Written by Janardhan Koushik

Odisha Train Tragedy: ओडिशा ट्रेन हादसे के तीन दिन बाद तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले के मेलावालाडी में रेलवे ट्रैक पर रखे दो लॉरी टायरों में से एक के टकराने के बाद चेन्नई जाने वाली कन्याकुमारी सुपरफास्ट एक्सप्रेस रुक गई। रेलवे पुलिस और पांच विशेष पुलिस दल इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या यह ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश रची गई थी।

शुरुआती जांच के बाद पुलिस टीम ने किया ये दावा

मामले की जांच कर रही पुलिस की स्पेशल टीम ने बताया, “हमारी प्रारंभिक जांच के अनुसार इस हरकत के पीछे का इरादा तोड़फोड़ करना और ध्यान आकर्षित करना है। अगर कोई और छुपा मकसद होता तो वे किसी अन्य सामग्री का उपयोग कर सकते थे। हम जांच कर रहे हैं और हमें विश्वास है कि हम एक या दो दिन में घटना के पीछे के लोगों को पकड़ सकते हैं।”

आठ स्थानीय लोगों की भूमिका की जांच कर रही पुलिस टीम

सूत्रों ने कहा कि इस मामले में पुलिस आठ स्थानीय लोगों की भूमिका की जांच कर रही है। शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा कि चूंकि यह घटना ओडिशा ट्रेन दुर्घटना जिसमें 275 लोग मारे गए थे के तुरंत बाद हुई थी, इसलिए अनावश्यक अफवाहें फैलाई जा रही थीं। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक ट्रेन कन्याकुमारी से गुरुवार शाम को रवाना हुई और घटना श्रीरंगम और लालगुडी के बीच मेलावालाडी में रात 1.10 बजे हुई।

लोको पायलट ने संदिग्ध चीज देखकर रोकी ट्रेन, दूसरी ट्रेन भी बाल-बाल बची

रेलवे सूत्रों ने बताया कि ट्रेन अच्छी गति से चल रही थी तभी लोको पायलट टीपी रघुरामन ने ट्रैक पर एक संदिग्ध चीज देखी और ब्रेक लगा दिया। नीचे उतरकर ट्रेन का निरीक्षण करने के बाद रघुरामन और सहायक लोको पायलट विनोथ ने पाया कि ट्रेन एक लॉरी के टायर से टकरा गई थी। रघुरामन ने फ्लैशर लाइट पर स्विच किया (यह इंगित करने के लिए कि ट्रैक पर एक निश्चित घटना घटी थी) और सेनगोट्टई की ओर बढ़ रही पोथिगई एक्सप्रेस सिग्नल देखकर रुक गई। पोथीगई एक्सप्रेस के लोको पायलट को ट्रैक के किनारे एक और टायर पड़ा मिला।

40 मिनट तक रुकी रही ट्रेन, 25 मिनट पहले गुजरी थी दूसरी ट्रेन

रेलवे के एक अधिकारी ने कहा, “ट्रेन ने श्रीरंगम को 1.03 बजे पार किया और इसे वलादी को 1.11 बजे पार करना चाहिए था, लेकिन यह 1.10 बजे टायरों से टकरा गई। फीड पाइप और ब्रेक पाइप को कुछ नुकसान हुआ था, लेकिन इसे जल्द ही ठीक कर लिया गया और ट्रेन ने लगभग 40 मिनट बाद अपनी यात्रा फिर से शुरू कर दी।” सूत्रों ने कहा कि चेन्नई की ओर जाने वाली एक अन्य ट्रेन कन्याकुमारी सुपरफास्ट एक्सप्रेस से करीब 20-25 मिनट पहले ही इस क्षेत्र को पार कर गई थी। तब ऐसी कोई वस्तु मौजूद नहीं थी।

Odisha Train Accident का असली कारण क्या है, आंकड़ों से समझिए संकेत ? | Balasore | Video 

मेट्रो प्रोजेक्ट का विरोध कर रहा स्थानीय लोगों का एक समूह

विरुधाचलम रेलवे पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच कर रही है। तिरुचिरापल्ली के पुलिस अधीक्षक सुजीत कुमार ने घटनास्थल का दौरा किया और निर्देश जारी किए। इसके बाद आगे की जांच करने के लिए लालगुडी के पुलिस उपाधीक्षक एम वी अजय थंगम के तहत पांच विशेष टीमों का गठन किया गया। सूत्रों ने indianexpress.com को बताया कि स्थानीय निवासियों का एक वर्ग क्षेत्र में एक मेट्रो स्थापित करने का विरोध कर रहा था। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या इस घटना में उनकी कोई भूमिका थी।

चोरी का था पुराना टायर, मोबाइल सिग्नल और खोजी कुत्तों के जरिए जांच

पुलिस ने कहा कि टायर एक लॉरी मालिक का था। उसने हाल ही में अपने पुराने टायरों को नए के साथ बदल दिया था और पुराने को अपने घर के पास रख दिया था। कथित तौर पर टायर चोरी हो गया था। अधिकारियों ने कहा कि पुलिस घटना के समय सक्रिय सेल फोन सिग्नल के आधार पर संदिग्धों से पूछताछ कर रही है और खोजी कुत्तों को भी तैनात किया है।