वो इतनी खतरनाक थी कि पुलिस रिकॉर्ड में उसके खिलाफ कई संगीन जुर्म दर्ज हैं। उसकी एक पहचान यह भी है कि वो गुजरात के पोरबंदर इलाके के कुतियाना विधानसभा क्षेत्र से साल 1989 में विधायक भी चुनी गई थी। कहा जाता है कि 102 हार्डकोर क्रिमिनल्स के साथ मिलकर वो जो गैंग चलाती थी उस गैंग का मुख्य धंधा मर्डर और किडनैपिंग था। आज हम बात कर रहे हैं देश की पहली महिला गैंगस्टर की जिसके गैंग और गैंग के काले कारनामों की वजह से इस गैंग पर 525 अलग-अलग संगीन मामले दर्ज किए गए थे। 49 साल की संतोकबेन जडेजा को जानने वाले कहते थे कि वो बहुत कम शब्दों में अपनी बात कहती थीं, ज्यादातर आंखें नीचे रखती थीं और किसी से बात करते वक्त वो अपनी हथेलियों को रगड़ती रहती थीं।
सिर्फ तीसरी क्लास तक पढ़ी संतोकबेन जडेजा गुजराती भाषा में ही बातचीत करती थीं। एक साक्षात्कार में संतोकबेन जडेजा ने बताया था कि ‘मैं बिना लोगों के बीच जाकर भाषण दिए और कैमरे के सामने बिना तस्वीर खींचवाए ही एंमएलए बन गई थी। 80-90 के दशक में गुजरात की लेडी डॉन संतोकबेन जडेजा के गैंगस्टर बनने की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं। दरअसल संतोकबेन के पति सरमन मुंजा जडेजा कभी एक साधारण मिल मजदूर थे। एक दिन इस मिल में हड़ताल हो गई और मिल मालिकों ने हड़ताल तोड़ने के लिए स्थानीय गैंगस्टर देवू वाघेर को हायर कर लिया। कहा जाता है कि सरमन मुंजा ने उस वक्त गुस्से में आकर गैंगस्टर देवू वाघेर की हत्या कर दी। इस हत्या के बाद सरमन मुंजा इलाके का सबसे बड़ा डॉन बन बैठा। साल 1986 में सरमन मुंजा ने जुर्म का रास्ता छोड़ा और ईमानदारी के रास्ते पर लौटने की सोची लेकिन इसी साल उसकी हत्या कर दी गई। बस यहीं से शुरू होती है सरमन मुंजा की पत्नी संतोकबेन के गैंगस्टर बनने की कहानी।
पति के हत्यारों ने धमकी दी कि संतोकबेन के बेटों को भी मार देंगे। अपने बच्चों को बचाने की खातिर संतोकबेन ने उस वक्त हथियार उठाया। संतोकबेन ने सबसे पहले अपने पति के हत्यारों को मिटाया और फिर धीरे-धीरे वो उस इलाके की सबसे खूंखार गैंगस्टर बन गई। कहा जाता है कि संतोकबेन ने 14 हत्याएं कराईं। उस क्षेत्र में फिरोती हो या मर्डर, तस्करी हो या वसूली जुर्म की हर गली में संतोकबेन का सिक्का चलता था। ट्रांसपोर्ट के बिजनेस से लेकर रियल स्टेट बिजनेस तक हर जगह संतोकबेन की तूती बोलती थी। कहा तो यह भी जाता है कि संतोकबेन के अंडरवर्लड डॉन करीम लाला से करीबी रिश्ते थे। सियासत में आने के बाद संतोकबेन को कई राजनेताओं का समर्थन भी हासिल था। संतोकबेन से पहले उस इलाके की कोई भी महिला विधायक नहीं बनी थी। वो मेहर समाज की पहली महिला विधायक थीं। देश की इस पहली महिला गैंगस्टर की जिंदगी पर फिल्म भी बनी। फिल्म ‘गॉडमदर’ में संतोकबेन की जिंदगी को मशहूर अभिनेत्री शबाना आजमी ने जीया था। हालांकि संतोकबेन ने उस वक्त इस फिल्म का विरोध किया था। 31 मार्च 2011 को हार्ट अटैक की वजह से संतोकबेन की मौत हो गई।