दिल्ली से सटे नोएडा के अट्टा गांव की रहने वालीं पूजा अवाना 22 साल की उम्र में IPS अधिकारी बन गई थीं। पूजा के पिता की इच्छा थी कि उनकी बेटी पुलिस की वर्दी पहने। इसी इच्छा को पूरा करने के लिए पूजा ने यूपीएससी परीक्षा देने का फैसला किया था। पूजा ने साल 2010 में पहली बार यूपीएससी एग्जाम दिया था। इस प्रयास में उन्हें सफलता प्राप्त नहीं हुई थी। लेकिन इससे उन्हें परीक्षा के बारे में पता जरूर चल गया था।
पूजा ने असफलता के सामने हार नहीं मानी, बल्कि अपनी तैयारी और तेज कर दी। पूजा अवाना ने अपनी कमियों में सुधार किया और दोबारा इस एग्जाम में बैठने का फैसला किया। पूजा ने ऑल इंडिया 316 रैंक प्राप्त की थी। इसके साथ ही उनका IPS अधिकारी बनने का सपना पूरा हो गया था। पूजा महज़ 22 साल की उम्र में IPS अधिकारी बनी थीं। पूजा राजस्थान कैडर मिला था और उनकी पहली पोस्टिंग पुष्कर में हुई थी।
पूजा अहम पदों पर अपनी सेवाएं दे चुकी है। वह राजस्थान पुलिस में डीसीपी के पद पर हैं, लेकिन वह जयपुर ट्रैफिक पुलिस कमिश्नर के पद समेत कई अहम पदों पर रही हैं। पूजा शुरुआत से ही पढ़ाई में काफी होशियार थीं। न्यूज़18 के मुताबिक, पूजा का कहना है कि कई बार देखा जाता है कि कम नंबर मिलने पर कैंडिडेट्स निराश हो जाते हैं। हमेशा कम नंबर्स के बाद अपनी तैयारी को और धार देनी चाहिए, जिससे अगली बार जरूर सफलता हासिल हो।
लॉकडाउन में पहुंचाया था लोगों को घरों तक भोजन: पूजा ने राजस्थान के प्रतापगढ़ में लॉकडाउन में लोगों के घरों तक भोजन पहुंचाने का जिम्मा उठाया था। इससे पहले पूजा अवाना प्रतापगढ़ की एसपी भी रह चुकी हैं। इसके अलावा वह कोरोना के समय दवाईयों की कालाबाजारी पर रोक लगाने को लेकर भी काफी चर्चा में रही थीं। पूजा ने जब प्रतापगढ़ की कमान संभाली तो वहां कई समस्याएं थीं। उन्होंने महिला सशक्तिकरण के लिए भी कई मुहिम चलाईं जो काफी सफल भी रहीं।