उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद अब सभी राजनीतिक पार्टियों की नजर विधानपरिषद चुनावों पर है। लेकिन इस बार रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के करीबी एमएलसी अक्षय प्रताप उर्फ गोपालजी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। दरअसल, फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस बनवाने के मामले में एमएलसी अक्षय प्रताप को न्यायिक कस्टडी में लिया गया है। अब इस मामले में अदालत ने सजा के लिए 23 मार्च की तारीख मुकर्रर की है।
अक्षय प्रताप को रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का करीबी माना जाता है। वहीं, एमएलसी चुनाव में अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी को राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है। हालांकि, एमएलसी चुनाव के ऐन वक्त पर कोर्ट ने फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस बनवाने के मामले में एमएलसी अक्षय प्रताप को दोषी करार दिया था। जिसके चलते उनके समर्थकों को बड़ा झटका लगा था।
इसी मामले में सजा के एलान के लिए अक्षय प्रताप सिंह, मंगलवार यानी 22 मार्च को एमपी एमएलए कोर्ट में हाजिर हुए थे। अब इस मामले में अदालत ने सजा के लिए 23 मार्च की तारीख मुकर्रर की है। ऐसे में गोपाल जी को एक दिन की न्यायिक हिरासत में लिया गया है। माना जा रहा है कि यदि मामले में अक्षय प्रताप को सजा होती है तो उनके विधानपरिषद का चुनाव लड़ने पर ग्रहण लग सकता है।
बता दें कि, एमएलसी अक्षय प्रताप उर्फ गोपालजी पर सितंबर 1997 में फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस बनवाने के मामले में केस दर्ज हुआ था। तब तत्कालीन कोतवाल ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें आरोप था कि गोपालजी ने प्रतापगढ़ के फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस हासिल किया था। जबकि अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल अमेठी के जामो के रहने वाले हैं। फिर इसी मामले में उन्हें कोर्ट ने दोषी करार भी दिया था।
अक्षय प्रताप उर्फ गोपालजी की अपने क्षेत्र में अलग-अलग जनप्रतिनिधियों के बीच मजबूत पकड़ मानी जाती है। ज्ञात हो कि गोपालजी प्रतापगढ़ में तीन बार से एमएलसी और एक बार सांसद (2004 से 2009 तक) रह चुके हैं। पिछली बार अक्षय प्रताप उर्फ गोपालजी समाजवादी पार्टी के टिकट पर निर्विरोध एमएलसी निर्वाचित हुए थे।