अकेलापन दूर करने के लिए पहले वो बार-बार शादियां करती थी और फिर सिलसिलेवार अपने हर पति का कत्ल कर देती थी। यह कहानी है 4 पतियों की हत्या करने वाली एक ऐसी महिला की जिसने अपने कई रिश्तेदारों की भी जहर देकर हत्या की है। इस महिला को जब पुलिस ने पकड़ा तो उसने बताया कि उसे एक ऐसे इंसान की तलाश थी जो उसके लिए परफेक्ट हो लेकिन उसे ऐसा कोई नहीं मिला। इस महिला का नाम है नैनी डॉस। हमेशा हंसने-मुस्कुराने और प्यारी सी दिखने वाली नैनी ने खुद पुलिस के सामने कबूल किया था कि उसने साल 1920 से लेकर 1954 तक कई हत्याएं की हैं। उसने बताया कि उसने अपने पांच पतियों में से 4 की हत्या कर दी है। हालांकि पुलिस वालों का मानना है कि उसने अपने कई और रिश्तेदारों का भी कत्ल किया है।
अलबामा के एक किसान परिवार में नैनी डॉस का जन्म साल 1905 में हुआ था। स्कूल जाने की बजाए नैनी तथा उसके सभी भाई-बहन घर पर रहकर खेतीबाड़ी करने में परिवार का हाथ बंटाते थे। 7 साल की उम्र में ट्रेन पर चढ़ने के दौरान नैनी के सिर में गंभीर चोट आई। कहा जाता है कि सिर में लगी इस चोट ने नैनी डॉस की जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी। नैनी जब छोटी थी तब ही से वो भविष्य में अपने होने वाले पति के साथ बेहतरीन जिंदगी जीने के बारे में सोचा करती थी। वो रोमांस मैग्जीन पढ़ा करती थी, खासकर ‘Lonely Hearts’ कॉलम उसे काफी पसंद थे। दरअसल नैनी के पिता अपने बच्चों को काफी मारते थे इसलिए नैनी ने ऐसी किताबों को अपना साथी बना लिया।
16 साल की उम्र में नैनी डॉस ने एक ऐसे शख्स से शादी की जिसे वो महज चार महीनों से जानती थी। साल 1921 से 1927 के बीच चार्ली ब्रैग्स और नैनी को चार बच्चे हुए। जानकारी के मुताबिक नैनी का पति भी उसे काफी मारता-पीटता था। शायद अपनी सास की वजह से नैनी को हत्याएं करने की आदत लगी। साल 1927 में नैनी के दो बच्चे अचानक मर गए। इन बच्चों की मौत से सभी हैरान थे क्योंकि यह दोनों बच्चे पूरी तरह स्वस्थ थे। इसके बाद साल 1928 में नैनी का अपने पति से तलाक हो गया।
तलाक के कुछ ही सालों बाद नैनी ने दूसरी शादी की। नैनी के दूसरे पति का नाम फ्रैंक हैरलेसन था। दोनों की मुलाकात ‘Lonely Hearts’ कॉलम के जरिए ही हुई थी। फ्रैंक, नैनी को अक्सर रोमांटिक चिट्ठियां लिखा करता था और नैनी भी इसका जवाब ख़त से ही दिया करती थी। लेकिन शादी के बाद खुलासा हुआ कि फ्रैंक हैरलेसन को शराब पीने की आदत थी और शराब के नशे में अक्सर वो नैनी से लड़ता-झगड़ता भी था। 16 साल तक नैनी फ्रैंक के साथ रही। कहा जाता है कि सन् 1945 में नैनी ने अपनी पोती की हत्या कर दी। नैनी ने छोटी सी बच्ची के सिर में पिन चुभो कर उसकी हत्या की थी। इसके बाद नैनी ने अपनी एक और पोती की हत्या कर दी।
अगला नंबर उसके पति हैरलेसन का था। एक रात नैनी डॉस ने हैरलेसन की शराब में चुपचाप एक ऐसा कैमिकल मिलाया जिससे करीब हफ्ते भर बाद हैरलेसन की मौत हो गई। कई लोग मानते थे कि हैरलेसन की मौत फूड प्वाइजनिंग से हुई है। पति की मौत के बाद उनके लाइफ इंश्योरेंस से नैनी को काफी पैसे मिले। इसके बाद नैनी ने 1952 में आर्ली लैनिंग नाम के एक शख्स की हत्या की उनके शराब में जहर मिलाकर। इम्पोरिया के रहने वाले रिचर्ड मॉर्टन के रुप में डॉस को उसका अगला सच्चा प्यार मिला।
रिचर्ड के साथ नैनी ने काफी वक्त गुजारा। इस बीच साल 1953 में डॉस की मां एक हादसे में बुरी तरह जख्मी हो गईं। डॉस अपनी मां की देखभाल करने पहुंची लेकिन कुछ दिनों बाद अचानक उसकी मां की मौत हो गई। मां की मौत के बाद डॉस अपनी एक बहन के साथ थी लेकिन अचानक एक दिन उसकी बहन की भी मौत हो गई। इसके बाद नैनी को अपने पति मॉर्टन के कुछ अफेयर के बारे में पता चला। कुछ ही दिनों बाद मॉर्टन की भी रहस्यमय परिस्थिति में मौत हो गई।
नैनी डॉस का अगला शिकार बने टुल्सा के रहने वाले सैम्युल डॉस। सैम्युल ना तो अल्कोहल पीते थे और ना ही वो अपनी पत्नी के साथ मारपीट करते थे। लेकिन एक दिन सैम्युल ने नैनी से कहा कि वो टीवी और मैग्जीन सिर्फ जरूरी जानकारियां हासिल करने के लिए देखा करे। इस बात से नाराज नैनी ने कॉफी में जहर देकर सैम्युल को मार डाला।
जो चिकित्सक नैनी के पांचवें पति का इलाज कर रहे थें उन्हें नैनी पर शक हो गया था लेकिन उनके पास कोई सबूत नहीं था। इसलिए उन्होंने डॉस से कहा कि वो उसके पति की ऑटोप्सी करना चाहते हैं। ऑटोप्सी रिपो्रट में डॉक्टर को नैनी के पति के शरीर से भारी मात्रा में आर्सेनिक मिला। जिसके बाद उन्होंने पुलिस को इस बात की सूचना दी। नैनी डॉस को साल 1954 में गिरफ्तार कर लिया गया। उसने जल्दी ही अपने पांच पतियों में से 4 की हत्या की बात कबूल कर ली लेकिन उसने अपने रिश्तेदारों की हत्या की बात नहीं कबूली।
पुलिस ने इस मामले में गहनता से जब छानबीन की तो पता चला है कि वो चूहों को मारने वाली जहर या फिर आर्सेनिक का इस्तेमाल कत्ल के लिए किया करती थी। पुलिस वालों का मानना है कि उसने कुल 12 खून किए हैं। डॉस को उम्र कैद की सजा सुनाई गई। साल 1964 में सजा के दौरान ही उसकी मौत हो गई।


