कई लोगों की तमन्ना होती है कि वो यूपीएससी की परीक्षा पास करें। जाहिर है इस परीक्षा को पास करने के लिए बेहद धैर्य औऱ संघर्ष की जरुरत होती है। आज हम जिस शख्सियत के बारे में यहां जिक्र करने वाले हैं उन्होंने अपनी सहनशीलता के दम पर इस परीक्षा को पास किया। इस परीक्षा को पास करने की राह में रुकावटें भी आईं और असफलताएं भी लेकिन उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी। आज हम बात कर रहे हैं आईएएस अफसर अक्षत कौशल की। अक्षत कौशल ने साल 2012 से यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी शुरू की थी।

साल 2013 में वो पहली बार परीक्षा में शामिल हुए लेकिन वो असफल हो गए। अक्षत कौशल ने दूसरी बार परीक्षा देने के लिए भी बेहतरीन तैयारी की। लेकिन वो इस बार भी विफल हो गए। ज्यादातर अभ्यर्थी एक, दो या तीन असफलताओं के बाद हिम्मत हारने लगते हैं। लेकिन ऐसे लोगों के लिए अक्षत की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है। अक्षत कुल मिलाकर 4 बार इस परीक्षा में फेल हो गए। एक वक्त ऐसा भी आया कि लगातार मिल रही असफलताओं से अक्षत ने हार मान ली। हालांकि, वो हमेशा यह सोचते रहे कि वो अपनी बेजोड़ कोशिश से इस परीक्षा को पास जरुर कर लेंगे।

इस दौरान अक्षत की मुलाकात अपने कुछ दोस्तों से हुई। दोस्तों ने अक्षत को फिर से परीक्षा देने के लिए प्रेरित किया। अक्षत के मां-बाप ने भी उनका साथ दिया और उन्हें परीक्षा देने के लिए कहा। अक्षत ने पांचवीं बार यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी उस वक्त शुरू कि जब परीक्षा में महज 17 दिन बाकी थे। 17 दिनों की तैयारी के बाद अक्षत कौशल ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली। एक आईएएस अफसर बनने से पहले अक्षत जर्नलिस्ट थे।

एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था कि रिपोर्टर होने के नाते वो अक्सर सरकार के कामकाज के तरीके और जनता की सरकार से अपेक्षा की खबरें कवर करते थे। लेकिन वो सिर्फ इसकी रिपोर्टिंग कर सकते थे, चीजों को सहीं करने के लिए वो कुछ नहीं कर सकते थे। इसी बात से अक्षत कौशल को सिविल सेवा की परीक्षा देने की प्रेरणा मिली।