कई कुख्यात गैंगस्टरों की कहानी हमने अब तक आपको बताई है। आज हम जिस कुख्यात का जिक्र यहां कर रहे हैं वो उसपर हत्या, अपहरण और रंगदारी के कई केस दर्ज थे। लेकिन जरायम की दुनिया में आने से पहले उसकी पहचान एक रिक्शाचालक की थी। ओडिशा में कभी शेख हैदर के नाम की तूती बोलती थी। वो यहां हत्या और अपहरण जैसे अपराधों के लिए बेहद कुख्यात था। लेकिन तेलंगाना में पकड़े जाने के बाद जब वो अस्पताल के वार्ड से पुलिसवालों को चकमा देकर फरार हो गया तब वो काफी लाइमलाइट में आया था।

शेख हैदर पैसा और रुतबा कमाने के लिए जरायम की दुनिया में आया। शेख हैदर ने दो शादियां की थीं। साल 1990 से 2000 के बीच शेख हैदर उसके गैंग के सदस्यों ने मिलकर हत्या, अपहरण रंगदारी समेत कई वारदातों को अंजाम दिया। इतना ही नहीं इन दस सालों में हैदर औऱ उसका गैंग खूनी गैंगवार में भी शामिल रहा। जिसमें कुछ लोगों की जान भी गई। हैदर को हत्या के दो मामलों में दोषी पाते हुए दोनों ही मामले में उम्रकैद की सजा हुई थी। लेकिन कहा जाता है कि जेल के अंदर रहते हुए भी वो अपराध की काली दुनिया में अपने कारनामें किया करता था।

ओडिशा के केंद्रपाड़ा शहर में जन्में शेख हैदर को बड़े क्रिमिनल के तौर पर जाना जाता था। शेख हैदर कभी स्कूल नहीं गया। जुर्म की दुनिया में आने से पहले वो रिक्शाचालक हुआ करता था। साल 1980 के आसपास वो रिक्शा चलाकर ईमानदारी की कमाई किया करता था। गरीब शेख हैदर की मुलाकात एक दिन स्थानीय क्रिमिनल रबिंद्र बेहरा से हुई। इस मुलाकात के बाद शेख हैदर जुर्म की दुनिया में उतरा। जिसके बाद उसने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। रबिंद्र बेहरा ने टीटो, सुलेमान और हैदर को केंद्रपाड़ा स्थित अपने घर में पनाह दी औऱ फिर धीरे-धीरे यह तीनों एक कुख्यात गैंगस्टर बन गये। रबिंद्र से ही इन तीनों ने अपराध के गुर सीखे।

साल 1991 में हैदर ने केंद्रपाड़ा कोर्ट परिसर में बुला सेट्ठी नाम के एक शख्स की हत्या कर दी थी जिसे लेकर काफी हंगामा मचा था। साल 1997 में पुलिस के साथ एक मुठभेड़ में वो घायल भी हो गया था। जब हैदर को गिरफ्तार किया गया था तब उसे कटक स्थित एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल लाया गया था। यहां से वो पुलिसकर्मियों को बिरयानी में नशीली दवा मिलाकर खिलाने के बाद 10 अप्रैल को भाग गया था। इस मामले में 6 पुलिसकर्मी सस्पेंड हुए थे। हैदर को पकड़ने के लिए ओडिशा और तेलंगाना पुलिस ने मिलकर ऑपरेशन चलाया था।