ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार की मुश्किलें फिलहाल कम होने का नाम नहीं ले रही है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच साथी की हत्या के आरोपी सुशील से लगातार पूछताछ कर रही है। हालांकि इस दौरान सुशील कई बड़े खुलासे कर चुका है, लेकिन दूसरी तरफ उसने बताया कि उसका उद्देश्य सागर धनखड़ की हत्या करना नहीं था। बल्कि वह सिर्फ सागर को धमकाना चाहता था।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सुशील जांच के दौरान अलग-अलग बातें बता रहा है। क्राइम ब्रांच को पता चला है कि मार्च के महीने में मॉडल टाउन में एक पार्टी हुई थी। गैंगस्टर काला जठेड़ी के भाई सोनू महल की इस पार्टी में कई वीआईपी शामिल हुए थे। पार्टी के दौरान एक लड़की भी वहां मौजूद थी। इसमें सुशील के साथी अजय ने लड़की के साथ बदतमीजी की थी। इस बात से सोनू को काफी गुस्सा भी आ गया था। सोनू और सागर ने सुशील और अजय को धमकी दी थी।

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच जांच कर रही है कि कहीं सुशील कुमार इसी बात से सागर धनखड़ से तो नाराज नहीं हो गया था। जबकि इससे पहले निकलकर आया था कि दोनों के बीच पैसे के लेनदेन का मामला था। हालांकि पुलिस को अभी तक सुशील कुमार के वो कपड़े भी नहीं मिले हैं जो उसने हत्या के दौरान पहने हुए थे। पुलिस केस मजबूत करने के लिए और भी सबूत जुटाने में लगी हुई है।

आमतौर पर ऐसी स्थिति में जांच के लिए ‘लोकार्ण’ सिद्धांत का भी इस्तेमाल किया जाता है। ये एक ऐसा सिद्धांत होता है जिस पर जांच एजेंसी काफी विश्वास भी करती है। भले ही ये सिद्धांत 150 साल पुराना क्यों न हो गया हो, लेकिन कई मौके पर सटीक साबित भी होता है। लोकार्ड सिद्धांत का सीधा-सा मतलब होता है कि आरोपी कुछ न कुछ तो जरूर मौका-ए-वारदात पर छोड़कर गया होगा। ऐसे में क्राइम ब्रांच की टीम मौके पर पहुंचकर अन्य सबूत की जांच भी कर सकती है।

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, जांच एजेंसियों को मिली पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये साफ हो गया है कि सागर की मौत बाहरी चोट के कारण हुई है। ऐसे में सुशील को भी मौके पर देखा गया था तो इस मारपीट के सबूत जरूर कुछ न कुछ छूटे होंगे।