सीरियल किलिंग की कई वारदातें अब तक हो चुकी हैं लेकिन इन खौफनाक हत्यारों की कहानी हमेशा लोगों की उत्सुकता बढ़ाती है। जब कभी भी ऐसे अपराधियों के सनक के बारे में चर्चा की जाती है तो लोग उनकी मानसिक स्थिति के बारे में गहराई से सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि आखिर इतनी क्रूरता उनके दिल-ओ-दिमाग में आती कैसे है? उत्तर प्रदेश के एक ऐसे ही सनकी सीरियल किलर का नाम भी जुर्म की किताबों में दर्ज है। उसकी दिमाग की खुराफात आपके होश उड़ा देगी। यूपी के फुरसतगंज का रहने वाला डरावना हत्यारा सदाशिव साहू चैन की नींद सोने के लिए लोगों को मौत के घाट उतारा करता था। साल 2000 से 2004 के बीच इस शख्स ने मौत का नंगा खेल खेला। सिर्फ बेफ्रिकी से सोने की खातिर इसने इन चार सालों में 22 लोगों को मौत के घाट उतार दिया।
जब साल 2004 में पुलिस ने 57 साल की उम्र में सदाशिव साहू को दबोचा तो उसके काले कारनामे सुनकर पुलिस वालों के भी होश उड़ गए। दरअसल सदाशिव साहू फुरसतगंज इलाके में ही कपड़े का व्यापार करता था। एक दिन अचानक उसे यह एहसास हुआ कि कोई अदृश्य शक्ति उसे मर्डर करने के लिए कह रही है। इसके बाद तो जैसे इसके सिर पर सनक सवार हो गया। इस हत्यारे ने पुलिस के सामने कबूल किया था कि उसे एक शक्ति लोगों की हत्या के लिए उकसाती है और ऐसा करने पर उसे प्रार्थना में बल मिलता है। इतना ही नहीं इस खतरनाक हत्यारे ने पुलिस को यह भी बताया कि ‘मैं लोगों की हत्या करने के बाद आराम से घर जाता था। जिसके बाद मुझे अजीब सी शांति मिलती थी और मैं चैन की नींद सो पाता था।’
खून करने के लिए यह सीरियल किलर खास तरीका भी अपनाता था। सदाशिव साहू अक्सर अधेड़ उम्र के लोगों को अपना शिकार बनाता था। वो इन लोगों को अपनी चिकनी-चुपड़ी बातों में पहले फंसाता फिर उनसे घनिष्ठता बढ़ता और फिर मौका मिलते ही अपने तमंचे से उन्हें मौत के घाट उतार देता था। यह हत्यारा अपने शिकार के सीने में बेहद करीब से गोली मारता था। कहा जाता है कि सदाशिवम ने साल 2002 के अप्रैल महीने में पहला मर्डर किया। इसके बाद उसने अंतिम बार नवंबर 2004 में एक शख्स को मौत के घाट उतारा। पुलिस ने इस कुख्यात किलर को 57 साल की उम्र में साल 2004 में गिरफ्तार किया था और पहुंचा दिया था जेल की मजबूत सलाखों के पीछे
