वो पहले तंत्र-मंत्र करता और फिर अपने शिकार को उतार देता मौत के घाट। तंत्र-मंत्र करने वाले इस खूंखार सीरियल किलर को फरीदाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। कुरुक्षेत्र के रहने वाले जगतार सिंह को पकड़ने के बाद पुलिस को भी अंदाजा नहीं था कि उसने इतनी सारी हत्याओं को अंजाम दिया है। जानकारी के मुताबिक जगतार 50 शहरों में अब तक 7 हत्याओं को अंजाम दे चुका है। इतना ही नहीं जगतार सिंह ने अब तक 600 से ज्यादा लूटपाट की वारदातों को अंजाम दिया है वो 40 बार जेल भी जा चुका है। लेकिन हर बार थोड़े-थोड़े दिनों पर वो छूट जाता था वजह यह थी कि उसके खिलाफ पुलिस के पास ठोस सबूत नहीं थे।
जाहिर है इस पेशेवर अपराधी का आपराधिक इतिहास इस बात का गवाह है कि पिछले कई सालों से यह जुर्म की दुनिया में एक खौफ बन चुका था। जगतार सिंह उर्फ सरदार ने साल 1997-98 में जरायम की दुनिया में कदम रखा और फिर इसने कभी भी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। इतने सारी लूटपाट को अंजाम देने के बाद भी यह इसलिए हर बार बच निकलता था क्योंकि इसके पास ना तो रहने का कोई ठिकाना था और ना ही इसके बारे में किसी को ज्यादा जानकारी। यह शख्स किसी जगह पर वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाता और फिर लूट के पैसों से अय्याशी किया करता था। लगातार लोकेशन बदलते रहने की वजह से यह पुलिस की पकड़ से हमेशा दूर रहता था। या फिर जब कभी पुलिस उसे पकड़ती भी थी तो वो कुछ ही दिनों में छूट भी जाता था ।
इस शातिर अपराधी के अपराध करने का तरीका और भी खौफनाक है। यह खुद को मां काली का अटूट भक्त बताता है। हर गुनाह करने से पहले यह मां काली की अराधना भी किया करता था। तंत्र-मंत्र पर विश्वास करने वाला जगतार 108 बार काली मां का जाप करने के बाद अपने शिकार को मौत के घाट उतार देता था। लोगों को मौत के घाट उतारने के लिए वो सूआ, चाकू और कैंची जैसे धारदार हथियारों का इस्तेमाल किया करता था। खास बात यह भी है कि यह शातिर अपराधी अकेले ही अपराध की घटनाओं को अंजाम दिया करता था। पुलिस कभी भी इसके बारे में पुख्ता सबूत या कोई बड़ा सुराग हासिल ना कर पाए इसलिए इसने कोई गैंग भी नहीं बनाया था।
जगतार को इस बार क्राइम ब्रांच ने पकड़ा है और उसने उन सभी थानों को भी इसकी गिरफ्तारी के बारे में इत्तिला कर दिया है जहां इसने संगीन वारदातों को अंजाम दिया है। बहरहाल पुलिस अब उसके गुनाहों की किताब के हर पन्ने को उधेड़ने में तथा उसे उसके सही अंजाम तक पहुंचाने में जुट गई है।


