तेलंगाना में अब्दुल्लापुरमेट में महिला तहसीलदार को जिंदा जलाने के मामले में अहम खुलासा हुआ है। पुलिस का दावा है कि आरोपी शख्स फर्जीवाड़ा करके करीब 10 साल पहले बिकी जमीन को दोबारा अपने नाम कराना चाहता था। महिला अधिकारी ने विरोध जताया तो आरोपी ने उन पर कथित रूप से पेट्रोल छिड़क दिया और उन्हें जिंदा जला डाला। पुलिस का कहना है कि आरोपी शख्स किसान नहीं है। वह एक ऑटो ड्राइवर है।
पुलिस ने किया यह दावा: पुलिस के मुताबिक, आरोपी कोरा सुरेश ने सोमवार को अब्दुल्लापुरमेट की एमआरओ पी विजया रेड्डी से मुलाकात की थी। वह करीब 10 साल पहले बिक चुकी जमीन को दोबारा अपने नाम कराना चाहता था। विरोध जताने पर उसने महिला तहसीलदार पर पेट्रोल छिड़क दिया और उन्हें जिंदा जला डाला। उस दौरान विजया रेड्डी का ड्राइवर एस गुरुरत्नम उन्हें बचाने के दौरान बुरी तरह झुलस गया था। उसने भी मंगलवार सुबह दम तोड़ दिया।
Hindi News Today, 06 November 2019 LIVE Updates: देश-दुनिया की हर खबर पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक
आरोपी की भी हालत गंभीर: बताया जा रहा है कि पेट्रोल छिड़ककर विजया रेड्डी को जिंदा जलाते वक्त आरोपी सुरेश भी बुरी तरह झुलस गया था। पुलिस के मुताबिक, वह करीब 60 प्रतिशत जल गया है। उसकी हालत भी गंभीर बनी हुई है।
पुलिस कमिश्नर ने दिया यह बयान: रचाकोंडा के पुलिस कमिश्नर महेश भागवत ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अपनी अधिकारी को बचाते वक्त गुरुरत्नम भी बुरी तरह झुलस गया था। वह सूर्यापेट का रहने वाला था। उसका शव उसके घर भेजने के लिए अरेंजमेंट्स किए जा रहे हैं। वहीं, आरोपी सुरेश की भी हालत गंभीर है। फिलहाल, हम उससे कोई सवाल-जवाब नहीं कर पाए हैं। अधिकारियों का कहना कि एमआरओ ऑफिस के मुताबिक, जमीन के किसी भी रिकॉर्ड में सुरेश का नाम दर्ज नहीं है।
किसान नहीं है आरोपी सुरेश: पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘आरोपी सुरेश ने एमआरओ ऑफिस में अधिकारियों के सामने किसान होने का दावा किया था, जो गलत निकला। वह ऑटो रिक्शा चलाता है और गोवरेली गांव का रहने वाला है। उसके पिता के पास करीब 7 एकड़ जमीन थी, जिसमें से उन्होंने 4 एकड़ जमीन करीब 10 साल पहले बेच दी थी। वहीं, बाकी 3 एकड़ जमीन पर सुरेश के भाई का कब्जा है। हालांकि, सुरेश को लगता था कि बेची गई जमीन का असली मालिक वह है। ऐसे में वह एमआरओ पर जमीन दोबारा उसके नाम पर रजिस्टर करने का दबाव बना रहा था। विजया रेड्डी ने इससे इनकार कर दिया था।’’
महिला तहसीलदार ने दी थी कोर्ट जाने की सलाह: पुलिस के मुताबिक, विजय रेड्डी ने सुरेश की मांग पूरी करने से साफ इनकार कर दिया था। साथ ही, उसे कोर्ट जाने की सलाह दी थी। एमआरओ ऑफिस के एक अन्य कर्मचारी भास्कर बरगिला ने बताया, ‘‘सोमवार को कोर्ट की सुनवाई के बाद सुरेश एमआरओ ऑफिस आया और विजया रेड्डी से मिलने पहुंच गया। कुछ मिनट तक उनके बीच बहस होती रही। इसके बाद विजया लपटों से घिरी नजर आईं। कंबल से आग बुझाकर उन्हें बचाने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया।’’
