Mumbai Cyber Fraud: पूरे देश में ऑनलाइन घोटाले करने वाले गैंग कहर बरपा रहे हैं। घोटालेबाज नकली संदेशों या फर्जी कॉल के जरिए लोगों तक पहुंच रहे हैं। मासूम और बेगुनाह लोगों को लुभा रहे हैं और धोखा देकर उनके बैंक खातों से पैसे निकाल ले रहे हैं। अब ये घोटाले फर्जी नौकरी की पेशकश या यूट्यूब वीडियो रेटिंग तक सीमित नहीं हैं, जालसाज लोगों को धोखा देने के लिए नई-नई योजनाएं बना रहे हैं। मुंबई में ऐसे ही ऑनलाइन स्कैमर्स ने भारतीय नौसेना के एक रिटायर्ड अधिकारी से 2.37 लाख रुपये की धोखाधड़ी को अंजाम दिया।
नेशनलाइज्ड बैंक की कमर्चारी होने का दावा करने वाली ज्योति नाम की महिला का आया था फोन
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ऑनलाइन घोटाला तब शुरू हुआ जब मुंबई से रिटायर्ड नेवी ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल आशीष चिटनिस को कथित तौर पर 8 सितंबर को एक अनजान महिला का फोन आया। फोन करने वाली महिला ने अपना नाम ज्योति बताया। उसने खुद के राष्ट्रीयकृत बैंक की कर्मचारी होने का दावा किया। अशोक नगर, कांदिवली (पूर्व) में स्थित इस बैंक के ब्रांच में चिटनिस का बचत खाता था। कॉल करने वाले ने चिटनिस को आगे बताया कि उसके लॉकर की फीस बकाया है और उसे तुरंत बैंक को 6,600 रुपये का भुगतान करना होगा।
फोन कॉल के कुछ हफ्ते बाद बैंक अकाउंट चेक करने पर दंग रह गए नेवी के रिटायर्ड अफसर
रिपोर्ट में बतया गया है कि फोन कॉल के कुछ हफ्ते बाद चिटनिस ने अपने बैंक स्टेटमेंट की जाँच की तो हैरत में पड़ गए। उन्हें पता चला कि उनके खाते की शेष रकम काफी कम हो गई थी। वह यह जानकर परेशान हो गए कि 8 से 15 सितंबर के बीच एक राष्ट्रीयकृत बैंक में उनके दो बचत खातों से 2.37 लाख रुपये निकाल लिए गए। इस मामले में स्थानीय पुलिस ने कहा, “हमने बैंक से 13 धोखाधड़ी वाले उन खातों के बारे में विवरण मांगा है, जो फंड ट्रांसफर भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी के बैंकिंग खातों से किए गए थे।”
पुलिस को अभी तक नहीं मिल पाया है ऑनलाइन स्कैमर्स का कोई सुराग, कॉल पर भी असमंजस
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि चिटनिस ने अपने बैंक खाते से रकम कैसे गंवाया, लेकिन यह संभव है कि उन्हें यह विश्वास दिलाकर धोखा दिया गया कि घोटालेबाज की फोन कॉल वास्तविक थीं। हो सकता है कि चिटनिस अनजाने में फोन पर घोटालेबाज के साथ अपने बैंक खाते की जानकारी सहित संवेदनशील डिटेल भी शेयर कर दिया हो। क्योंकि घोटालेबाजों ने बकाया लॉकर फीस के बारे में चिटनिस पर दबाव डाला था।
8 सितंबर से 15 सितंबर के बीच चिटनीस के खाते से कई लेनदेन, फोन पर नहीं मिला कोई अलर्ट
रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि जब चिटनिस ने अपनी पासबुक अपडेट की तो पाया कि उनके बैंक खातों में बैलेंस जीरो था। जालसाज ने 8 सितंबर को गुजरात में उनके पहले खाते से 25,000 रुपये के दो धोखाधड़ी वाले लेनदेन के साथ पैसे चुराना शुरू किया। 11 सितंबर को 25,000 रुपये के तीन और 22,000 रुपये का एक लेनदेन हुआ। 13 सितंबर को 25,000 रुपये के दो और लेनदेन हुए और 15 सितंबर को 25,000 रुपये का एक लेनदेन हुआ। 11 और 15 सितंबर के बीच जालसाज ने 15,000 रुपये के तीन और लेनदेन भी किए। हालाँकि, चिटनिस को बैंक में पंजीकृत अपने मोबाइल नंबर पर लेनदेन का एक भी अलर्ट नहीं मिला।
घोटालेबाजों द्वारा अक्सर किया जाता है बैंकों से आने वाले कथित फोन कॉल का इस्तेमाल
मु्ंबई पुलिस ने कहा कि ऑनलाइन स्कैमर्स की जांच चल रही है। लोगों को धोखा देने और ठगने के अपने प्रयासों में घोटालेबाज लगातार नई रणनीति तैयार करते हैं। इसके चलते ऑनलाइन सतर्कता और जागरूकता बरतना महत्वपूर्ण हो जाता है। अक्सर घोटालेबाजों द्वारा बैंकों से आने वाले कथित फोन कॉल का इस्तेमाल किया जाता है। उनसे सावधानी से संपर्क किया जाना चाहिए।
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पुलिस ने बताया – ऑनलाइन स्कैम से कैसे बचें, इन बातों का रखें खास ध्यान
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि कभी भी अपनी निजी जानकारी किसी ऐसे व्यक्ति को न दें जो आपको अनजाना कॉल करता हो। इसमें आपका सामाजिक सुरक्षा नंबर, बैंक खाता नंबर, क्रेडिट कार्ड नंबर और पासवर्ड शामिल हैं। इसके अलावा उन ईमेल या टेक्स्ट संदेशों से सावधान रहें जो आपसे किसी लिंक पर क्लिक करने या कोई अटैच्ड फाइल खोलने के लिए कहते हैं। ये लिंक फ़िशिंग वेबसाइटों को बढ़ावा दे सकते हैं जो आपकी व्यक्तिगत जानकारी चुराने के लिए डिज़ाइन की गई हैं। ऐसे किसी भी निवेश के मौके पर संदेह करें जो कम जोखिम के साथ हाई रिटर्न का वादा करता हो। ये निवेश के ऑफर अक्सर घोटाले होते हैं।
