठिन परिश्रम शुरू हो गया।
परितोष ने एक इंटरव्यू में बताया था, ‘जब लोग मुझे समझाते थे कि पहला प्रयास सबसे अहम होता है तो यह बात उन्हें उस समय समझ नहीं आती थी लेकिन बाद में वे जान पाए कि ऐसा क्यों कहा जाता है. दरअसल पहले प्रयास के समय आपके अंदर जो जोश, जो लग्न, कड़ी मेहनत का जज्बा और मोटिवेशन होता है वह बाकी सालों में धीरे-धीरे धुंधलाने लगता है. इसलिए हमेशा पहले प्रयास को अंतिम मानकर ही तैयारी करिए।’
परितोष ने कहा, ‘जब बात मेन्स परीक्षा की आती है तो तैयारी विस्तार में करनी पड़ती है लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि बहुत किताबें न पढ़ें. बाजार में तमाम स्टडी मैटीरियल है और सब अच्छा है लेकिन आपको इसमें से क्या पढ़ना है, वह तय करें और एंड तक उसी से स्टिक रहें. मेन्स काफी चुनौतीपूर्ण रहता है क्योंकि तीन घंटे में 20 प्रश्न करने होते हैं जो बिल्कुल असंभव सा टास्क लगता है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा मेन्स की तैयारी करिए।’