राजस्थान के करौली से एक दर्दनाक घटना समाने आई है। यहां नादौती उपखंड में एक 18 साल की दलित लड़की के साथ हैवानियत की सारी हदें पार दी गईं। आरोप है कि लड़की को पहले घर से अगवा किया गया फिर जंगल में ले जाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। इसके बाद लड़की की गोली मारकर हत्या कर दी गई औऱ शव को तेजाब से जलाकर कुएं में फेंक दिया गया। रिपोर्ट्स के अनुसार, करौली जिले में 18 साल की लड़की का शव एक कुएं में मिला। परिजनों का आरोप है कि पीड़िता का अपहरण कर उसके साथ दरिंदगी की गई और फिर उस पर तेजाब से हमला किया गया। घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को बराबद किया और फिर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ किया प्रदर्शन

इस घटना से जिले में आक्रोश है। वहीं घटना की जानकारी होने के बाद सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ अस्पताल के बाहर धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग की।

मीडिया से बात करते हुए मीणा ने दावा किया कि पीड़िता का अपहरण के बाद बलात्कार किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई। वहीं परिजनों ने दोषी की तुरंत गिरफ्तारी और 50 लाख रुपये के मुआवजे सहित सरकारी नौकरी की मांग की है।

इस मामले में नादौती थानाप्रभारी बाबू लाल का कहना है कि टोडाभीम क्षेत्र के मोहनपुरा की रहने वाली पीड़िता बुधवार को लापता हो गई थी। अधिकारी ने आगे कहा कि उसके परिवार के सदस्यों ने एक शिकायत में कहा था कि उसका अपहरण कर लिया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई।

बीजेपी सांसद राज्यवर्धन राठौड़ ने घटना को बताया हृदयविदारक

इस खबर की जानकारी होने पर बीजेपी सांसद राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि करौली की यह घटना बेहद हृदयविदारक और निंदनीय है। दलित बेटी की तेजाब से जलाकर हत्या कर शव को कुएं में फेंक दिया गया। राजस्थान में ध्वस्त कानून व्यवस्था ने महिलाओं को असुरक्षित कर दिया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि खुले घूम रहे राक्षसों को कांग्रेस सरकार का संरक्षण मिला हुआ है।

वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्विट कर कहा कि राजस्थान में आपराधिक घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार चरम सीमा को पार कर गया है लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री को राजस्थान की चिंता नहीं है। उन्हें तो सिर्फ 10 जनपथ और अपनी कुर्सी की चिंता है।

उन्होंने आगे कहा कि आज पूरा राजस्थान दलित बेटी के साथ हुए जघन्य अपराध और हत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर न्याय की मांग कर रहा है मगर सरकार इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। यह अत्याचार एक दलित बेटी के साथ हुआ है। फिलहाल इस मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।