आज बात इतिहास के पन्नों में दर्ज एक ऐसी चोरी कि जिसके बारे में जानकर आप चौंक जाएंगे। इसे ‘The Great Train Robbery’ के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि चोरों ने 200 करोड़ रुपए पर हाथ साफ कर लिया था। कई महीनों बाद जब पुलिस इन चोरों तक पहुंची तब उनके पास लौटाने के लिए कुछ भी नहीं बचा था।
पुलिस ने अपनी जांच पड़ताल के बाद Gordon Goody नाम के शख्स की पहचान की थी और उसे एक ‘जेंटलमैन क्रिमिनल’ भी कहा गया था। पुलिस के मुताबिक Gordon Goody ने इस सबसे बड़ी ट्रेन चोरी की प्लानिंग बनाई और फिर इसमें 15 बदमाशों को शामिल कर इसे अंजाम तक पहुंचाया। 8 अगस्त, 1963 को एक ब्रिटिश मेल ट्रेन ग्लासगो से लंदन की तरफ जा रही थी। इसी दौरान Cheddington के पास एक गांव के समीप लाल सिग्नल दिखा ट्रेन को रोक दिया गया।
जिस जगह पर ट्रेन को जानी थी यहां से वो जगह 36 माइल की दूरी पर खड़ी थी। बताया जाता है कि उस वक्त रात के करीब 3 बज रहे थे। थोड़ी देर बाद जब ट्रेन के सहायक इंजीनियर David Whitby देरी की वजह जानने के लिए उतरे तो उन्होंने देखा कि सिग्नल बोर्ड पर फर्जी तरीके से लाल बत्ती लगाई गई है। किसी ने 6-वोल्ट की बैट्री लगाई थी ताकि लाइट जलती रहे। नकली लाल सिग्नल देख उनके होश उड़ गये
हालांकि इससे पहले कि वो कुछ कर पाते किसी ने उन्हें पीछे से दबोच लिया और कहा कि अगर उन्होंने सरेंडर नहीं किया तो वो उन्हें गोली मार देगा। स्कॉटलैंड में बैंक हॉलीडे होने की वजह से ग्राहकों के बीच कैश की काफी डिमांड बढ़ी थी और यह ट्रेन भारी मात्रा में कैश लेकर जा रही थी। 15 मिनट तक ट्रेन को रोके रहने के बाद 15 चोर ट्रेन से 200 करोड़ रुपए लेकर फरार हो गये।
यह चोरी सन 1963 में की गई थी। कहा जाता है कि इस चोरी को 15 लोगों ने मिलकर अंजाम दिया था। चोरों ने सबसे पहले ट्रेन को नकली सिग्नल दिखा कर रोक लिया और फिर उस पर जबरन कब्जा भी जमा लिया। जिसके बाद वह ट्रेन में मौजूद 200 करोड़ रुपए लेकर नौ दो ग्यारह हो गए। कई सालों कि मुशकत के बाद पुलिस ने फिंगरप्रिंट के जरिए चोरों को पकड़ तो लिया लेकिन उनके पास कोई पैसा नहीं बचा था। इस ट्रेन डकैती के बाद ब्रिटेन में हंगामा मच गया। मीडिया में उस वक्त इस खबर ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं।

