एक नर्स जर्मनी के Delmenhorst hospital में एक सिफारिशी खत के साथ पहुंची। उसने अपने बारे में बताया कि वो स्वतंत्र रुप से बेहतरीन काम करती है। यह महिला तकनीकि रुप से सही थी और उसे अस्पताल में नौकरी मिल गई। उस वक्त अस्पताल के अधिकारियों को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि नर्स नील्स होजेल के रहने से अस्पताल में मरने वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी क्यों हो रही है? आज 42 साल की होजेल को जर्मनी की सबसे खूंखार सीरियल किलर के तौर पर जाना जाता है। अधिकारियों के मुताबिक साल 2000 तक होजेल के हाथ से 300 मरीजों की मौत हो चुकी है।
इस मामले की तह तक पहुंचने और एक सीरियल किलर को पहचानने में अधिकारियों को 10 साल लग गए। अधिकारियों ने करीब 130 शवों की जांच कर होजेल की सच्चाई उजागर की है। अधिकारियों ने जर्मनी, पोलैंड और टर्की में मारे गए अलग-अलग मरीजों की मौत की जांच की थी। होजेल ने 43 लोगों को मारने की बात कबूली थी।
हालांकि अधिकारी मृतकों की संख्या को संदिग्ध मानते हैं और यह सवाल भी उठते रहे कि आखिर इस नर्स को इतने लोगों को मारने से पहले पकड़ा क्यों नहीं जा सका? अगर यह मुमकिन है कि 15 साल के अंदर 300 कत्ल किए जाएं और यह सच्चाई दबी रह जाए तो यह आखिर यह कैसे संभव हुआ? होजल को 2 मरीजों की हत्या करने और 4 अन्य की हत्या में मदद करने के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। हालांकि अब वो 100 हत्याओं के मामले में ट्रायल का सामना कर रही है।
जज ने होजेल के आठ अन्य पूर्व सहयोगियों के खिलाफ जांच के भी आदेश दिए हैं। इन सभी पर अदालत को भटकाने, सबूतों को छिपाने और उससे छेड़छाड़ करने का आरोप है। मामले में अस्पताल की लापरवाही भी जांच के घेरे में है। अस्पताल के दो चिकित्सक और दो प्रमुख नर्सों के खिलाफ भी चार्ज लगाया गया है। जून के महीने में होजेल ट्रायल का सामना करेगी और उम्मीद है कि इसी महीने में उसपर फैसला भी आ जाएगा। (और…CRIME NEWS)

