Sri Lanka Easter Sunday Blasts 2019 : श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना बड़ी मुश्किल में फंस गए हैं। दरअसल, श्रीलंका की एक अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति सिरिसेना को 2019 में हुए ईस्टर संडे बम विस्फोट मामले में एक संदिग्ध के रूप में नामित किया है। इन हमलों में 11 भारतीयों सहित 270 लोगों की मौत हो गई थी।
अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति को किया तलब
कोलंबो में एक मजिस्ट्रेट की अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति को 14 अक्टूबर को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है। अदालत ने 2019 ईस्टर संडे बम विस्फोटों से जुड़े एक मामले के बाद पूर्व राष्ट्रपति को तलब किया है। अदालत ने यह भी कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति को इस बम धमाके के बारे में ख़ुफ़िया इनपुट था, फिर भी उन्होंने इसे नजरअंदाज किया और धमाके को रोकने में विफल रहे थे।
पूर्व राष्ट्रपति करते रहे हैं आरोपों से इनकार
बता दें कि, श्रीलंका में ईसाई समुदाय इन बम धमाकों में मारे गए, घायल और विकलांग हुए सैकड़ों लोगों को न्याय दिलाने के लिए काफी समय से सरकार पर दबाव बना रहा है। सिरीसेना को ईस्टर मामले की जांच कर रही एक पैनल ने ही इस हमले के लिए जिम्मेदार माना था। कैथोलिक चर्च और मृतकों/पीड़ितों के रिश्तेदारों के दबाव में उस पैनल का गठन किया गया था। हालांकि, सिरीसेना इन आरोपों से हमेशा इनकार करते रहे हैं।
आर्कबिशप ने लगाए थे ऐसे आरोप
बीते माह अगस्त में भी श्रीलंका के कैथोलिक चर्च के आर्कबिशप कार्डिनल मैल्कम रंजीत ने पिछली सरकारों पर देश के सबसे बुरे आतंकवादी कृत्य से आंखें मूंदने का आरोप लगाया था। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने आर्कबिशप कार्डिनल मैल्कम रंजीत के हवाले से कहा कि “जो लोग 2019 में तीन चर्चों और कुछ होटलों में बम धमाकों को रोकने में असफल रहे वह अभी भी राजनीति में सक्रिय हैं और कई पुलिस अधिकारी के रूप में भी काम कर रहे हैं।”
पूर्व रक्षा सचिव और पुलिस प्रमुख पर भी गंभीर आरोप
श्रीलंका के पूर्व पुलिस प्रमुख पुजित जयसुंदरा उन उच्च पदस्थ अधिकारियों में से एक हैं, जिन पर इस मामले में पूर्व खुफिया चेतावनी मिलने के बावजूद कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए आपराधिक लापरवाही का आरोप लगाया गया है। इसके अलावा, पूर्व रक्षा सचिव हेमासिरी फर्नांडो पर भी इसी तरह के आरोप हैं।
ईस्टर संडे 2019 में हुए थे सिलसिलेवार बम धमाके
गौरतलब है कि आईएसआईएस से जुड़े एक स्थानीय इस्लामी चरमपंथी समूह नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) ने 21 अप्रैल, 2019 को सिलसिलेवार तरीके से विस्फोट किए, जिसमें तीन चर्च और तीन लग्जरी होटलों को नुकसान पहुंचा था। इन हमलों में 270 से अधिक लोग मारे गए थे और 500 से अधिक लोग घायल हुए थे। हमले में कम से कम 11 भारतीय मारे गए थे। इन धमाकों में नौ आत्मघाती हमलावर शामिल थे।