UPSC जैसे कठिन एग्जाम में सफलता हासिल करना हर पढ़े-लिखे युवा का सपना होता है। लेकिन सफलता चुनिंदा छात्रों को ही मिल पाती है। राहुल संकानूर की कहानी ऐसे सभी कैंडिडेट्स को प्रेरणा दे सकती है। राहुल संकानूर आज भले ही आईएएस अधिकारी हैं, लेकिन उन्होंने यहां तक पहुंचने के लिए लंबा संघर्ष किया था। राहुल का परिवार मूल रूप से कर्नाटक के हुबली का रहने वाला है।
राहुल ने 12वीं के बाद इंजीनियरिंग करने का फैसला किया था। इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने करीब दो साल तक नौकरी भी की थी। कुछ समय तक उन्होंने राजधानी दिल्ली में भी की थी। राहुल संकानूर का मानना है कि यूपीएससी ऐसा एग्जाम है जहां आपको अनुशासित रहना भी बहुत जरूरी है। क्योंकि अगर आप एक दिन पढ़ाई करोगे और दूसरे दिन नहीं पढ़ते हो तो इससे आपका रिजल्ट जरूर खराब होता है।
कोचिंग पर क्या बोले राहुल? आम तौर पर यूपीएससी को लेकर कैंडिडेट्स में शक होता है कि कौन सी कोचिंग अच्छी है या लेना जरूरी है? राहुल ने इसके जवाब में कहा था कि कोचिंग जरूरी भी होती है और नहीं भी। यूपीएससी क्लियर करने के लिए आपको गाइडेंस की सख्त जरूरत होती है। मैं भी इंजीनियर बैकग्राउंड से था तो मुझे भी इतिहास और अर्थशास्त्र के बारे में ज्यादा अनुभव नहीं था। इसलिए मैंने भी कोचिंग ली थी। आप भी कोचिंग ले सकते हो, लेकिन खुद भी पढ़ाई करना बहुत जरूरी है।
कैसे करें तैयारी? राहुल ने पांचवे प्रयास में UPSC CSE 2018 में 17 रैंक प्राप्त की थी। इसी के साथ उनके बचपन का सपना भी पूरा हो गया था। इससे पहले चार प्रयास में उन्हें असफलता हाथ लगी थी। राहुल के परिवार ने उन्हें एग्जाम देने के लिए प्रेरित किया और पूरी तरह साथ रहा। राहुल का मानना है कि इस एग्जाम में असफलता हाथ लगने के बाद आपको कई लोग ऐसे मिल जाएंगे जो डिमोटिवेट करेंगे। लेकिन आपको खुद पर विश्वास रखना बहुत जरूरी है।
यूपीएससी में सफलता के बाद राहुल की मसूरी के लालू बहादुर शास्त्री नेशनल अकेडमी में ट्रेनिंग हुई थी। इसके बाद उन्हें होम कैडर मिला था। अभी कर्नाटक में ही जनता की सेवा कर रहे हैं। राहुल ने कहा कि यूपीएससी की तैयारी करते हुए कई मौके ऐसे आते हैं जब आपको लगता है कि नहीं हो पाएगा। लेकिन आपको खुद को संभालना बहुत जरूरी है।