UPSC ने CSE एग्जाम 2022 के लिए तारीखों की घोषणा कर दी है। ऐसे में कैंडिडेट्स ने अपनी तैयारी भी तेज कर दी है। यूपीएससी एग्जाम में हर साल लाखों बच्चे अपनी किस्मत आजमाते हैं, लेकिन सफलता चुनिंदा को ही मिल पाती है। कुमार अनुराग के साथ भी ऐसा ही था। बिहार के कटिहार के रहने वाले कुमार अनुराग बचपन से ही आईएएस अधिकारी बनना चाहते थे और उन्होंने क्लास 8 तक की पढ़ाई भी हिंदी मीडियम में की थी।
हिंदी में पढ़ाई करने के बाद 9वीं से अनुराग ने अंग्रेजी मीडियम में एडमिशन ले लिया था। उन्होंने एडमिशन तो ले लिया था, लेकिन हिंदी के कारण उन्हें काफी परेशानी हुई। उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी अंग्रेजी अच्छी करने पर लगातार कोशिश करते रहे। इसके बाद वह अपनी आगे की पढ़ाई करने के लिए दिल्ली आ गए। यहां कॉलेज में तो उन्हें एडमिशन मिल गया था, लेकिन वह कई सब्जेक्ट में फेल हो गए थे।
खैर, उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री लेने के साथ ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी। उन्हें ये अच्छे से पता था कि इस एग्जाम के लिए उन्हें कड़ी मेहनत करनी होगी। साथ ही उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन करने का भी फैसला किया था। आखिरकार उनकी तैयारी शुरू हुई। पोस्ट ग्रेजुएशन करने का साथ ही वह यूपीएससी एग्जाम देना चाहते थे। उन्होंने एग्जाम के लिए रणनीति खुद बनाई और उस पर लगातार काम भी किया। कुमार अनुराग को पहले ही प्रयास में सफलता हासिल हो गई।
कुमार अनुराग ने यूपीएससी में सफलता तो हासिल कर ली थी, लेकिन उन्हें आईएएस नहीं मिला। वह बचपन से ही आईएएस अधिकारी बनना चाहते थे। उन्होंने एक बार फिर अपनी तैयारी शुरू की। UPSC CSE 2018 में कुमार अनुराग को 48 रैंक प्राप्त हुई थी। इसी के साथ उन्हें आईएएस भी मिल गया था। कुमार अनुराम मानते हैं, परीक्षा में आप जीरो से शुरू करके ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं। इस परीक्षा में आपको जल्दबाजी बिल्कुल भी नहीं दिखनी चाहिए।