कुछ भी काम करने के लिए ‘धैर्य’ की बहुत जरूरत होती है यानी जल्दबाजी में कई काम नहीं हो सकता और हौसला बनाए रखना भी बहुत जरूरी होता है। UPSC सिविल सर्विस की परीक्षा भी ऐसी ही परीक्षा है जिसके लिए कैंडिडेट कई बार कोशिश करते हैं, लेकिन पूरे प्रयास के बावजूद परीक्षा में कामयाबी हासिल नहीं हो पाती और निराशा हाथ लगती है। ऐसे सभी लोगों के लिए सौरव पांडे की संघर्ष गाथा एक मिसाल है क्योंकि सौरव ने एक या दो बार नहीं बल्कि छठी बार में UPSC क्लियर की।
सौरव पांडे मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के रहने वाले हैं। बिट्स पालनी से ग्रेजुएशन करने के बाद वह जॉब करने लगे थे। जॉब के दौरान ही उनके मन में यूपीएससी एग्जाम देने का आइडिया आया। सौरव को ये पहले से पता था कि यूपीएससी के लिए उन्हें जी-तोड़ मेहनत करनी पड़ेगी और इसके लिए वह पूरी तरह तैयार भी थे। जॉब छोड़ने के बाद सौरव का एक ही उद्देश्य था-UPSC…
सौरव ने एग्जाम पैटर्न को समझने के लिए सबसे पहले 2014 में परीक्षा दी थी। इस दौरान उन्होंने सिर्फ तीन महीने की प्रैक्टिस की थी। हालांकि वह इस परीक्षा में सफलता हासिल नहीं हो पाए। पहले, दूसरे और तीसरे अटेंप्ट में तो उनका प्री तक भी क्लियर नहीं हो पाया था। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी तैयारी में लगे रहे। अब तक उन्हें ये समझ आ चुका था कि इस परीक्षा के लिए ज्यादा मेहनत की जरूरत है इतने से काम नहीं चल पाएगा।
चौथे प्रयास के लिए उन्होंने तैयारी को अगले चरण पर ले जाने का फैसला किया। सौरव ने अपनी तैयारी का पैटर्न भी थोड़ा-सा बदला और एक बार फिर परीक्षा में बैठने का फैसला किया। साल 2017 में उन्होंने एक बार फिर UPSC एग्जाम दिया और ये उनका चौथा प्रयास था। इस बार उन्होंने प्री और मेन्स दोनों चरण क्लियर कर लिए, लेकिन उनका चयन नहीं हो पाया। कुछ ऐसा ही उनके साथ पांचवे प्रयास में भी हुआ।
सौरव को ये बात बहुत परेशान करती थी कि आखिर उनकी तरफ से कहां कमी रह जाती है जो अंत तक पहुंचने के बाद भी उनका चयन नहीं हो पाता। उन्होंने एक बार फिर अपनी प्रैक्टिस के पैटर्न में बदलाव किया। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था, मैंने अपनी तैयारी का पैटर्न बदला, क्योंकि मैंने देखा कि मैं बहुत ही कम मार्क्स की वजह से परीक्षा क्लियर नहीं कर रहा हूं। इस दौरान मैंने पढ़ाई से ज्यादा कठिन प्रश्न और अपनी कमजोरी पर काम किया।’
आखिरकार छठी कोशिश में उन्हें इसमें कामयाबी हासिल हो गई। सौरव ने इंटरव्यू में कहा था, ‘कई लोग सोचते हैं कोई 6 बार यूपीएससी की तैयारी कैसे कर सकता है। लेकिन यूपीएससी की परीक्षा ऐसी है कि जिसमें हर एक प्रयास पहला ही लगता है। इस परीक्षा में गलतियां होना लाजिमी है, लेकिन ये पता होना बहुत जरूरी है आपने गलती कहां की है और सुधार की कितनी संभावना है।’ सौरव पांडे को यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम में 66वीं रैंक मिली थी।