उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले  के गदरा गांव में एक 22 साल की महिला को उसके पति और ससुराल वालों ने उसकी पांच साल की बेटी के सामने जिंदा जला दिया। घटना को अंजाम शुक्रवार (16 अगस्त) देर शाम भिंगापुर थाना क्षेत्र के पास दिया गया। पीड़िता के पिता रमजान खान ने आरोप लगाया कि उनका दामाद नफीस मुंबई में काम करता है। नफीस ने उनकी बेटी सईदा को 6 अगस्त को फोन पर तलाक दिया था। उन्होंने बताया कि सईदा जब इस संबंध में शिकायत दर्ज करवाने पुलिस स्टेशन पहुंची तो पुलिस ने उन्हें वापस लौटा दिया और उन्हें उनके पति के मुंबई से वापस आने तक का इंतजार करने के लिए कहा। जब 15 अगस्त को नफीस वापस आया तो पुलिस ने दंपति को थाने बुलाया, उनसे बात की और सईदा को नफीस के साथ रहने के लिए कहा।

केरोसीन छिड़क कर लगाई आगः सईदा की बेटी फातिमा ने पुलिस को बताया, ‘शुक्रवार की दोपहर मेरे पिता नमाज अदा करने के बाद वापस लौटे और मां से कहा कि वे उन्हें तलाक दे चुके हैं और वापस जाने के लिए कहा। इसके बाद दोनों के बीच झगड़ा शुरू हो गया।’ फातिमा ने बताया कि इसके बाद उसके दादा अजीजुल्लाह, दादी हसीना और ननदें नादिरा और गुड़िया आईं। उसके पिता ने उसकी मां को बालों से पकड़ा और मारपीट की। ननदों ने उन पर केरोसीन डाला और दादा अजीजुल्लाह और दादी हसीना ने माचिस जलाकर उसकी मां को आग के हवाले कर दिया।
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नहीं हुई आरोपियों की गिरफ्तारीः घटना का पता चलने पर पीड़िता सईदा का भाई रफीक फातिमा को लेकर पुलिस स्टेशन पहुंचा जहां उसने पुलिस को घटना की जानकारी दी। इसके बाद पुलिस टीम को रवाना किया गया और सईदा के शव को ऑटोप्सी के लिए भेजा गया। पुलिस ने इस मामले में शनिवार (17 अगस्त) को एफआईआर दर्ज की। अभी तक इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

एफआईआर दर्जः श्रावस्ती के एसपी आशीष श्रीवास्तव ने टीओआई को बताया कि आरोपियों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना, हत्या और दहेज निषेध अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है। उन्होंने कहा कि तीन तलाक के बारे में पीड़िता के पिता द्वारा दिए गए बयान की भी जांच की जाएगी। साथ ही यह भी पता लगाने की कोशिश की जाएगी की कि आखिर जब महिला 6 अगस्त को शिकायत दर्ज करवाने पुलिस स्टेशन पहुंची थी तो शिकायत दर्ज क्यों नहीं की गई।